Pakistan-Backed Terror Plot Exposed In J&K: जम्मू-कश्मीर में बढ़ी हलचल, खुफिया एजेंसियों का हाई अलर्ट जारी

Pakistan-Backed Terror Plot Exposed In J&K: घाटी में फिर एक्टिव हुए आतंकी, भारत के खिलाफ पाकिस्तान की नई साजिश बेनकाब

Pakistan-Backed Terror Plot Exposed In J&K: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर बड़े खतरे की आहट महसूस कर रही है। केंद्र की खुफिया एजेंसियों (Intelligence Agencies) ने राज्य में हाई अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि पाकिस्तान (Pakistan) की शह पर सक्रिय आतंकी संगठन आने वाले हफ्तों में बड़े हमलों की साजिश रच रहे हैं। रिपोर्टों में संकेत मिले हैं कि यह समूह मूविंग व्हीकल IED और सुसाइड मिशन जैसे घातक तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालिया सैन्य अभियानों के बावजूद घाटी और जम्मू के कुछ इलाकों में विदेशी आतंकियों की संख्या अचानक बढ़ने से सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं। कई संगठनों की बढ़ती सक्रियता और नए नेटवर्क के उभरने ने चुनौती और अधिक जटिल कर दी है। आखिर यह अचानक बढ़ी हलचल का मतलब क्या है? तो चलिए जानते हैं पूरा मामला विस्तार से…

राज्य में बढ़ती आतंकी हलचल की पृष्ठभूमि/Pakistan-Backed Terror Plot Exposed In J&K

जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में हाल के दिनों में आतंकी गतिविधियों में तेज़ी आई है, जिसके बाद केंद्र की खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ा अलर्ट जारी किया है। इनपुट्स के अनुसार, पाकिस्तान (Pakistan) से संचालित आतंकी समूह सर्दियों की शुरुआत से पहले बड़े पैमाने पर सक्रिय होने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्टें संकेत देती हैं कि आतंकवादी मूविंग व्हीकल IED का इस्तेमाल कर सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं। खुफिया जानकारी के अनुसार, इन हमलों को दिल्ली-स्टाइल सुसाइड बम ब्लास्ट जैसी घटनाओं के रूप में भी अंजाम दिया जा सकता है। इसके साथ ही घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या बढ़कर 131 हो गई है, जिनमें से 122 विदेशी और केवल 9 स्थानीय हैं। स्थानीय आतंकवाद लगभग समाप्त होने की कगार पर है, लेकिन विदेशी घुसपैठ में तेजी ने सुरक्षा एजेंसियों को नए सिरे से सतर्क कर दिया है।

बढ़ती घुसपैठ और आतंकी ग्रुप्स की नई गतिविधियां

पहलगाम (Pahalgam) हमले से पहले अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर में केवल 59 पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय थे, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के 21-21 सदस्य शामिल थे। लेकिन हालिया सैन्य अभियानों के बावजूद विदेशी आतंकियों की संख्या बढ़कर दोगुने से ज्यादा हो गई है। TRF, PAFF जैसे प्रॉक्सी ग्रुप लगातार नए लड़ाके भारतीय क्षेत्र में भेज रहे हैं। एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि घाटी में OGW नेटवर्क को काफी हद तक खत्म कर दिया गया है, लेकिन अनजान विदेशी आतंकियों की एंट्री ने चुनौती और बढ़ाई है। आतंकियों के छोटे, बिखरे हुए समूह जंगलों, पहाड़ी इलाकों और सीमा से सटे क्षेत्रों में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि पाकिस्तान समर्थित मॉड्यूल भारत के अंदर गहरे नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश में हैं।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई, एनकाउंटर और बदलता समीकरण

पिछले दो वर्षों में सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में कई सफल अभियानों के जरिए बड़ी संख्या में आतंकियों को ढेर किया है। 2024 में 61 और 2023 में 60 आतंकवादी मारे गए थे, जिनमें 45 आतंकी राज्य के भीतर और 16 सीमा क्षेत्रों में ढेर हुए। हालांकि इस दौरान 21 पाकिस्तानी नागरिक, 28 आम नागरिक और 16 जवान भी शहीद हुए। “ज़ीरो टेरर” नीति के चलते स्थानीय आतंकवाद लगभग समाप्त हो चुका था, लेकिन हाल की घटनाएं- जैसे लाल किला (Red Fort) कार बम ब्लास्ट और व्हाइट कॉलर जैश (White Collar Jaish) मॉड्यूल का भंडाफोड़ — ने सुरक्षा समीकरण को फिर बदल दिया है। पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद 12 शीर्ष आतंकियों के मारे जाने के बावजूद, विदेशी समूहों की सक्रियता एक नई रणनीतिक चुनौती बनकर उभरी है।

उभरता नया ‘व्हाइट कॉलर’ जैश नेटवर्क

खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) अब एक नए प्रकार के खतरनाक आतंकवादी मॉड्यूल से जूझ रहा है, जिसे “व्हाइट कॉलर जैश नेटवर्क” कहा जा रहा है। इस ग्रुप की विशेषता यह है कि यह आम नागरिकों की तरह समाज में घुल-मिलकर काम करता है और तकनीकी एवं वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल कर अपने नेटवर्क को मजबूत करता है। इस मॉड्यूल की वास्तविक क्षमता, नेतृत्व संरचना और सक्रिय सदस्यों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। दिल्ली (Delhi), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), हरियाणा (Haryana) और जम्मू-कश्मीर में फैले इस नेटवर्क के खिलाफ संयुक्त अभियान चल रहा है। सुरक्षा एजेंसियां हर संदिग्ध गतिविधि की जांच कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन और भी तेज़ हो सकते हैं, क्योंकि यह नेटवर्क भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनकर सामने आया है।

Other Latest News

Leave a Comment