Country Without Railway Stations: रेलवे को दुनिया का सबसे भरोसेमंद, सस्ता और तेज परिवहन माध्यम माना जाता है। भारत (India) जैसे देशों में जहां ट्रेन जीवनरेखा है, वहीं दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं जहां आज तक एक भी रेलवे स्टेशन नहीं बना। यह जानकर हैरानी होती है कि आधुनिक तकनीक और विकास के दौर में भी कई राष्ट्र रेलवे नेटवर्क से पूरी तरह दूर हैं। इन देशों में लोगों की आवाजाही बस, टैक्सी, निजी वाहन, फेरी और हवाई सेवाओं पर निर्भर है। सवाल यह उठता है कि आखिर इन देशों में रेलवे क्यों नहीं है? क्या वजह भूगोल है, अर्थव्यवस्था है या फिर नीतिगत फैसले? और बिना ट्रेन के ये देश अपने ट्रांसपोर्ट सिस्टम को कैसे संभालते हैं? इन्हीं सवालों के जवाब छिपे हैं इस रिपोर्ट में…
रेलवे से दूर ये देश/Country Without Railway Stations
दुनिया के उन देशों की सूची में सबसे पहला नाम आता है भूटान (Bhutan) का। हिमालय (Himalayas) की ऊंची पहाड़ियां, गहरी घाटियां और दुर्गम इलाके यहां रेलवे ट्रैक बिछाने में सबसे बड़ी बाधा हैं। तकनीकी जटिलताओं और अत्यधिक लागत के कारण आज तक यहां रेलवे नेटवर्क विकसित नहीं हो पाया। इसी तरह फ्रांस (France) और स्पेन (Spain) के बीच स्थित छोटा सा देश एंडोरा (Andorra) भी रेलवे सुविधा से वंचित है। सीमित क्षेत्रफल और पहाड़ी भौगोलिक संरचना यहां रेल परियोजनाओं को अव्यवहारिक बनाती है। इन देशों में सड़क नेटवर्क को ही प्राथमिकता दी गई है, जहां सरकारी बसें और निजी वाहन लोगों की दैनिक आवाजाही का मुख्य साधन हैं।

जहां कभी नहीं दौड़ी ट्रेन, इतिहास और हालात
कुछ देश ऐसे भी हैं जहां रेलवे कभी अस्तित्व में ही नहीं आई। आइसलैंड (Iceland) इसका बड़ा उदाहरण है। ज्वालामुखीय मिट्टी, ग्लेशियर, कठिन मौसम और बेहद कम जनसंख्या घनत्व के कारण यहां पब्लिक रेल नेटवर्क विकसित करना कभी व्यवहारिक नहीं माना गया। लंबी दूरी के सफर के लिए यहां आधुनिक बस सेवाएं और घरेलू उड़ानें इस्तेमाल होती हैं। इसी तरह माल्टा (Malta) और साइप्रस (Cyprus) जैसे देशों में रेलवे सीमित समय के लिए जरूर चली, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। इन देशों में सड़क परिवहन ने धीरे-धीरे रेलवे की जगह ले ली, जिससे ट्रेनें इतिहास बनकर रह गईं।
रेलवे बंद होने की असली वजह क्या थी?
साइप्रस (Cyprus) में ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान 1905 में रेलवे की शुरुआत हुई थी, लेकिन 20वीं सदी के मध्य तक बढ़ती परिचालन लागत और कम यात्री संख्या के कारण इसे बंद करना पड़ा। सड़क परिवहन सस्ता और लचीला साबित हुआ, जिससे रेलवे आर्थिक रूप से नुकसान का सौदा बन गई। यही स्थिति माल्टा (Malta) में भी देखने को मिली, जहां 1883 से रेल सेवा चलने के बावजूद इसे लाभकारी नहीं माना गया। विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे देशों में रेलवे तभी सफल हो सकती है जब आबादी, दूरी और आर्थिक संसाधन अनुकूल हों, जो इन देशों में संभव नहीं था।
आज कैसे चलता है ट्रांसपोर्ट सिस्टम?
रेलवे के बिना भी ये देश पूरी तरह ठप नहीं हैं। भूटान (Bhutan), एंडोरा (Andorra), आइसलैंड (Iceland) और साइप्रस (Cyprus) जैसे देशों ने मजबूत रोड नेटवर्क विकसित किया है। आधुनिक बस सेवाएं, टैक्सी, किराये की कारें और हवाई संपर्क यहां की परिवहन रीढ़ हैं। कई देशों में फेरी सेवाएं भी अहम भूमिका निभाती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इन देशों ने अपनी भौगोलिक और आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार ट्रांसपोर्ट मॉडल तैयार किया है। भविष्य में तकनीक और संसाधनों के साथ बदलाव संभव है, लेकिन फिलहाल इन देशों की जिंदगी बिना रेलवे स्टेशन के ही सुचारु रूप से चल रही है।










