Asia Cup Trophy Controversy: भारत और पाकिस्तान (Paksdddd ) के बीच क्रिकेट के मैदान से बाहर की जंग अब एशिया कप ट्रॉफी को लेकर गरमा गई है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) और उसके प्रमुख मोहसिन नकवी को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने फाइनल के बाद ट्रॉफी पाकिस्तान के गृह मंत्री और ACC चीफ नकवी से लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद से ट्रॉफी पाकिस्तान के पास ही अटकी हुई है। बीसीसीआई अब इस मामले को लेकर सख्त रुख अपनाने के मूड में है। आइए जानते हैं कि क्या है यह पूरा विवाद, बीसीसीआई का रुख, नकवी का जवाब और गुवाहाटी टेस्ट से जुड़ा अहम अपडेट।
ट्रॉफी विवाद पर बीसीसीआई का सख्त रुख/Asia Cup Trophy Controversy
दुबई में खेले गए एशिया कप फाइनल (एशिया कप फाइनल) में भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर खिताब जीता था। लेकिन मैच के बाद एक अप्रत्याशित विवाद खड़ा हो गया, जब भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने ट्रॉफी लेने के लिए पाकिस्तान के गृह मंत्री और ACC प्रमुख मोहसिन नकवी के हाथों से ट्रॉफी स्वीकार करने से मना कर दिया। इसके बाद से ही विजेता ट्रॉफी पाकिस्तान के पास ही है। बीसीसीआई को उम्मीद थी कि यह ट्रॉफी जल्द मुंबई मुख्यालय पहुंच जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब बोर्ड ने साफ चेतावनी दी है कि अगर दो दिन में ट्रॉफी नहीं सौंपी गई, तो चार नवंबर को दुबई में होने वाली ICC की तिमाही बैठक में यह मुद्दा आधिकारिक रूप से उठाया जाएगा।

बीसीसीआई की नाराज़गी और अंतिम चेतावनी
बीसीसीआई (BCCI) के संयुक्त सचिव देवजीत सैकिया (Devjit Saikia) ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “एक महीने से ज़्यादा हो गया है, लेकिन ट्रॉफी हमें अब तक नहीं दी गई। हम नाखुश हैं, हालांकि उम्मीद अभी बाकी है।” उन्होंने बताया कि करीब 10 दिन पहले एसीसी अध्यक्ष को औपचारिक पत्र भेजा गया था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। बीसीसीआई मानता है कि यह व्यवहार खेल भावना के खिलाफ है। बोर्ड चाहता है कि ट्रॉफी सम्मानपूर्वक भारत को सौंपी जाए, ताकि खिलाड़ियों की मेहनत और गौरव का सम्मान बना रहे। अगर नकवी की ओर से दो दिन में कोई कदम नहीं उठाया गया, तो बीसीसीआई इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बनाएगा।
नकवी का रुख और भारत का जवाब
सूत्रों के मुताबिक, नकवी (Naqvi) ने कहा है कि वे ट्रॉफी भारत को सौंपने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसे “व्यक्तिगत रूप से” देना चाहते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय खिलाड़ी किसी आगामी आयोजन में ट्रॉफी खुद आकर ले सकते हैं। लेकिन बीसीसीआई इस प्रस्ताव को खेल भावना के विपरीत मानते हुए अस्वीकार कर चुका है। बोर्ड का तर्क है कि ट्रॉफी विजेता टीम का अधिकार है और इसे औपचारिक रूप से भारत को सौंपा जाना चाहिए, न कि व्यक्तिगत कार्यक्रम में। फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दो दिनों में नकवी क्या कदम उठाते हैं और क्या यह विवाद अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचता है या नहीं।
गुवाहाटी टेस्ट में होने वाला अनोखा बदलाव
इस विवाद के बीच बीसीसीआई (BCCI) के संयुक्त सचिव देवजीत सैकिया (Secretary Devjit Saikia) ने एक दिलचस्प जानकारी भी साझा की। उन्होंने बताया कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच गुवाहाटी में अगले महीने होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में एक अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिल सकता है। सैकिया ने कहा, “गुवाहाटी में सूर्योदय और सूर्यास्त जल्दी होने के कारण सत्रों के क्रम में बदलाव पर विचार किया जा रहा है। इस मैच में लंच से पहले ‘टी ब्रेक’ का नया फॉर्मेट लागू किया जा सकता है।” यह भारतीय टेस्ट इतिहास में पहली बार होगा जब लंच से पहले ‘टी ब्रेक’ परोसा जाएगा, जिससे दर्शकों को एक अनोखा अनुभव मिलने वाला है।










