Ramgarh Fog And Elephant Menace : रामगढ़ में कोहरे और जंगली हाथियों का डबल खौफ

Ramgarh Fog And Elephant Menace : घने कोहरे ने छिपाया पूरा इलाका, विजिबिलिटी जीरो

Ramgarh Fog And Elephant Menace : झारखंड के रामगढ़ जिले में इन दिनों सर्दी अपनी चरम पर है। पूरा जिला घने कोहरे की मोटी चादर में लिपटा हुआ है। सुबह से शाम तक धुंध छाई रहती है, जिससे कुछ मीटर आगे भी कुछ दिखाई नहीं देता। राष्ट्रीय राजमार्ग-33 (रांची-पटना हाइवे) पर गाड़ियों की रफ्तार बेहद धीमी हो गई है। ड्राइवर रुक-रुक कर गाड़ी चला रहे हैं, क्योंकि 10-15 कदम आगे का कुछ पता नहीं चलता। ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है और लोग घंटों फंसे रहते हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं कि कोहरा इतना घना है कि सुबह 9 बजे का नजारा रात जैसा लगता है। बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है। कई अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। कड़ाके की ठंड ने ठिठुरन बढ़ा दी है, लोग घरों से निकलने में हिचकिचा रहे हैं।

हाथियों का खौफ, कोहरे में छिपकर हमला कर रहे गजराज

कोहरे का कोहराम तो है ही, ऊपर से जंगली हाथियों का डर लोगों की नींद उड़ा रहा है। रामगढ़ और आसपास के इलाकों में 42 हाथियों का बड़ा झुंड कई छोटे-छोटे ग्रुप में बंटकर घूम रहा है। ये हाथी जंगल से निकलकर गांवों और हाइवे पर आ जा रहे हैं। हाल ही में एक सप्ताह में इन हाथियों ने आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। घने कोहरे की वजह से लोग हाथियों को दूर से देख नहीं पाते और अचानक हमले का शिकार हो जाते हैं।

हाइवे पर भी कई बार हाथी दिखाई दे चुके हैं, जिससे ड्राइवरों में दहशत है। पता नहीं कब कोहरे में से हाथी निकल आए और हादसा हो जाए। वन विभाग की टीम लगातार हाथियों को भगाने में जुटी है, लेकिन इलाका बड़ा होने से पूरी तरह कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है।

स्थानीय लोगों की जुबानी: डर और परेशानी की कहानी

रामगढ़ के लोगों से बात की तो कोहरे और हाथियों के डर की कई कहानियां सामने आईं।

स्थानीय निवासी मनोज सिंह कहते हैं, “कोहरे की स्थिति ऐसी है कि 10 मीटर आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा। पूरा इलाका कोहरे में डूबा हुआ है। बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है, ट्रैफिक लगभग ठप पड़ा है। ऊपर से जंगली हाथियों का हाहाकार मचा हुआ है। लोग सुरक्षित रहें, यही मैं कहना चाहता हूं।”

एक युवती नैंसी सिंह ने कोहरे को मजा लेते हुए बताया, “मौसम इतना अच्छा हो गया है कि लग रहा है हम लद्दाख या कश्मीर चले गए हैं। रामगढ़ में रहकर लद्दाख जैसा फील आ रहा है। आज मेरा बर्थडे भी है और हम रजरप्पा मंदिर जा रहे हैं। ठंड बहुत है, लेकिन अच्छा लग रहा है।”

बिहार से आईं संगम सिंह ने कहा, “हम बिहार से आए हैं, वहां भी ठंड थी। यहां झारखंड में आकर शिमला जैसा मजा मिल रहा है। बाहर घूमने की जरूरत ही नहीं पड़ रही।”

लेकिन छोटी स्कूली बच्ची शिवांसी कुमारी की बात सुनकर दिल दहल जाता है। वह कहती है, “बहुत ठंड है और स्कूल जाना पड़ रहा है। कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा।”

हाइवे पर सफर कर रहे राहगीर प्रवीण यादव ने बताया, “कोहरा अभी बहुत घना है। हम रामगढ़ से हजारीबाग जा रहे हैं। 10 कदम आगे कुछ नहीं दिख रहा, इसलिए रुक-रुक कर चल रहे हैं। यहां हाथी का भी डर रहता है, पता नहीं कब कोहरे से निकल आए।”

वन विभाग की कोशिशें और लोगों की अपील

वन विभाग की टीमें दिन-रात हाथियों पर नजर रख रही हैं और उन्हें जंगल की ओर खदेड़ने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन कोहरे की वजह से यह काम और मुश्किल हो गया है। लोग घरों से बाहर निकलते समय सावधानी बरत रहे हैं। गांवों में रात को चौकीदारी बढ़ा दी गई है।

रामगढ़ में हालात ऐसे हैं कि एक तरफ कोहरे का कहर है, तो दूसरी तरफ हाथियों का खौफ। लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द यह समस्या हल हो, ताकि सामान्य जीवन पटरी पर आ सके। ठंड का मौसम तो चलेगा, लेकिन सुरक्षा सबसे जरूरी है। सभी से अपील है कि कोहरे में ड्राइविंग करते समय सावधानी रखें और हाथियों वाले इलाके में अनावश्यक बाहर न निकलें।

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