Allegations of Illegal Recovery In ANM Center : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के ग्राम सभा भाँव स्थित एएनएम (ऑक्जिलरी नर्स मिडवाइफ) सेंटर में अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कथित तौर पर वर्तमान एएनएम महिला को घूस लेते हुए दिखाया गया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की धज्जियां उड़ रही हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि डिलीवरी के बाद मरीजों से जबरन पैसे वसूले जा रहे हैं, और बिना भुगतान के नवजात शिशु को सौंपने से इनकार किया जाता है। इस घटना ने ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं पर भरोसे को हिला दिया है।
घटना का विवरण

ग्राम सभा भाँव, जो रायबरेली जिले के सलोन तहसील के अंतर्गत आता है, एक ऐसा गांव है जहां बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एएनएम सेंटर ही मुख्य केंद्र है। यहां डिलीवरी, टीकाकरण और प्रसव पूर्व देखभाल जैसी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। लेकिन हाल के दिनों में यहां तैनात एएनएम अर्चना पर अवैध वसूली के आरोप लग रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट और वायरल वीडियो के अनुसार, डिलीवरी के बाद मरीजों के परिवार से 500 से 2000 रुपये तक की राशि जबरन ली जाती है। एक पोस्ट में लिखा गया है, “एएनएम सेंटर में डिलीवरी होती है, लेकिन डिलीवरी होने के बाद एएनएम मेडम तीमारदारों से पैसा वसूलती हैं और कहती हैं कि जब तक पैसे नहीं दोगे तो बच्चा नहीं मिलेगा।”
वायरल वीडियो में एएनएम को एक महिला मरीज के परिवार से पैसे मांगते हुए कैद किया गया है। वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि अभी नहीं हो सकी है, लेकिन यह तेजी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैल रहा है। फेसबुक पर ‘अमन व्लॉग्स’ नामक पेज से शेयर की गई पोस्ट को सैकड़ों लोग शेयर कर चुके हैं, जिसमें स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गांव के निवासी इस घटना से बेहद आक्रोशित हैं। एक स्थानीय महिला, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बात की, ने बताया, “हम गरीब परिवार हैं। प्रसव के समय तो दर्द सहना पड़ता ही है, ऊपर से पैसे की मांग। अगर बच्चा न मिले तो क्या करेंगे? यह स्वास्थ्य सेवा नहीं, लूट है।” एक अन्य ग्रामीण ने कहा, “सरकारी सुविधा मुफ्त होनी चाहिए, लेकिन यहां तो एएनएम साहिबा का रवैया देखकर डर लगता है। कई महिलाएं अब निजी क्लिनिक जाना पसंद कर रही हैं, जो महंगा पड़ता है।”
इस सेंटर पर पिछले एक वर्ष से अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन अब वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमा गया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया है।
स्वास्थ्य विभाग का रुख
रायबरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. एके वर्मा ने इस संवाददाता से बातचीत में कहा, “हमें सोशल मीडिया पर वीडियो की जानकारी मिली है। हमने तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं। अगर आरोप सही पाए गए, तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन और विभागीय जांच शामिल है। स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।” जिला मजिस्ट्रेट ने भी इस मामले को संज्ञान में ले लिया है और एसडीएम स्तर पर प्रारंभिक जांच के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की ‘जननी सुरक्षा योजना’ और ‘मिशन इंडसद’ जैसी योजनाओं के तहत ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त प्रसव सुविधा प्रदान की जाती है, लेकिन ऐसी घटनाएं इन प्रयासों पर पानी फेर देती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर निगरानी बढ़ाने और एएनएम को प्रशिक्षण देने की जरूरत है।