What If Earth Stop Rotating: अगर धरती घूमना बंद कर दे तो क्या बचेगा जीवन? साइंस की सबसे डरावनी सच्चाई

What If Earth Stop Rotating: कौन होगा जिंदा और कैसे बदलेगी धरती? पढ़ें चौंकाने वाली साइंटिफिक रिपोर्ट

What If Earth Stop Rotating: सोचिए… अगर एक सुबह उठें और पता चले कि पृथ्वी (Earth) ने घूमना बंद कर दिया है। न सूरज उगे, न रात ढले, न मौसम अपने समय पर आएं बल्कि सब कुछ एक झटके में खत्म होने लगे। वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी का घूमना सिर्फ दिन-रात का चक्र नहीं है, बल्कि हमारी पूरी जिंदगी की नींव है। जिस क्षण यह रुक जाएगी, उसी क्षण धरती पर विनाश की एक ऐसी श्रृंखला शुरू होगी जो किसी भी बड़े ग्रह-टक्कर से कम नहीं होगी। समुद्र, हवाएं, तापमान, महाद्वीप- सब एक ऐसी अराजक स्थिति में चले जाएंगे जिसकी कल्पना भी डर पैदा करती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी परिस्थिति में कोई जिंदा बच भी पाएगा?

विनाश का पहला अध्याय/What If Earth Stop Rotating

पृथ्वी (Earth) लगभग 1670 किमी/घंटा की रफ्तार से अपनी धुरी पर घूमती है। हम इस गति को महसूस नहीं कर पाते क्योंकि हम भी उसी गति से घूम रहे होते हैं। लेकिन अगर पृथ्वी अचानक रुक जाए, तो यह घटना ब्रह्मांड में होने वाले किसी भी विशाल विस्फोट जैसी विनाशकारी मानी जाएगी। वैज्ञानिक बताते हैं कि घूमना बंद होते ही सबसे पहला असर धरती की सतह पर महसूस होगा—इमारतें, समुद्र, पर्वतों की चट्टानें, वाहन, पेड़-पौधे, यहां तक कि इंसान भी पूर्व दिशा की ओर जबरदस्त वेग से फेंके जाएंगे।
यह टक्कर इतनी ताकतवर होगी मानो किसी ने चलते हुए ग्रह को अचानक रोक दिया हो। धरती की सतह पर बने स्थिर ढांचे एक-एक करके ढहने लगेंगे और क्षितिज पर मलबे का तूफानी बादल उठने लगेगा। मानव सभ्यता कुछ ही मिनटों में अराजकता में बदल जाएगी।

समुद्रों का उफान और बदले महाद्वीपों के चेहरे

पृथ्वी के घूमने से पैदा होने वाली सें्ट्रीफ्यूगल फोर्स समुद्रों को स्थिर रखने में मदद करती है। लेकिन जैसे ही यह फोर्स खत्म होगी, समुद्र अपनी जगह छोड़कर नए दिशा में खिसकने लगेंगे। वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार पहले 24 घंटों में एशिया (Asia), अफ्रीका (Africa), यूरोप (Europe) और अमेरिका (America) पर 100 मीटर तक ऊंची सुनामी टकराएंगी। धीरे-धीरे महासागर भूमध्य रेखा (Equator) की ओर बहने लगेंगे, जहां पानी इकट्ठा होकर धरती पर नई “सागर-रेखाएं” बना देगा। ध्रुवीय क्षेत्र अपनी बर्फीली परत के बढ़ते बोझ से नीचे धंसने लगेंगे। कई महाद्वीपों के तट पूरी तरह गायब हो जाएंगे जबकि कुछ ऊंचे स्थल नए द्वीपों में बदल सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में भूगोल हमेशा के लिए बदल जाएगा और आज की दुनिया की सीमाएं पहचान में नहीं आएंगी।

दिन-रात का नया नियम और हवा का घातक रूप

अगर धरती घूमना बंद कर दे, तो उसका एक दिन 24 घंटे का नहीं बल्कि 6 महीने का हो जाएगा। इसका मतलब—एक तरफ आधा वर्ष लगातार सूरज की तेज रोशनी और तापमान 100°C से ऊपर। दूसरी तरफ 6 महीने का अंधेरा और तापमान -100°C तक गिर सकता है। यह चरम तापमान जीवमंडल को दो हिस्सों में बांट देगा—एक हिस्सा आग की तपिश में जलता हुआ और दूसरा हिस्सा अंधेरे में जमता हुआ। इसके साथ ही पृथ्वी रुकते ही वायुमंडल अपनी गति से घूमता रहेगा। इससे हवाओं की स्पीड 1700 किमी/घंटा से अधिक हो जाएगी, जो किसी भी विमान, इमारत या शहर को पलक झपकते उड़ा देने के लिए काफी है। ये तूफान सामान्य चक्रवात नहीं, बल्कि ग्रह-स्तरीय झटके होंगे, जो भूभागों को चीरते हुए गुजरेंगे।

कौन जिंदा बचेगा? वैज्ञानिकों ने बताई अंतिम संभावना

वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि पृथ्वी अचानक रुक जाए, तो इंसानों सहित किसी भी बड़े जीव का बचना लगभग असंभव है। लेकिन अगर यह गति धीरे-धीरे कम होने लगे, तब जीवित रहने की थोड़ी उम्मीद बन सकती है। संभावना उन क्षेत्रों में अधिक होगी जो भूमध्य रेखा से दूर, ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाके हों, जहां न तापमान इतने चरम होंगे और न समुद्र का सीधा खतरा। भूमिगत बंकर, गहरी गुफाएं और वैज्ञानिक तरीके से बनाए गए प्रोटेक्टेड ज़ोन कुछ समय तक जीवन को बचा सकते हैं। समुद्र की गहराई में रहने वाले जीव, ध्रुवीय बर्फ के नीचे मौजूद सूक्ष्मजीव और एक्सट्रीम कंडीशन में जीवित रहने वाले माइक्रो-ऑर्गेनिज़्म शायद इस बदलाव को झेल सकें। लेकिन पृथ्वी जैसी जीवन-अनुकूल दुनिया में जीवन का ये रूप इंसानी सभ्यता जैसा नहीं होगा बल्कि एक नया, अलग और संघर्षपूर्ण अस्तित्व हो सकता है।

Other Latest News

Leave a Comment