रिपोर्ट : अविनाश कुमार
बीसीसीएल सिभी एरिया बारह के बैगुनिया मुख्यालय गेट पर एचएमएस की ओर से कर्मियों की तीन सूत्री मांग को लेकर एरिया सचिव शुभाशीष मुखर्जी ने प्रबंधन के लिखित आश्वासन पर आमरण अनशन तीसरे दिन स्थगित किया। बुधवार को अनशन स्थल पर एरिया बारह के एजीएम सुभाशीष घोष एपीएम शायक गोस्वामी ने जूस पिलाकर अनशन समाप्त करवाया। इस दौरान यूनियन के सभी श्रमिकों के समक्ष सुभाशीष मुखर्जी को धनबाद मुख्यालय से गुरुवार को होने वाली बैठक का लेकर लेटर भी सौंपा। इस दौरान सुभाशीष मुखर्जी ने बताया कि हमारी तीन प्रमुख मांगे प्रबंधन के सामने रखते हुए अनशन प्रारंभ किया था। जिनमे बीसीसीएल सीबी एरिया अंतर्गत जो कोलियरी श्रमिक बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र कोलियरी के तहत कार्य करते है, उन्हें 16 प्रतिशत हाउस रेंट देने की मांग की, क्योंकि बंगाल में काम करने वाले श्रमिक आसनसोल कारपोरेशन के अंतर्गत निवास करते है। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल ने दामागोड़िया कोलियरी क्षेत्र में चापतोड़िया प्रोजेक्ट चालु करने के दौरान जिन लोगों को जमीन लेकर उसके बदले में नौकरी दिया है। उसे अभी तक स्थायी नही किया गया है। उन्होंने कहा कि जमीन के बदले नौकरी पाने वाले श्रमिकों को स्थायी किया जाय, ताकि वह बीसीसीएल से मिलने वाली सुविधा से वंचित नही रहें। इसके अलावा तीसरी मांग यह है कि बीसीसीएल सीवी एरिया अंतर्गत बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में काम करने वाले कोलियरी कर्मचारियों एवं श्रमिकों को चुनाव ड्यूटी पर झारखंड नही भेजा जाय, उन्होंने कहा कि बंगाल में काम करने वाले श्रमिकों को झारखंड क्षेत्र के बारे में कोई जानकारी नही है, जिसके कारण उन्हें चुनाव ड्यूटी के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जब तक तीन सूत्री मांग को पूरा नही किया जाता है तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा, इसे लेकर बीसीसीएल सीवी एरिया महाप्रबंधक एस. कुमार ने श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उनकी मांग को लेकर धनबाद स्थित बीसीसीएल मुख्यालय को पत्र भेजकर जानकारी दी गयी है, लेकिन श्रमिक संगठन के एरिया सचिव शुभाशीष मुखर्जी ने बीसीसीएल मुख्यालय की ओर से एक उच्च स्तरीय बैठक करने की मांग की। जिसे मान लिया गया, बैठक गुरुवार को बीसीसीएल के अधिकारी धनबाद मुख्यालय अधिकारियों के अलावा श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि शामिल होकर इस मुद्दे पर बात करेंगे, बैठक में इन तीन सूत्री मांग पूरा नही की जायेगी, इसके बाद ओर भी बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।