साढ़े दस हजार करोड़ की केन्द्रीय और साढ़े ग्यारह हजार करोड़ की राज्य की योजनाओं से संवारे जाएंगे गांव
दो हजार करोड़ से स्वच्छ भारत मिशन को मिलेगी रफ्तार
सीएम योगी का निर्देश, कोई भी ग्रामीण क्षेत्र विकास से न रहे अछूता
अब तक एक हजार करोड़ से ज्यादा की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई
शुरुआती स्तर पर विकास कार्यों पर किए जा चुके हैं 900 करोड़ रुपए व्यय
लखनऊ : योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के चहुंमुखी विकास के लिए एक बड़े अभियान पर काम कर रही है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत 22 हजार करोड़ रुपये से प्रदेश के गांवों का कायाकल्प किया जाएगा। इस पहल से बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ स्वच्छता, रोजगार, आवास और जलनिकासी जैसी जरूरी सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी। इसमें 10,500 करोड़ रुपये की केंद्रीय योजनाएं और लगभग 11,500 करोड़ रुपये की राज्य योजनाएं शामिल हैं। जिनके माध्यम से गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी ग्रामीण क्षेत्र विकास के लिहाज से अछूता न रहने पाए। स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, जिसके लिए 2,000 करोड़ रुपये विशेष रूप से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत खर्च किए जाएंगे। इस धनराशि से शौचालय निर्माण, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन, ग्राम स्वच्छता समितियों का सशक्तिकरण और जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
अब तक 1,000 करोड़ से अधिक की वित्तीय स्वीकृति
ग्रामीण विकास योजना के तहत अब तक 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अलावा शुरुआती चरण में लगभग 900 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विकास कार्यों की शुरुआत भी कर दी गई है। इसमें सड़क निर्माण, जलनिकासी, पंचायत भवनों का निर्माण, सामुदायिक शौचालय और पेयजल आपूर्ति जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
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मुख्यमंत्री के निर्देश, ग्रामीणों को मिले हर आवश्यक सुविधा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एक एक गांव को विकसित किया जाए, जहां ग्रामीणों को हर आवश्यक सुविधा सुलभ हो। उन्होंने इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की हिदायत दी है।