Dumka Youth Festival 2025: दुमका में युवाओं का जलवा, प्रमंडलीय युवा महोत्सव में छाई प्रतिभाओं की बहार

Dumka Youth Festival 2025: संताल परगना के युवा चमके,दुमका में हुआ शानदार प्रमंडलीय युवा महोत्सव

Dumka Youth Festival 2025: झारखंड के संताल परगना प्रमंडल में युवाओं की छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा आयोजन 23 दिसंबर 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवाकार्य विभाग, झारखंड सरकार के सहयोग से जिला खेल पदाधिकारी तुफान कुमार पोद्दार के कुशल नेतृत्व में यह प्रमंडलीय स्तरीय युवा महोत्सव दुमका के इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संताल परगना के सभी छह जिलों – दुमका, गोड्डा, देवघर, पाकुड़, जामताड़ा और साहेबगंज – से जिला स्तर पर विजेता बने युवा प्रतिभागी शामिल हुए। पूरा कार्यक्रम उत्साह और जोश से भरा रहा। युवाओं ने अपनी कला, भाषण और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी को प्रभावित किया।

मुख्य अतिथियों ने युवाओं को दी नई दिशा/Dumka Youth Festival 2025

कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने मुख्य अतिथि के रूप में दुमका के माननीय उपायुक्त और विशिष्ट अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त मौजूद रहे। दोनों ने अपने संबोधन में युवाओं को प्रेरित किया। उपायुक्त महोदय ने विशेष जोर देते हुए कहा कि युवाओं को अपने क्रिएटिव आइडिया और रचनात्मकता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आज के डिजिटल युग का जिक्र करते हुए सलाह दी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से अपनी क्रिएटिविटी को और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है। उनके इन शब्दों से युवाओं में नई उम्मीद और ऊर्जा का संचार हुआ। सभी ने महसूस किया कि पारंपरिक कला के साथ आधुनिक तकनीक को जोड़कर वे आगे बढ़ सकते हैं।

विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता

महोत्सव में चित्रकला, भाषण, कविता लेखन, लोकगीत और लोकनृत्य जैसी कई प्रतियोगिताएं हुईं। सभी जिलों से आए प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया। विजेताओं की सूची इस प्रकार है:

चित्रकला प्रतियोगिता:

  • प्रथम स्थान: तानिया सिंह (पाकुड़)
  • द्वितीय स्थान: रोशनी साहा (गोड्डा)
  • तृतीय स्थान: प्रेम कुमार (देवघर)

भाषण प्रतियोगिता:

  • प्रथम स्थान: स्वाती राज (दुमका)
  • द्वितीय स्थान: रश्मि भारती (गोड्डा)
  • तृतीय स्थान: बम भोला उपाध्याय (पाकुड़)

कविता लेखन प्रतियोगिता:

  • प्रथम स्थान: हरिप्रिया रजक (दुमका)
  • द्वितीय स्थान: स्वस्तिका रानी (पाकुड़)
  • तृतीय स्थान: रवि कुमार (गोड्डा)

लोकगीत प्रतियोगिता:

  • प्रथम स्थान: दुमका जिला
  • द्वितीय स्थान: जामताड़ा जिला
  • तृतीय स्थान: साहेबगंज जिला

लोकनृत्य प्रतियोगिता:

  • प्रथम स्थान: गोड्डा जिला
  • द्वितीय स्थान: जामताड़ा जिला
  • तृतीय स्थान: देवघर जिला

लोकगीत और लोकनृत्य की प्रस्तुतियों ने झारखंड की समृद्ध आदिवासी और लोक संस्कृति को जीवंत कर दिया। दर्शकों ने तालियां बजाकर सभी का हौसला बढ़ाया।

निर्णायकों और सहयोगियों का योगदान

प्रतियोगिताओं को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में निर्णायकों की बड़ी भूमिका रही। निर्णायक मंडल में शामिल थे – श्री कल्याणी वरमन, श्री मानवेल सोरेन, श्री कामाख्या नारायण सिंह, श्री महेंद्र प्रसाद सह, श्रीमती अंजली झा, श्री अशोक सिंह, श्री विद्यापति झा, श्री सोमनाथ राय, श्री नंद दुलाल चौधरी, डॉ. मनोज कुमार घोष, डॉ. रूपम श्रीवास्तव और श्री उमा शंकर चौबे।

स्वयंसेवक के रूप में श्री जतिन कुमार और श्री अंकित कुमार ने आयोजन को सुचारु रूप से चलाने में महत्वपूर्ण मदद की। इसके अलावा जिला पर्यटन विशेषज्ञ रंजन मुर्मू, जिला खेल समन्वयक रोहित प्रत्यय, सुरेश महतो, दीपसीखा, परितोष, परेश दर्वे, सुमित कुमार मिश्रा, देविधान, जिनतेन्द्र कुमार, मानिक कुमार, रीता मिंज और सुबोध बास्की जैसे कई लोग कार्यक्रम की सफलता में योगदान देने वाले रहे।

राज्य स्तर पर जाएगा प्रमंडल का प्रतिनिधित्व

इस महोत्सव की सबसे खास बात यह रही कि सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम और द्वितीय स्थान हासिल करने वाले प्रतिभागियों को राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। इन विजेताओं को 27 दिसंबर 2025 को रांची भेजा जाएगा, जहां वे पूरे संताल परगना प्रमंडल का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह उनके लिए बड़ा अवसर है और उम्मीद है कि वे राज्य स्तर पर भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व

इस युवा महोत्सव का मुख्य उद्देश्य युवाओं में छिपी प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देना, सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित और बढ़ावा देना तथा उन्हें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना रहा। झारखंड जैसे राज्य में जहां लोक कलाएं और आदिवासी संस्कृति बहुत जीवंत हैं, ऐसे आयोजन युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं। साथ ही उपायुक्त द्वारा AI पर दिए गए संदेश से साफ है कि यह कार्यक्रम केवल पारंपरिक नहीं बल्कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर भी आयोजित किया गया।

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