संजय मेहता ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य के राज्यपाल से मुलाक़ात की है। उन्होंने राज्यपाल से मुलाक़ात के दौरान कहा है की झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई है, जिसके चलते आम जनमानस में भय और अविश्वास का माहौल व्याप्त है।
हजारीबाग लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी और आजसू के सीनियर नेता संजय मेहता ने इस बावत राज्यपाल को पत्र लिखकर इस गंभीर स्थिति पर तत्काल संज्ञान लेने और प्रभावी कार्रवाई की मांग की है।
राज्यपाल को लिखे पत्र के अनुसार, वर्ष 2025 में जनवरी से जून तक झारखंड में लगभग 640 हत्याओं की घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जिनमें से 380 हत्याएँ जनवरी से मार्च तक हुईं। प्रमुख घटनाओं में 8 मार्च को हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम की गोली मारकर हत्या, 26 मार्च को राँची के कांके चौक में पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल टाइगर की हत्या, और 15 अप्रैल को हजारीबाग के इचाक थाना क्षेत्र में एक युवक की हत्या शामिल हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आँकड़ों के अनुसार झारखंड सियासी हत्याओं के मामले में देश में पहले स्थान पर है।
वर्ष 2020 से 2024 तक प्रतिवर्ष औसतन 1600 हत्याएँ दर्ज की गई हैं, और 2021 में झारखंड में हत्या की दर 5.7% थी, जो राष्ट्रीय औसत 2.2% से कहीं अधिक है।
श्री मेहता ने पत्र में आरोप लगाया है कि राज्य की पुलिस और प्रशासन कानून व्यवस्था को संभालने में विफल रहे हैं, और पुलिस के कुछ अंश अवैध वसूली और अनैतिक कार्यों में लिप्त हैं। जैसा कि कई मीडिया रिपोर्टों में सामने आया है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, श्री मेहता ने राज्यपाल से जनहित में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया है ताकि झारखंड में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके और नागरिकों का शासन पर भरोसा बहाल हो।
प्रतिनिधिमंडल में संजय मेहता के साथ दीपशिखा कुमारी, रोहित महतो, अमित यादव, संजय साहू, प्रह्लाद अग्रवाल शामिल थे।