Delhi Battles Toxic Air In Diwali: पटाखों और पराली ने बढ़ाया दिल्ली का प्रदूषण: सांस लेना हुआ मुश्किल, सरकार ने लागू किए सख्त नियम

Delhi Battles Toxic Air In Diwali: दिल्ली में दिवाली के बाद सांस लेना हुआ मुश्किल: हवा में जहर घुला, सरकार हरकत में आई

Delhi Battles Toxic Air In Diwali: दिवाली (Diwali) की रौनक के बाद दिल्ली (Delhi Air) की हवा में अब सिर्फ धुंध और धुआं है। सुबह का नज़ारा ऐसा रहा मानो शहर पर एक मोटी परत छा गई हो। प्रदूषण स्तर इतना बढ़ गया है कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट बताती है कि राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों और पराली जलाने की वजह से हालात और बिगड़े हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है।

दिल्ली की हवा में जहर: AQI 335 पार, कई इलाकों में स्थिति गंभीर/Delhi Battles Toxic Air In Diwali

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक दिल्ली में औसत AQI 335 दर्ज किया गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इंडिया गेट के आसपास AQI 350 पार हो गया, आनंद विहार में 414 और वजीरपुर में 407 तक पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली की रात पटाखे जलाने से हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ी है। कुछ इलाकों में लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें सामने आई हैं। लगातार गिरती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए प्रशासन ने GRAP-II स्तर के प्रदूषण-रोधी प्रतिबंध लागू किए हैं।

GRAP-II लागू, डीजल जनरेटर और कोयले पर रोक, मास्क पहनने की सलाह

बढ़ते प्रदूषण (High Pollution) के बीच दिल्ली-NCR में ग्रैप-2 (GRAP-II) लागू कर दिया गया है। इसके तहत कोयला और लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा, जबकि डीजल जनरेटर का इस्तेमाल सीमित किया गया है। साथ ही सड़क निर्माण और मरम्मत के दौरान धूल नियंत्रण के कड़े निर्देश दिए गए हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग घर से बाहर निकलते समय N95 या डबल सर्जिकल मास्क का उपयोग करें। गाजियाबाद (Ghaziabad) के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी (Dr. Sharad Joshi) के अनुसार, कमजोर फेफड़े वाले लोग और बच्चे विशेष सावधानी बरतें। प्रशासन ने पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।

कृत्रिम बारिश की तैयारी और पराली जलाने पर कार्रवाई

तेजी से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने बताया कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश (Cloud Seeding) की तैयारी पूरी हो चुकी है। मौसम विभाग की अनुमति मिलते ही यह प्रयोग दिवाली के एक दिन बाद शुरू किया जाएगा। प्रदूषण की बड़ी वजह पराली जलाना भी मानी जा रही है। हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है, जिससे दिल्ली की हवा और बिगड़ जाती है। 2015 में NGT ने इस पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अब भी यह समस्या जारी है। CAQM अधिनियम 2021 के तहत अब किसानों पर 5,000 से 30,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

प्रशासन अलर्ट, नागरिकों से सहयोग की अपील

CAQM और CPCB ने मिलकर राजधानी में प्रदूषण रोकने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे पटाखों का उपयोग सीमित करें, सार्वजनिक परिवहन अपनाएं और अनावश्यक वाहन चालान से बचें। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों में हवा का रुख नहीं बदला, तो हालात और खराब हो सकते हैं। फिलहाल प्रशासन कृत्रिम बारिश और जागरूकता अभियानों के जरिये हवा को थोड़ा साफ करने की कोशिश में जुटा है।

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