रायबरेली में ट्रैफिक व्यवस्था का कौन है जिम्मेदार? ट्रैफिक पुलिस या फिर फल विक्रेता!

रिपोर्ट : वंश बहादुर सिंह

रायबरेली में ट्रैफिक व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं फल विक्रेता इन फल विक्रेताओं को कानून व्यवस्था का कभी भी नहीं लगता है। डर सड़क के दोनों साइडों पर ठेला लगाकर ट्रैफिक व्यवस्था को चुनौती दिया करते हैं। पुलिस लाइन चौराहे पर अक्सर लोग जाम में फंस जाते हैं। इसका मुख्य कारण फल विक्रेता वह टैक्सी स्टैंड पर लगने वाली टैक्सी गाड़ियां है, जो मनमाने तरीके से बीच सड़क पर खड़ा करके घंटे तक यात्रियों को भरा करते हैं और ट्रैफिक व्यवस्था को चुनौती दिया करते हैं। हद तो तब हो गई जब मौके पर चौराहे पर पुलिस की तैनाती भी रहती है। लेकिन उनका मनोबल इतना बड़ा हुआ है कि उनको किसी का भी डर नहीं लगता जिससे लोग घंटे तक जाम में फंसे रहते हैं। यही हाल घंटाघर से कैपरगंज वाली रोड का भी है। जहां पर फल विक्रेताओं का बड़ा सा झुंड रोड के किनारे खड़ा हो जाता है और लोग घंटों इंतजार किया करते हैं, की कब रास्ता खाली होगा और वह अपने स्थान तक पहुंचेंगे घंटे तक खड़े रहने के बावजूद भी लोग अपने स्थान तक जाम की वजह से नहीं पहुंच पा रहे हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को खुली चुनौती देते हुए रायबरेली में फल विक्रेताओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो रायबरेली में जाम का दिन प्रतिदिन अस्तर बढ़ता चला जाएगा। जिससे आम लोगों को बड़ी समस्या हो सकती है क्या इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने के लिए जिम्मेदार अधिकारी कोई बड़ा कदम क्यों नहीं उठा पा रहे हैं। जिससे ट्रैफिक व्यवस्था रायबरेली की सही की जा सके।

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