Sambhal Moradabad road damaged: नहीं चली संभल-मुरादाबाद की सड़क, 10 दिन में ही उखड़ गई नई परत

Sambhal Moradabad road damaged: गड्ढों से फिर भर गया मुख्य मार्ग, ग्रामीणों में आक्रोश

Sambhal Moradabad road damaged: संभल को मुरादाबाद से जोड़ने वाला मुख्य संपर्क मार्ग एक बार फिर यात्रियों के लिए आफत बन गया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने महज 10 दिन पहले ही इस सड़क का निर्माण और मरम्मत कार्य पूरा किया था, लेकिन अब सड़क की ऊपरी परत उखड़ने लगी है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है। आए दिन छोटे-मोटे हादसे हो रहे हैं। ग्रामीणों और स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण में भारी अनियमितता और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिसकी वजह से सड़क इतनी जल्दी खराब हो गई।

बारिश ने खोली निर्माण की पोल/Sambhal Moradabad road damaged

यह सड़क संभल और मुरादाबाद जिले को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है। पिछले कुछ महीनों में हुई भारी बारिश के कारण यह पूरी तरह जर्जर हो गई थी। सड़क पर बड़े गड्ढे बन गए थे, जिससे वाहनों के फंसने और दुर्घटनाओं की घटनाएं बढ़ गई थीं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बार-बार शिकायत की। आखिरकार पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत कार्य शुरू कराया। पिछले महीने काम शुरू हुआ और करीब 10 दिन पहले सड़क को पूरा करके यातायात के लिए खोल दिया गया।

लोगों को उम्मीद थी कि अब राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। नई डाली गई डामर की परत बारिश के पानी से धुल गई और सड़क फिर से पुरानी हालत में पहुंच गई। ग्रामीण बताते हैं कि सड़क के किनारे ठीक से मरम्मत नहीं की गई। नीचे की आधार परत कमजोर थी, ऊपर से पतली परत डालकर काम पूरा कर लिया गया। नतीजा यह कि 10 दिन भी नहीं बीते कि सड़क उखड़ने लगी। अब फिर वही गड्ढे, वही कीचड़ और वही खतरा।

ग्रामीणों का आरोप,बड़ी धांधली हुई निर्माण में

इस सड़क की खराब हालत देखकर स्थानीय ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। गांव वालों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से घटिया काम किया गया। एक ग्रामीण ने बताया। कि लाखों रुपए खर्च हो गए लेकिन सामान कहां गया? सड़क के किनारे तक ठीक से नहीं भरे गए। ऊपर से बस डामर डालकर चलते बने।

कई लोगों ने आरोप लगाया कि निर्माण के दौरान मानकों का पालन नहीं किया गया। सड़क की मोटाई कम रखी गई, अच्छी क्वालिटी की गिट्टी और डामर का इस्तेमाल नहीं हुआ। बारिश आते ही सब बह गया। “यहां रोज हादसे होते थे पुरानी सड़क से। अब नई सड़क भी नहीं टिकी। बच्चों को स्कूल जाना मुश्किल हो गया है, बाइक वाले गिरते हैं, गाड़ियां खराब हो रही हैं,” एक महिला ने शिकायत की।

ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार अधिकारियों से मिले, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब वे फिर से प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ लोग तो सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर मामले को उठा रहे हैं, ताकि उच्च अधिकारियों का ध्यान जाए।

आए दिन हो रहे हादसे,यात्रियों की मुसीबतें बढ़ीं

यह मार्ग संभल से मुरादाबाद जाने का मुख्य रास्ता है। यहां से रोज हजारों वाहन गुजरते हैं। स्कूल बसें, एम्बुलेंस, ट्रक और आम लोग सभी इसी सड़क का इस्तेमाल करते हैं। अब गड्ढों की वजह से जाम लग रहा है। वाहन चालक धीरे-धीरे चलने को मजबूर हैं। रात में तो खतरा और बढ़ जाता है।

पिछले कुछ दिनों में कई छोटे हादसे हो चुके हैं। एक व्यक्ति की बाइक गड्ढे में फंसकर गिर गई, जिससे वह घायल हो गया। ट्रक और बस चालक भी परेशान हैं। “सड़क बनाने में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, लेकिन टिकती क्यों नहीं? यह पैसों की बर्बादी है और हमारी जान का खतरा,” एक ट्रक ड्राइवर ने कहा।

महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। बारिश में कीचड़ उछलता है, कपड़े गंदे हो जाते हैं। बुजुर्गों को चलना मुश्किल हो रहा है। गांवों से शहर आने-जाने वाले किसान भी परेशान हैं। उनकी फसल ले जाने वाली गाड़ियां खराब हो रही हैं।

पीडब्ल्यूडी की लापरवाही क्यों बार-बार

उत्तर प्रदेश में सड़कों की ऐसी हालत कोई नई बात नहीं है। हर साल बारिश में सड़कें खराब होती हैं और मरम्मत के नाम पर पैसे खर्च होते हैं। संभल-मुरादाबाद मार्ग जैसी महत्वपूर्ण सड़कों पर भी यही हाल है। विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण में गुणवत्ता जांच नहीं होती। ठेकेदार घटिया सामग्री इस्तेमाल करते हैं और अधिकारी आंखें मूंद लेते हैं।

कई बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं होती। ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो। दोषी अधिकारियों और ठेकेदार पर सख्त एक्शन लिया जाए। सड़क को दोबारा ठीक से बनवाया जाए, ताकि लोग सुरक्षित यात्रा कर सकें।

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