Raebareli News : दीपावली पर करीब 7 करोड रुपए की बिकी शराब पर आबकारी विभाग बना रहा जश्न

Raebareli News : नियमों को ताख पर रखकर बंदी के दिन भी शटर के नीचे से बेची गई सरकारी शराब

Raebareli News : दीपावली के पावन पर्व पर जहां एक ओर घर-घर उजाले और खुशियों का संदेश फैल रहा था, वहीं आबकारी विभाग की लापरवाही और मनमानी ने त्योहार की मर्यादा को तार-तार कर दिया। बंदी के दिनों में भी सरकारी शराब की दुकानों पर अवैध बिक्री का सिलसिला थमने का नाम नही लिया जिसके चलते आम जनता में आक्रोश व्याप्त है।

बताते चलें कि दीपावली त्यौहार पर बंदी होने के बाद भी विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते राही, रुस्तमपुर, डिघिया, गुरबक्शगंज, अमावा, सेमरी, छतोह, महाराजगंज सहित अन्य ग्रामीण इलाकों और मुख्य मार्गों पर स्थित दुकानों में नियमों को ताख पर रखकर देसी और अंग्रेजी शराब की जमकर बिक्री की गई। इसके बावजूद विभाग ने इस ‘बंपर बिक्री’ पर वाह-वाही लूटने में कोई कसर न छोड़ी। जारी आंकड़ों के मुताबिक, 19 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक के छह दिनों में जिले के शराब प्रेमियों ने 6 करोड़ 71 लाख रुपये की शराब गटक ली, जो विभाग के लिए ‘झूमने’ वाली खबर साबित हुई।त्योहारों के दौरान शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बावजूद आबकारी विभाग की आंखें मूंदी रहीं।

सूत्रों के अनुसार, कई दुकानों पर रात के काले अंधेरे में या फिर ‘सटर के नीचे’ से देसी शराब की खेप ग्राहकों तक पहुंचाई गई। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अवैध कारोबार और भी संगठित रूप से चला, जहां गरीब और मजदूर वर्ग की जेब पर डाका डाला गया। जिला आबकारी अधिकारी दिनेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में इस बिक्री को ‘जश्न का जोश’ बताते हुए कहा कि यह आंकड़ा जिले की समृद्धि का प्रतीक है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब त्योहारों पर ड्राई डे का सख्ती से पालन होना चाहिए तब विभाग की यह चुप्पी क्या संकेत दे रही है? क्या यह भ्रष्टाचार का खुला न्योता नहीं? आंकड़ों पर गौर करें तो त्योहारी सीजन में शराब की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया। 19 से 24 अक्टूबर तक के इन छह दिनों में कुल 6.71 करोड़ रुपये की मदिरा की खरीदारी हुई,जो सामान्य दिनों से कई गुना अधिक है। जिले भर में फैली लगभग 200 से अधिक सरकारी शराब दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ी। विशेष रूप से धनतेरस से दीपावली तक की अवधि में बिक्री चरम पर पहुंच गई। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह वृद्धि न केवल व्यक्तिगत सेवन के कारण हुई, बल्कि उपहार के रूप में शराब की खरीदारी ने भी इसमें योगदान दिया।

हालांकि, यह आंकड़ा अवैध बिक्री को भी छिपा सकता है, क्योंकि कई दुकानों पर बिना रिकॉर्ड के बिक्री की शिकायतें मिल रही हैं। जिले के शराब प्रेमियों ने सभी श्रेणियों में जमकर खरीदारी की, लेकिन हमेशा की तरह देसी शराब ने रिकॉर्ड बिक्री में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। आंकड़ों के अनुसार, 3 करोड़ 78 लाख रुपये की देसी शराब बिकी, जो कुल बिक्री का लगभग 56 प्रतिशत है। सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने के कारण ग्रामीण इलाकों में इसकी मांग सबसे अधिक रही। आबकारी अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया, “ग्रामीण अंचलों में देसी शराब की बिक्री हमेशा प्रमुख रहती है,और इस बार त्योहारों के जोश ने इसे और बढ़ा दिया।

हालांकि, अंग्रेजी शराब के शौकीनों ने भी कोई कसर न छोड़ी। 1 करोड़ 90 लाख रुपये की अंग्रेजी शराब की बिक्री हुई, जो शहरी क्षेत्रों में युवाओं और मध्यम वर्ग की पसंद को दर्शाती है। ठंड की शुरुआत के बावजूद बीयर प्रेमियों ने 1 करोड़ 3 लाख रुपये खर्च कर डाले, खासकर युवा पीढ़ी के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ी। कुल मिलाकर, ये आंकड़े बताते हैं।

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