Doctor Zuber Inspection In Raebareli : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) रायबरेली के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद जुबैर ने सलोन विकास क्षेत्र के कई आंगनबाड़ी केंद्रों एवं प्राथमिक विद्यालयों का औचक शैक्षिक सुपरविजन (निरीक्षण) किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान छात्रों की उपस्थिति, शिक्षण प्रक्रिया, सहायक सामग्री के उपयोग, अभिलेखों के रखरखाव तथा विद्यालयों की समग्र व्यवस्था का जायजा लिया गया। डॉ. जुबैर ने विशेष रूप से छात्र उपस्थिति बढ़ाने, जर्जर भवनों में कक्षाओं का संचालन न करने तथा विद्यालय बंद करने से पूर्व बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया।
निरीक्षण का यह दौर आज सुबह 9:15 बजे प्राथमिक विद्यालय रंगौटी से प्रारंभ हुआ। यहां कुल नामांकित 22 छात्रों के सापेक्ष मात्र 7 छात्र ही उपस्थित पाए गए। डॉ. जुबैर ने शिक्षकों को उपस्थिति में वृद्धि के लिए अभियान चलाने तथा अभिभावकों से संपर्क बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कम उपस्थिति शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करती है, इसलिए इसे प्राथमिकता दी जाए।

इसके बाद लगभग 11:00 बजे डॉ. जुबैर प्राथमिक विद्यालय गढ़ी इस्लामनगर पहुंचे। यहां कुल 86 नामांकित छात्रों के मुकाबले 35 छात्र ही कक्षाओं में मौजूद रहे। विद्यालय में शिक्षक उमेश पटेल द्वारा कक्षा 5 के पाठ ‘चिड़िया दाना’ का प्रस्तुतीकरण सहायक शिक्षण सामग्री के माध्यम से किया जा रहा था। छात्र आशीष, नंदनी, सोनिया, माही आदि ने निपुण प्लस ऐप के माध्यम से भाषा, गणित एवं पर्यावरण से संबंधित प्रश्नों के सटीक उत्तर दिए। सही उत्तरों पर डॉ. जुबैर ने छात्रों को शाबाशी देते हुए प्रोत्साहित किया। उन्होंने शिक्षकों को डिजिटल टूल्स के अधिक उपयोग तथा इंटरैक्टिव शिक्षण पर जोर दिया।
दोपहर 1:30 बजे निरीक्षण का अंतिम चरण प्राथमिक विद्यालय एरी डीह में हुआ। यहां कुल 61 नामांकित छात्र-छात्राओं के सापेक्ष 49 उपस्थित रहे, जो अन्य विद्यालयों की तुलना में बेहतर स्थिति दर्शाता है। आंगनबाड़ी केंद्र गढ़ी इस्लामनगर एवं एरी डीह की शैक्षिक व्यवस्था को डॉ. जुबैर ने अच्छी एवं सुदृढ़ पाया। दोनों केंद्रों में पठन-पाठन की प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही थी। उन्होंने केंद्रों के प्रभारी कर्मियों को बाल विकास, खेल-कूद गतिविधियों तथा पोषण संबंधी कार्यक्रमों को मजबूत करने के दिशा-निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान डॉ. जुबैर ने तीनों विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रिंट रिच मटेरियल (मुद्रण सामग्री), इको क्लब का गठन, खेल सामग्री की उपलब्धता, पुस्तकालय की पुस्तकों की स्थिति, शिक्षक संदर्शिका, कार्य पुस्तिका, स्मार्ट क्लास, गणित किट, एमडीएम (मध्याह्न भोजन) की बैठक तथा पीटीए (अभिभावक-शिक्षक संघ) की बैठकों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने पाया कि कुछ क्षेत्रों में सुधार की गुंजाइश है, इसलिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए।
विशेष रूप से प्राथमिक विद्यालय गढ़ी इस्लामनगर में शिक्षिका सीमा शुक्ला सीसीएल (कैजुअल लीव) पर अवकाश पर थीं, जबकि प्रमोद कुमार एवं उमेश पटेल शिक्षकों को अभिलेखों के रखरखाव तथा स्वच्छ अभिलेखीकरण (साफ-सुथरे रिकॉर्ड) हेतु दिशा-निर्देश दिए गए। डॉ. जुबैर ने चेतावनी दी कि अभिलेखों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निरीक्षण के अंत में डॉ. जुबैर ने सभी विद्यालयों के प्राचार्यों एवं शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जर्जर भवनों में बच्चों को कक्षाओं के लिए न बिठाया जाए, क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। साथ ही, विद्यालय बंद करने के समय यह सुनिश्चित किया जाए कि अंदर कोई बच्चा तो नहीं रह गया है। इसका कठोर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित फॉलो-अप किया जाएगा। उन्होंने कहा, “शिक्षा का मूल उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास है, इसलिए गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।”
निरीक्षण के दौरान सेवानिवृत्त शिक्षक मोहम्मद इस्माइल खान पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहे, जिन्होंने स्थानीय स्तर पर सहयोग प्रदान किया। यह निरीक्षण सलोन क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।