Raebareli News : ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की आधी-अधूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस: अवैध वसूली के सवालों पर बगलें झांकते नजर आए, बीच में ही उठकर चले गए

Raebareli News : रायबरेली के सिविल लाइन स्थित प्रतिष्ठित रायबरेली क्लब में उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा एक कार्यक्रम में पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया से रूबरू होने का मौका लिया, लेकिन सरकारी विकास कार्यों की प्रशंसा करने के बाद जैसे ही अवैध वसूली और नगर पालिका की अनियमितताओं से जुड़े सवाल उठे, मंत्री साहब असहज हो गए। सवालों को दरकिनार करते हुए उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को आधी-अधूरी छोड़कर अचानक उठकर चले जाना बेहतर समझा। इस घटना ने जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के मुद्दे को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।

विकास कार्यों का गुणगान, लेकिन सवालों पर खामोशी

मंत्री एके शर्मा ने क्लब पहुंचकर सबसे पहले राज्य सरकार के विकास कार्यों की लंबी फेहरिस्त गिनाई। उन्होंने बिजली आपूर्ति, शहरी विकास योजनाओं, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और अन्य सरकारी उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि रायबरेली सहित पूरे प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है और जनता को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। लेकिन जैसे ही बात शहर की वास्तविक समस्याओं पर आई, माहौल बदल गया।

एक स्थानीय पत्रकार ने मंत्री से पूछा, “शहर के बॉर्डर पर नगर पालिका के अंतर्गत टेंडर के नाम पर ठेकेदारों से लाखों रुपए की अवैध वसूली हो रही है। इस पर सरकार क्या कदम उठा रही है?” यह सवाल सुनते ही मंत्री के चेहरे पर असहजता साफ झलकने लगी। उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब दिए बिना टालमटोल की और अन्य विकास योजनाओं पर लौटने की कोशिश की। लेकिन जब सवाल दोहराए गए और अवैध वसूली के सबूतों का जिक्र हुआ, तो मंत्री ने मीडिया को संबोधित करना बंद कर दिया और अचानक उठकर चल पड़े। प्रेस कॉन्फ्रेंस महज कुछ मिनटों में समाप्त हो गई, जिससे उपस्थित पत्रकारों में नाराजगी फैल गई।

टेंडर के नाम पर 25-30 लाख कराते हैं जमा

जिले के सूत्रों और ठेकेदारों के अनुसार, रायबरेली नगर पालिका परिषद द्वारा शहर के बॉर्डर क्षेत्रों में निर्माण कार्यों, सड़क मरम्मत, ड्रेनेज और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए टेंडर जारी किए जाते हैं। लेकिन इन टेंडरों को हासिल करने के लिए नगर पालिका परिषद के अधिकारी ठेकेदारों से 25 से 30 लाख रुपए जमा कराने के बाद फिर होती है खुलेआम गुंडागर्दी कर अवैध वसूली जाती है।यह रकम नकद या अन्य माध्यमों से वसूली जाती है,और जो ठेकेदार मना करते हैं, उनके खिलाफ गुंडागर्दी की जाती है। धमकियां दी जाती हैं, कार्य में बाधा डाली जाती है या फिर टेंडर रद्द कर दिए जाते हैं।

यह प्रथा लंबे समय से चली आ रही है और नगर पालिका के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से फल-फूल रही है। ठेकेदारों का कहना है कि बिना ‘कट मनी’ दिए कोई काम नहीं मिलता, जिससे विकास कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है और सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है।

नगर पालिका के EO और अध्यक्ष की खामोशी

इस पूरे मामले में रायबरेली नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी (EO) स्वर्ण सिंह और नगर पालिका अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। दोनों ही अधिकारी लगातार हो रही अवैध वसूली पर पूरी तरह मौन हैं। न तो कोई जांच कराई गई और न ही दोषियों पर कार्रवाई हुई। स्थानीय लोग और ठेकेदार संगठन बार-बार शिकायतें दर्ज करा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। EO स्वर्ण सिंह पर आरोप है कि वे वसूली की इस व्यवस्था को संरक्षण दे रहे हैं, जबकि अध्यक्ष राजनीतिक दबाव में चुप्पी साधे हुए हैं।

कई बार हो चुके धरना-प्रदर्शन अवैध वसूली के खिलाफ

जिले में कई बार धरना-प्रदर्शन हो चुके हैं। ठेकेदारों, स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों ने नगर पालिका कार्यालय के सामने विरोध जताया है। पिछले कुछ महीनों में कम से कम तीन बड़े प्रदर्शन दर्ज किए गए हैं, जहां मांग की गई कि वसूली बंद हो और दोषी अधिकारियों पर FIR दर्ज हो। लेकिन हर बार प्रदर्शन दबा दिए जाते हैं और कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री के भागने से यह मुद्दा और गर्म हो गया है।

स्थानीय विपक्षी नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर आंखें मूंदे हुए है। एक नेता ने कहा, “मंत्री जी विकास की बात करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत से भागते हैं। अगर सब कुछ ठीक है, तो सवालों का जवाब क्यों नहीं देते?”

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