Tundla Flyover Collapse : उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के टूंडला क्षेत्र में बुधवार दोपहर एक बड़ा हादसा हो गया। यहां टूंडला से लाइनपार क्षेत्र को जोड़ने वाले निर्माणाधीन फ्लाईओवर के आखिरी हिस्से पर लेंटल डालते समय शटरिंग अचानक ढह गई, जिससे मलबे में कई मजदूर दब गए। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, 10 से 20 लोगों के घायल होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि आधा दर्जन से अधिक को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है। जिला प्रशासन ने मौके पर राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है, और घटना की जांच शुरू हो गई है।
हादसे का विवरण

घटना दोपहर करीब 2 बजे टूंडला के पास रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के निकट हुई। यह फ्लाईओवर शहर के व्यस्त इलाके टूंडला और लाइनपार को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा था, जिसकी अनुमानित लागत करोड़ों रुपये बताई जा रही है। मजदूर आखिरी स्लैब पर कंक्रीट का लेंटल डाल रहे थे, तभी शटरिंग (सपोर्ट स्ट्रक्चर) मजबूत न होने के कारण भरभरा गई। इससे भारी मात्रा में मलबा गिर पड़ा, जिसमें काम कर रहे कम से कम 15-20 मजदूर फंस गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाके जैसी आवाज के साथ पूरा हिस्सा ताश के पत्तों की तरह ढह गया।
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। बचाव कार्य में जेसीबी, क्रेन और मेडिकल टीमों का सहारा लिया जा रहा है। जिलाधिकारी (डीएम) फिरोजाबाद ने बताया, “घायलों को निकटतम अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। किसी की जान जाने की कोई खबर नहीं है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।” आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 7 से अधिक मजदूरों को फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज और टूंडला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। बाकी फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है।
घायलों की स्थिति और प्रभावित परिवार
घायलों में ज्यादातर स्थानीय और बिहार-झारखंड से आए मजदूर शामिल हैं। प्राथमिक जांच में चोटें, हड्डियों में फ्रैक्चर और सदमे की स्थिति पाई गई है। एक मजदूर के परिजन ने बताया, “मेरा भाई लेंटल डालने का काम कर रहा था। अचानक सब कुछ गिर गया। अभी तक कोई खबर नहीं मिली।” प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजे का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इसकी जानकारी दी गई है, और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
संभावित कारण और जांच
प्रारंभिक जांच में निर्माण सामग्री की खराब गुणवत्ता, शटरिंग की कमजोर डिजाइनिंग या अधिक भार के कारण हादसा बताया जा रहा है। स्थानीय लोगों और विपक्षी नेताओं ने इसे “भ्रष्टाचार का मलबा” करार देते हुए ठेकेदारों और इंजीनियरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता प्रशांत कुमार यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, “यह हादसा नहीं, भ्रष्टाचार का परिणाम है। योगी सरकार में टेंडर रिश्तेदारी से बंट रहे हैं।” लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य नियमों के अनुसार ही चल रहा था, लेकिन अब पूरी घटना की मजिस्ट्रियल जांच होगी।
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प्रशासन की प्रतिक्रिया और राहत कार्य
फिरोजाबाद एसएसपी और डीएम ने संयुक्त रूप से मौके का मुआयना किया। राहत कार्य में एनडीआरएफ की टीम भी शामिल हो गई है। सड़क मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। डीएम ने कहा, “सभी घायलों को उचित इलाज दिया जाएगा। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।” स्थानीय विधायक ने भी अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
यह घटना उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में पुल निर्माण से जुड़ी दुर्घटनाओं की याद दिलाती है, जहां गुणवत्ता की कमी से कई प्रोजेक्ट प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने अपील की है कि कोई भी अफवाह पर विश्वास न करे और आधिकारिक अपडेट का इंतजार करे। हादसे के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें मलबे के ढेर और बचाव कार्य की झलक दिखाई दे रही है।
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