Black Flags Shown To SP MP Aditya Yadav : उत्तर प्रदेश के बदायूं लोकसभा क्षेत्र के फैजगंज बेहटा थाना अंतर्गत खेड़ा दास गांव में गुरुवार को एक बड़ा राजनीतिक हंगामा मच गया। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आदित्य यादव जब गांव में पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उन्हें काले झंडे दिखाकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। नारों के बीच सांसद का काफिला गांव में घुसते ही निशाना बना, और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। यह घटना एक पुरानी घटना से जुड़ी हुई है, जहां गांव में एक परिवार पर हमले के आरोपी गुंडों पर कार्रवाई न होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। ग्रामीणों का गुस्सा सपा की ‘क्षत्रिय विरोधी मानसिकता’ पर फूट पड़ा, जिसके चलते प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास विफल हो गया।
घटना का पूरा ब्योरा: पुरानी घटना ने भड़काया आग

यह विवाद 2 अक्टूबर 2025 को खेड़ा दास गांव में हुई एक हिंसक घटना से जुड़ा है। गांव के एक ही परिवार पर गुंडों ने हमला बोल दिया था, जिसमें परिवार के नौ सदस्य बुरी तरह घायल हो गए थे। हमले के दौरान एक सदस्य की मौत भी हो गई थी। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी गुंडे सपा से जुड़े हैं और पार्टी की ‘क्षत्रिय विरोधी मानसिकता’ के कारण स्थानीय प्रशासन पर दबाव डालकर आरोपी बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार, हमला पारिवारिक विवाद से उपजा था, लेकिन इसमें जातिगत रंग भी घुस आया। पीड़ित परिवार क्षत्रिय समुदाय से ताल्लुक रखता है, और आरोपी गुंडों को सपा का संरक्षण प्राप्त होने की शिकायतें लंबे समय से चल रही हैं। घटना के बाद पीड़ित परिवार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई में देरी होने से गांव में आक्रोश बढ़ता गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि सपा के दबाव में पुलिस आरोपी गुंडों को गिरफ्तार नहीं कर पाई, जिससे न्याय की उम्मीद टूट गई।
सांसद आदित्य यादव का दौरा: समर्थन देने पहुंचे, विरोध का सामना
आज गुरुवार को सपा सांसद आदित्य यादव प्रदेश स्तर पर पार्टी के अन्य नेताओं के साथ गांव पहुंचे। उनका मकसद पीड़ित परिवार से मिलना, मामले की जानकारी लेना और प्रशासन पर आरोपी गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दबाव बनाना था। सांसद ने अपने बयान में कहा कि पार्टी न्याय की पक्षधर है और किसी भी निर्दोष के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने आरोपी गुंडों को चेतावनी दी कि कानून सबके लिए बराबर है।
हालांकि, सांसद के काफिले के गांव में प्रवेश करते ही माहौल गरम हो गया। सैकड़ों ग्रामीणों ने हाथों में काले झंडे थामे सांसद का विरोध शुरू कर दिया। नारों में ‘सपा हटाओ, गुंडा राज हटाओ’, ‘न्याय दो या फिर जाओ’ जैसे जुमले गूंजने लगे। ग्रामीणों का आरोप था कि सपा नेता आरोपी गुंडों के संरक्षक हैं और अब दिखावा करने के लिए गांव आ रहे हैं। विरोध इतना तीव्र था कि सांसद का काफिला गांव में ज्यादा देर रुक न सका। कुछ ग्रामीणों ने सांसद से सीधे सवाल भी किए, लेकिन हंगामे के कारण बातचीत संभव न हो सकी।
वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि ग्रामीण सांसद के वाहनों के चारों ओर घेरा बना चुके थे। काले झंडों के साथ-साथ कुछ युवाओं ने पार्टी के झंडे उल्टे लहराए। स्थानीय पुलिस ने हल्की फोर्स तैनात की थी, लेकिन किसी बड़े हादसे को टालने में सफल रही।
ग्रामीणों का पक्ष: ‘सपा की साजिश से न्याय मिलना मुश्किल’
गांव के सरपंच राम सिंह (काल्पनिक नाम, गोपनीयता के लिए) ने बताया, “हमारा पूरा परिवार तबाह हो चुका है। 2 अक्टूबर को गुंडों ने घर पर हमला किया, मेरे भाई की जान चली गई और नौ लोग अस्पताल में हैं। सपा कहती है कि कार्रवाई होगी, लेकिन उनके ही गुंडे आरोपी हैं। अब ये नेता न्याय की बात करने आते हैं, लेकिन वोट न मिले तो याद रखेंगे।” ग्रामीणों ने सपा पर जातिगत भेदभाव का भी आरोप लगाया, कहा कि पार्टी की नीतियां क्षत्रिय समुदाय के खिलाफ हैं।
एक बुजुर्ग ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “आदित्य यादव अच्छे हैं, लेकिन पार्टी का चेहरा बदला नहीं। हम काले झंडे इसलिए दिखा रहे हैं क्योंकि न्याय नहीं मिला। अगर सपा सत्ता में आती है, तो हम जैसे गांव वाले और दबाव में आ जाएंगे।”
सपा का जवाब: ‘विरोध षड्यंत्र का हिस्सा’
सपा के एक स्थानीय नेता ने बताया कि विरोध कुछ असंतुष्ट तत्वों द्वारा रचित षड्यंत्र है। सांसद आदित्य यादव ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर कहा, “हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। आरोपी चाहे किसी भी पार्टी के हों, उन्हें सजा मिलेगी। विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन न्याय की लड़ाई जारी रहेगी।” पार्टी ने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
राजनीतिक निहितार्थ: बदायूं में सपा की बढ़ी मुश्किलें
बदायूं लोकसभा क्षेत्र सपा का पारंपरिक गढ़ रहा है, जहां आदित्य यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के दुर्विजय सिंह शाक्य को 35,067 वोटों से हराया था। लेकिन आज की घटना ने पार्टी के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। क्षेत्र में जातिगत समीकरण जटिल हैं, जहां यादव, मुस्लिम और क्षत्रिय वोट बैंक महत्वपूर्ण हैं। ग्रामीणों का विरोध सोशल मीडिया पर वायरल होने से सपा की छवि पर असर पड़ सकता है। विपक्षी दल भाजपा ने इसे मौका मानते हुए सपा पर ‘गुंडा राज’ लौटाने का आरोप लगाया है।
स्थानीय भाजपा नेता ने कहा, “सपा जहां जाती है, विवाद साथ लाती है। ग्रामीणों का गुस्सा सच्चाई बयान कर रहा है। हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन के साथ खड़े हैं।