Dumka Deputy Commissioner Inspires Students: दुमका जिले के गांदो गांव में स्थित +2 उत्क्रमित राजकीय बुनियादी उच्च विद्यालय में हाल ही में एक अभिभावक-शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिले के उपायुक्त अभिजीत सिन्हा खुद विशेष रूप से मौजूद रहे। यह कार्यक्रम न सिर्फ स्कूल की समस्याओं पर चर्चा करने का मौका था, बल्कि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को एक साथ लाकर शिक्षा और समाज की बेहतरी की दिशा में कदम उठाने का भी था। उपायुक्त ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि दृढ़ संकल्प और सच्ची लगन से ही उज्ज्वल कल की नींव रखी जा सकती है।
बालिकाओं का सशक्त नाटक, बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता/Dumka Deputy Commissioner Inspires Students
बैठक की शुरुआत स्कूल की बालिकाओं के एक प्रभावशाली नाटक से हुई। छात्राओं ने बाल विवाह की कुप्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने वाला नाटक प्रस्तुत किया। नाटक में दिखाया गया कि छोटी उम्र में शादी कैसे लड़कियों के सपनों को तोड़ देती है और पूरे समाज को नुकसान पहुंचाती है। उपायुक्त ने इस नाटक की खूब सराहना की और कहा कि सामाजिक मुद्दों पर इस तरह लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिया कि इस नाटक का मंचन जिले के अलग-अलग स्थानों पर किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस संदेश से जुड़ें।

उपायुक्त का स्कूलों से खास लगाव और अभिभावकों से संवाद
उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने बताया कि उन्हें स्कूलों का दौरा करना और बच्चों से बातचीत करना बहुत अच्छा लगता है। इस बार अभिभावकों की मौजूदगी में स्कूल को बेहतर बनाने के कई उपयोगी सुझाव मिले। बैठक में अभिभावकों ने अपनी समस्याएं और राय खुलकर रखीं। उपायुक्त ने सभी की बातें ध्यान से सुनीं और समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को मजबूत बनाने में अभिभावक और शिक्षकों की भूमिका सबसे बड़ी है। ऐसे आयोजन से स्कूल और घर के बीच का जुड़ाव और मजबूत होता है।
शिक्षकों की कमी और सरकारी योजनाओं का सही उपयोग
स्कूल में शिक्षकों की कमी एक प्रमुख समस्या थी। उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि सहायक शिक्षकों की नियुक्ति जल्द हो जाएगी, जिससे यह दिक्कत काफी कम हो जाएगी। साथ ही, उन्होंने अभिभावकों को बताया कि केंद्र और राज्य सरकार बच्चों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं की राशि सीधे बच्चों के बैंक खाते में जाती है। उपायुक्त ने अपील की कि इस पैसे का उपयोग सिर्फ बच्चों की शिक्षा और जरूरतों पर ही किया जाए। कुछ अभिभावकों ने शिकायत की कि उन्हें योजना की राशि नहीं मिली। इस पर उपायुक्त ने तुरंत जांच करवाने और जरूरी कार्रवाई करने का आदेश दिया, जिससे अभिभावकों को राहत मिली।
करियर काउंसलिंग और अन्य क्षेत्रों में अवसर
उपायुक्त ने छात्रों को समझाया कि आज के दौर में केवल किताबी शिक्षा ही नहीं, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी शानदार करियर बनाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए स्पष्ट लक्ष्य और पूरा समर्पण जरूरी है। उन्होंने 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए करियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित कराने का निर्देश दिया। इससे बच्चे अपनी रुचि के अनुसार आगे का रास्ता चुन सकेंगे और पढ़ाई में ज्यादा ध्यान दे सकेंगे।
स्कूल की बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान
बैठक में स्कूल की कई व्यावहारिक समस्याएं सामने आईं। पानी की कमी को देखते हुए उपायुक्त ने हैंडपंप (टीप बोरिंग) लगवाने का आदेश दिया। स्कूल की सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल पर कंटीले तार लगाने और नए क्लासरूम के निर्माण को जल्द पूरा करने का भरोसा दिलाया। साथ ही, सख्त हिदायत दी कि जो शिक्षक बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे रहे, उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई की जाए। उपायुक्त ने छात्रों से अपील की कि अपनी प्रतिभा और मेहनत से गांव, परिवार, राज्य और देश का नाम रोशन करें। जिला प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयार है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसी स्कूल से राज्य स्तर के टॉपर निकलेंगे, बस लगन से पढ़ाई करें।
स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण भी
बैठक के बाद उपायुक्त ने गांदो के स्वास्थ्य उपकेंद्र का भी निरीक्षण किया। वहां उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं, उपलब्ध दवाइयों और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जहां कमी दिखी, वहां संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। इससे गांव के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद जगी।
इस कार्यक्रम में ब्लॉक शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ), स्कूल के प्राचार्य, अन्य शिक्षक और बड़ी संख्या में अभिभावक मौजूद थे। यह बैठक स्कूल की समस्याओं का समाधान निकालने के साथ-साथ बच्चों को नई प्रेरणा देने वाली भी बनी। उपायुक्त की यह पहल दुमका जिले में ग्रामीण शिक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऐसे प्रयासों से गांव के बच्चे बड़े सपने देखेंगे और उन्हें हकीकत में बदल सकेंगे।










