Raebareli News : जिला अस्पताल में एम्बुलेंस सेवा की लचर व्यवस्था एक बार फिर सामने आई है। शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहद्दीनपुर निवासी प्रियांशु (उम्र करीब 14 वर्ष) का कुछ दिन पहले सड़क हादसे में दाहिना पैर बुरी तरह चोटिल हो गया था और फैक्चर हो गया। इलाज के लिए जब परिजनों ने 108 और 102 एम्बुलेंस को कई बार फोन किया तो घंटों इंतजार के बाद भी एम्बुलेंस नहीं आई। मजबूरन पिता खुद ठेला रिक्शा चलाकर घायल बेटे को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे।
प्रियांशु के पिता ने बताया कि हादसा होने के तुरंत बाद उन्होंने एम्बुलेंस के लिए कॉल किया था। कई बार फोन करने के बाद भी सिर्फ आश्वासन मिला कि “एम्बुलेंस आ रही है” लेकिन देर शाम तक कोई एम्बुलेंस नहीं पहुंची। मजबूरी में उन्होंने खुद आस-पड़ोस से ठेला रिक्शा का इंतजाम किया और बेटे को उस पर लिटाकर करीब 8-10 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान प्रियांशु को भयानक दर्द हो रहा था और वह बार-बार रो रहा था।

घायल प्रियांशु ने अस्पताल पहुंचकर बताया, “पापा ने कई बार 108 नंबर पर कॉल किया, लेकिन हर बार कहा गया कि 10-15 मिनट में आ जाएगी। कई घंटे बीत गए, फिर भी कोई नहीं आया। दर्द से मैं तड़प रहा था, मजबूरन पापा मुझे ठेले पर लेकर आए।”
जिला अस्पताल पहुंचने पर प्रियांशु का एक्स-रे कराया गया और पैर में प्लास्टर चढ़ाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि फैक्चर गंभीर है और कुछ दिन तक पूरी तरह आराम करने की जरूरत है।
इस घटना से एक बार फिर रायबरेली में 108 एम्बुलेंस सेवा की खामियां उजागर हुई हैं। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों से आए मरीजों के परिजन अक्सर एम्बुलेंस के देरी से पहुंचने की शिकायत करते रहे हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि एम्बुलेंस सेवा को दुरुस्त किया जाए ताकि किसी और को इस तरह की मजबूरी न झेलनी पड़े।










