Strong Earthquake Hit Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली में धरती कांपी 3.7 तीव्रता के भूकंप ने जगाई चिंता

Strong Earthquake Hit Uttarakhand: चमोली फिर हिला उत्तराखंड में 3.7 तीव्रता का भूकंप महसूस, लोगों में दहशत

Strong Earthquake Hit Uttarakhand: उत्तराखंड (Uttarakhand) का पहाड़ी इलाका एक बार फिर भूकंप के झटकों से दहला, जब चमोली (Chamoli) में अचानक धरती हिली और लोगों में दहशत का माहौल फैल गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology – NCS) ने इसकी तीव्रता 3.7 दर्ज की, जो सुबह करीब 10.27 बजे महसूस की गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि झटके कुछ ही सेकंड के थे, लेकिन जिस तरह धरती कांपी, उससे लोग घरों से निकलकर खुले स्थानों में जमा हो गए। जिला प्रशासन ने एहतियातन अलर्ट जारी कर दिया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार किसी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई है, फिर भी लोग डर के साये में हैं क्योंकि इसी इलाके में पिछले कुछ महीनों में भूकंप की गतिविधि बढ़ी है।

चमोली में 3.7 तीव्रता के झटके/Strong Earthquake Hit Uttarakhand

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार चमोली (Chamoli) में सुबह करीब 10.27 बजे 3.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ। झटके कम समय के लिए थे, लेकिन महसूस इतने तेज हुए कि लोग तुरंत घरों और दुकानों से बाहर निकल आए। कई इलाकों में हल्के कम्पन के साथ खिड़कियों और दरवाजों में कंपन महसूस हुआ। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि भूकंप का केंद्र चमोली जिले के आसपास की पर्वतीय पट्टी में था। अच्छी बात यह रही कि इस झटके से किसी भी तरह की जान-माल हानि की सूचना नहीं मिली है। फिर भी इलाके के लोग भयभीत हैं, क्योंकि हाल ही में रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में भी भूकंपीय गतिविधि बढ़ी है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे झटके संकेत हैं कि भूगर्भीय दबाव बढ़ रहा है, जिसे हल्के भूकंप रिलीज करते रहते हैं।

उत्तराखंड का संवेदनशील भूकंपीय ज़ोन

उत्तराखंड (Uttarakhand) देश के उन राज्यों में शामिल है जो भूकंप के उच्च जोखिम वाले संवेदनशील क्षेत्र में आते हैं। हिमालयी क्षेत्र लगातार टेक्टॉनिक गतिविधियों के प्रभाव में रहता है, जिसके कारण यहां हल्के से लेकर मध्यम तीव्रता के भूकंप आम हो गए हैं। चमोली (Chamoli), रुद्रप्रयाग (Rudraprayag), उत्तरकाशी (Uttarkashi) और पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जैसे जिले भूगर्भीय दृष्टि से अत्यंत सक्रिय माने जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट की निरंतर टक्कर से इस पूरे इलाके में भूकंप की आशंका बनी रहती है। बीते कुछ वर्षों में राज्य में लगातार छोटे-छोटे झटके दर्ज किए गए हैं, जो इस बात का संकेत हैं कि भूगर्भीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। इसी पृष्ठभूमि में चमोली में रविवार सुबह आए झटकों ने लोगों के भय को और बढ़ा दिया है।

राहत एवं बचाव टीम सतर्क

चमोली (Chamoli) जिला प्रशासन ने भूकंप के बाद तुरंत राहत एवं बचाव टीमों को सतर्क कर दिया। स्थानीय प्रशासन ने सभी ग्राम प्रधानों और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को स्थिति की रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि किसी भवन में दरार या नुकसान नहीं पाया गया है, लेकिन एहतियातन टीमें गांव-गांव स्थिति का आकलन कर रही हैं। वहीं, भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार छोटे झटके यह संकेत देते हैं कि हिमालयी क्षेत्र में टेक्टॉनिक मूवमेंट सक्रिय है। रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) में 15 नवंबर को आए 6.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप की यादें अभी भी ताज़ा हैं, जिसके कारण लोगों की संवेदनशीलता और बढ़ जाती है। सोशल मीडिया पर भी लोग लगातार अपडेट मांग रहे हैं और सुरक्षित रहने की अपील कर रहे हैं।

बड़े झटकों की संभावनाओं का संकेत

अभी तक चमोली (Chamoli) से किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन जिला प्रशासन लगातार निगरानी बनाए हुए है। गांवों में अधिकारियों की टीमें भेजी गई हैं ताकि किसी तरह की दरार, भू-स्खलन या संरचनात्मक क्षति का पता लगाया जा सके। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा रखने की अपील की है। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसे छोटे भूकंप भविष्य में बड़े झटकों की संभावनाओं का संकेत हो सकते हैं, इसलिए आपदा तैयारी को मजबूत करना होगा। सरकार ने जोखिम वाले इलाकों में जागरूकता बढ़ाने, सुरक्षित निर्माण तकनीक अपनाने और आपातकालीन योजनाओं को अपडेट करने की दिशा में काम तेज करने की बात कही है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन एहतियात और सावधानी बेहद ज़रूरी है।

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