Delhi Blast : दिल्ली के रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोटक हमले की जांच में एक नया मोड़ आ गया है। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने कानपुर के एक प्रमुख मेडिकल संस्थान से जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग निवासी डॉ. मोहम्मद आरिफ को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। डॉ. आरिफ कार्डियोलॉजी विभाग में डीएम (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) की पढ़ाई कर रहे थे और वे NEET-SS 2024 बैच के छात्र हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि वे गिरफ्तार संदिग्ध डॉ. शाहीन शाहिद के साथ लंबे समय से संपर्क में थे। इस मामले में डॉ. शाहीन के भाई डॉ. परवेज़ अंसारी से मिली जानकारी के आधार पर ATS ने डॉ. आरिफ को कानपुर से दबोचा।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, जम्मू-कश्मीर पुलिस और UP ATS की संयुक्त टीम ने मंगलवार रात डॉ. परवेज़ को हिरासत में लेकर दिल्ली रवाना कर दिया। सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े एक बड़े ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ का हिस्सा है, जिसमें शिक्षित पेशेवर जैसे डॉक्टर और इंजीनियर शामिल हैं। जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क के कानपुर, लखनऊ, फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर के बीच लिंक को उजागर करने पर जुटी हुई हैं।

डॉ. आरिफ का बैकग्राउंड और हिरासत की डिटेल्स
डॉ. मोहम्मद आरिफ (उम्र लगभग 28-30 वर्ष) मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के रहने वाले हैं। वे कानपुर के एल.पी.एस. इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोथोरैसिक एंड वास्कुलर सर्जरी एंड कार्डियक मेडिसिन (जो GSVM मेडिकल कॉलेज से संबद्ध है) में कार्डियोलॉजी में डीएम कोर्स कर रहे थे। NEET-SS 2024 परीक्षा के माध्यम से उन्होंने यह दाखिला लिया था। वे अशोक नगर क्षेत्र में रहते थे और सामान्य छात्र जीवन जी रहे थे।
बुधवार रात ATS की टीम ने डॉ. परवेज़ अंसारी की पूछताछ के दौरान डॉ. आरिफ का नाम सामने आते ही तत्काल कार्रवाई की। डॉ. परवेज़, जो लखनऊ के एक निजी माइनॉरिटी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे, ने कथित तौर पर अपने बयान में बताया कि डॉ. आरिफ शाहीन के संपर्क में था। फोन रिकॉर्ड्स और कॉल डिटेल्स से पुष्टि हुई कि दोनों के बीच लंबे समय से संवाद चल रहा था। ATS ने डॉ. आरिफ को हिरासत में लेते हुए उनके फोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइसेस जब्त कर ली हैं। पूछताछ में डॉ. आरिफ से शाहीन और अन्य संदिग्धों के साथ उनके रिश्ते, विदेश यात्राओं और धार्मिक सभाओं (जैसे इज्तेमा) में भागीदारी के बारे में सवाल किए जा रहे हैं।
शाहीन शाहिद नेटवर्क का कानपुर कनेक्शन
यह मामला दिल्ली के रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुई कार बम ब्लास्ट से जुड़ा है, जिसमें 10 लोग मारे गए और कई घायल हुए। ब्लास्ट के बाद जांच में शाहीन शाहिद का नाम प्रमुखता से उभरा। डॉ. शाहीन (उम्र 38 वर्ष) इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाली पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, जो 2006 से 2013 तक कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में तैनात रहीं। 2021 में वे अचानक लापता हो गईं और बाद में फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगीं। जांच एजेंसियों के अनुसार, वे JeM की महिलाओं के विंग को लीड करने की तैयारी कर रही थीं और पाकिस्तान से निर्देश ले रही थीं।
डॉ. शाहीन के फोन रिकॉर्ड्स से पता चला कि वे डॉ. मुजम्मिल शकील (पुलवामा, जेके निवासी) के करीबी थीं, जिन्हें फरीदाबाद से 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री (जैसे अमोनियम नाइट्रेट) के साथ गिरफ्तार किया गया। मुजम्मिल पर JeM और अंसार गजवात-उल-हिंद से लिंक हैं। शाहीन के भाई डॉ. परवेज़ को लखनऊ के मुत्ताकीपुर इलाके से उठाया गया, जहां उनकी फैमिली की रेसिडेंस पर छापेमारी हुई। परवेज़ के लखनऊ के लालबाग घर से भी महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए।
ATS ने कानपुर मेडिकल कॉलेज में भी सर्च ऑपरेशन चलाया, जहां शाहीन के पुराने रिकॉर्ड्स जब्त किए गए। कॉलेज कैंपस में ATS और लोकल पुलिस की मौजूदगी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। जांच में सामने आया कि शाहीन कानपुर रहते हुए कई विदेश यात्राएं कर चुकी थीं और मुस्लिम बहुल इलाकों में धार्मिक सभाओं में सक्रिय रहती थीं।
बड़े टेरर मॉड्यूल का खुलासा: डॉक्टरों का ‘स्लीपर सेल’
यह गिरफ्तारियां जम्मू-कश्मीर पुलिस की अगुवाई में चल रही जांच का हिस्सा हैं, जो 7 नवंबर को शुरू हुईं। तब अनंतनाग के डॉ. आदिल अहमद को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया, जिनके पास AK-47 राइफल बरामद हुई। डॉ. आदिल GMC अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट थे। इसके बाद मुजम्मिल, शाहीन और परवेज़ की गिरफ्तारी हुई। अब डॉ. आरिफ की हिरासत से नेटवर्क का कानपुर चैप्टर खुल गया है।
सूत्र बताते हैं कि यह ‘शिक्षित चरमपंथी’ नेटवर्क है, जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर और एकेडमिक्स पाकिस्तान से निर्देश लेकर स्लीपर सेल चला रहे हैं। दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट जैसी सामग्री फरीदाबाद से ही सप्लाई हुई थी। NIA और ATS अब डॉ. आरिफ के अनंतनाग कनेक्शन की पड़ताल कर रही हैं, जहां JeM का मजबूत बेस है। श्रीनगर में एक शादी समारोह में इन डॉक्टरों की मौजूदगी भी जांच के दायरे में है।
आगे की जांच और सुरक्षा उपाय
संयुक्त टीम डॉ. परवेज़ को दिल्ली ले गई है, जहां NIA मुख्यालय में गहन पूछताछ होगी। डॉ. आरिफ को कानपुर में ही रखा गया है, लेकिन जल्द दिल्ली ट्रांसफर हो सकता है। UP पुलिस ने कानपुर और लखनऊ में सतर्कता बढ़ा दी है, खासकर मेडिकल कॉलेजों और मुस्लिम बहुल इलाकों में। DGP अतुल कुमार शर्मा ने कहा, “हम इस मॉड्यूल को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे। विदेशी फंडिंग और रेडिकलाइजेशन पर नजर रखी जा रही है।”
यह घटनाक्रम देश में टेरर नेटवर्क के बदलते स्वरूप को उजागर करता है, जहां पारंपरिक मदरसे की बजाय उच्च शिक्षित पेशेवर सक्रिय हैं। जांच जारी है, और आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।










