झारखंड की आदिकाल की संस्कृति और परंपरा से जुड़ा संथालियों का प्रमुख त्योहार है : योगेंद्र

रविवार को अध्यक्ष, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग सह लोकप्रिय पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद महतो ने सड़क टोला(ललपनिया) के सरना स्थल पहुंचे। आयोजित बाहा(सरहुल) बोंगा(पूजा) समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने सबसे पहले जाहेर थान में मत्था टेका और क्षेत्र की सुख, समृद्धि की मंगलकामना की। पाहन ने उन्हें सखुआ के फूल,महुआ फूल प्रदान किया व आशीर्वाद दिया। महोत्सव में अध्यक्ष सह पूर्व विधायक श्री महतो ने आदिवासियों को बाहा बोंगा महोत्सव की शुभकामनाएं व बधाई दीं। उन्होंने कहा कि सरहुल झारखंड की पहचान है। यह पर्व संथाली आदिवासियों की प्रकृति के प्रति अकाट लगाव और प्रेम का परिचायक है। यह पर्व झारखंड की आदिकाल की संस्कृति और परंपरा से जुड़ा संथालियों का प्रमुख त्योहार है। आदिवासियों में प्रकृति उपासना के इस महापर्व को लेकर उत्साह एवं उमंग विशिष्ट होता है।

मौके पर समिति द्वारा मुख्य अतिथि श्री महतो जी को पारंपरिक परास के फूलों से बना गुलदस्ता भेंटकर स्वागत अभिनंदन किया गया। माननीय अध्यक्ष सह पूर्व विधायक महोदय ने आदिवासियों के साथ पारंपरिक सामूहिक सरहुल नृत्य में भी भाग लिया और मांदर बजाकर नृत्य किया।कार्यक्रम में मुखिया बबलू हेम्ब्रम, पूर्व मुखिया बबुली सोरेन, टीटीपीएस अभियंता सुंदरलाल मुर्मू, सुरेश कुमार टुडू सहित दर्जनों लोग थे।

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