UP Mission Rozgar Success Story: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में रोजगार को लेकर चल रही सरकारी पहल अब बड़े स्तर पर असर दिखाने लगी है। स्किल इंडिया मिशन और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत 5.66 लाख से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग के बाद रोजगार मिला है। खास बात यह है कि सरकार अब पारंपरिक नौकरियों के साथ डिजिटल, एआई (AI) और ग्रीन जॉब्स जैसे नए क्षेत्रों में भी अवसर तैयार कर रही है। राज्य में तेजी से बदलते औद्योगिक माहौल को देखते हुए कौशल विकास केंद्रों, ट्रेनिंग पार्टनर्स और रोजगार मेलों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। अब आने वाले हफ्तों में प्रदेश के पांच बड़े जिलों में मेगा जॉब फेयर आयोजित किए जा रहे हैं, जिनसे हजारों युवाओं को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।
यूपी के मिशन रोजगार की पृष्ठभूमि/UP Mission Rozgar Success Story
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में रोजगार सुधार की शुरुआत वर्ष 2017 के बाद तेजी से बढ़ी, जब सरकार ने मिशन रोजगार को जमीनी स्तर पर उतारने का निर्णय लिया। स्किल इंडिया मिशन और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के जरिए युवाओं को उद्योग आधारित कौशल देना प्राथमिकता बना। इसी कड़ी में आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा गया और जिले-दर-जिले रोजगार का रोडमैप तैयार किया गया। राज्य में उन क्षेत्रों की पहचान की गई, जहां पारंपरिक नौकरियों के साथ नए सेक्टरों, जैसे डिजिटल सेवाएं, एआई (AI), ईवी मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन एनर्जी में भी अवसर बढ़ रहे हैं। सरकार ने रोजगार को केवल भर्ती तक सीमित न रखकर, स्टार्टअप और स्वरोजगार को भी अपनी नीति में शामिल किया, जिससे मिशन रोजगार युवाओं के लिए एक बड़े प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा।

5.66 लाख युवाओं को ट्रेनिंग और नौकरी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 से अब तक 5 लाख 66 हजार से अधिक युवाओं को विभिन्न तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश के 2,800 से ज्यादा प्रशिक्षण केंद्रों में युवाओं को मार्केट की मांग के अनुसार कौशल दिया गया, जिससे बेरोजगारी दर में निरंतर गिरावट दर्ज हुई। खास पहल सीएम युवा उद्यमी योजना के तहत युवाओं को स्वयं का काम शुरू करने के लिए आसान ऋण और मार्गदर्शन मिला, जिससे हजारों नए स्टार्टअप उभरकर आए। सरकार का दावा है कि इन पहलों ने न केवल रोजगार संख्या बढ़ाई, बल्कि युवाओं का भरोसा भी मजबूत किया। आधुनिक जॉब रोल्स- जैसे डिजिटल मार्केटिंग, एआई तकनीक, इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन एनर्जी- से जुड़े कौशल ने प्रदेश के युवाओं को नए रोजगार मॉडल से जोड़ा।
आधुनिक ट्रेनिंग और कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी
युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 1,747 ट्रेनिंग पार्टनर्स के साथ समझौते किए हैं। इनक्यूबेशन सेंटरों के माध्यम से युवाओं को किताबों से आगे बढ़कर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जा रही है। डिजिटल मार्केटिंग, एआई (Artificial Intelligence), ईवी (Electric Vehicle) मैन्युफैक्चरिंग और अन्य हाई-डिमांड स्किल्स को कोर्स संरचना में शामिल किया गया है। कौशल प्रतियोगिताओं में भी यूपी के युवा रिकॉर्ड संख्या में भाग ले रहे हैं, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में और सुधार हुआ है। दूसरी ओर, बड़ी कंपनियाँ भी अब प्रदेश में भर्ती के अवसर बढ़ा रही हैं। हाल ही में आयोजित रोजगार महाकुंभ में 100 कंपनियों ने हिस्सा लिया और 50,000 से अधिक युवाओं को अवसर मिले। इससे साफ है कि उद्योग जगत भी यूपी के स्किल मॉडल को लेकर उत्साहित है।
अब इन 5 जिलों में लगेंगे मेगा रोजगार मेले
रोजगार मेलों ने युवाओं और कंपनियों के बीच सीधा इंटरैक्शन बढ़ाया है। अब लखनऊ (Lucknow), गोरखपुर (Gorakhpur), झांसी (Jhansi), वाराणसी (Varanasi) और मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में बड़े स्तर पर जॉब फेयर आयोजित किए जा रहे हैं। इन मेलों में एसबीआई (SBI), एचडीएफसी (HDFC), अमेजन (Amazon), महिंद्रा (Mahindra), स्विगी (Swiggy) और जोमैटो (Zomato) जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल होंगी। अनुमान है कि 15,000 से अधिक नए रोजगार अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही हर जिले में मासिक प्लेसमेंट ड्राइव भी चल रही है, जिससे रोजगार प्रक्रिया सतत बनी रहती है। शिक्षा और स्वास्थ्य ढांचे को भी मजबूत किया गया है- जहां मेडिकल कॉलेजों की संख्या 42 से बढ़कर 80 हुई है। माना जा रहा है कि यह मॉडल आने वाले वर्षों में यूपी की रोजगार तस्वीर को पूरी तरह बदल देगा।










