Raebareli Temple Idol Theft : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के रामपुर बरारा गांव में एक बड़ी चोरी की घटना ने सबको चौंका दिया है। गांव में बना करीब 200 साल पुराना राम जानकी मंदिर चोरों का निशाना बन गया। चोरों ने मंदिर का मुख्य गेट का ताला तोड़कर अंदर घुसकर भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की तीन अष्टधातु की प्राचीन मूर्तियां चोरी कर लीं। ये मूर्तियां कुल 30 से 35 किलो की बताई जा रही हैं और इनकी कीमत आज के बाजार में 10 से 12 करोड़ रुपये के आसपास आंकी जा रही है। घटना शनिवार की रात की है, लेकिन सुबह पता चली जब मंदिर प्रबंधक साफ-सफाई करने पहुंचे।
मंदिर प्रबंधक राजा राम बाजपेई ने बताया कि उनके पूर्वजों ने लगभग 200 साल पहले इस मंदिर की स्थापना की थी। मंदिर में राम, लक्ष्मण और सीता की ये तीनों मूर्तियां अष्टधातु की थीं, जो बहुत कीमती और पूजनीय थीं। रोज की तरह रविवार सुबह वे मंदिर खोलने और पूजा करने पहुंचे तो देखा कि गेट का ताला टूटा हुआ है और अंदर गर्भगृह का सिंघासन खाली पड़ा है। मूर्तियां गायब थीं। यह देखकर वे सदमे में आ गए और फौरन गांव वालों को सूचना दी। देखते ही देखते गांव में लोगों का हुजूम लग गया। हर कोई हैरान और गुस्से में था।

ग्रामीणों में फैली दहशत, पुलिस पर सवाल
चोरी की खबर फैलते ही पूरे गांव में दहशत फैल गई। लोग मंदिर के बाहर इकट्ठा हो गए और चोरों के खिलाफ नारे लगाने लगे। कई ग्रामीणों ने कहा कि इतना पुराना और पवित्र मंदिर में चोरी होना बहुत दुखद है। ये मूर्तियां सिर्फ धातु की नहीं, बल्कि हमारी आस्था का हिस्सा थीं। एक ग्रामीण लक्ष्मी शंकर बाजपेई ने बताया, “ये मूर्तियां कई करोड़ की हैं और 200 साल पुरानी। चोरों ने हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।”
लोगों का गुस्सा पुलिस पर भी फूटा। डलमऊ क्षेत्र में एक के बाद एक चोरी की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन पुलिस की गश्त कमजोर पड़ रही है। ग्रामीणों और कस्बे वालों में चोरी की लगातार वारदातों से असुरक्षा का माहौल है। पहले भी इलाके में कई चोरियां हो चुकी हैं, जिनमें पुलिस अभी तक चोरों तक नहीं पहुंच पाई है। इस ताजा घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द मूर्तियां बरामद की जाएं और चोरों को सख्त सजा दी जाए।
पुलिस ने शुरू की जांच, लेकिन अभी कोई सुराग नहीं
चोरी की सूचना मिलते ही डलमऊ पुलिस मौके पर पहुंची। कोतवाली प्रभारी श्याम कुमार पाल ने बताया कि तहरीर मिलने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस टीम आसपास के इलाकों में पूछताछ कर रही है और अज्ञात चोरों की तलाश में जुटी हुई है। घटनास्थल की जांच की गई और संभावित सुराग जुटाए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक कोई ठोस पता नहीं चला है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही चोरों तक पहुंच जाएंगे और मूर्तियां बरामद कर लेंगे।
अष्टधातु मूर्तियों की कीमत क्यों इतनी ज्यादा
अष्टधातु आठ तरह की धातुओं से बनी होती है, जिसमें सोना, चांदी, तांबा वगैरह शामिल होते हैं। पुरानी मूर्तियां तो और भी कीमती हो जाती हैं क्योंकि इनमें ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व होता है। बाजार में इनकी मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रहती है, खासकर तस्करों के बीच। यही वजह है कि चोर अक्सर पुराने मंदिरों को निशाना बनाते हैं। इस मामले में भी मूर्तियों का वजन 30-35 किलो होने से इनकी कीमत करोड़ों में पहुंच गई है।
इलाके में चोरी की घटनाएं बढ़ने का कारण क्या है ?
डलमऊ और आसपास के ग्रामीण इलाकों में पिछले कुछ समय से चोरी की वारदातें बढ़ी हैं। लोग कहते हैं कि पुलिस की गश्त नहीं होती, रात में सन्नाटा रहता है और चोर बेखौफ होकर वारदात करते हैं। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस व्यवस्था पर उंगली उठाई है। ग्रामीण अब खुद रात में पहरा देने की बात कर रहे हैं ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हों।










