Final Push Before Bihar Vote Begins: बिहार (Bihar) की सियासत अब अपने सबसे निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) के पहले चरण की वोटिंग से पहले आज यानी मंगलवार को प्रचार का आखिरी दिन है। सड़कों से लेकर चौपालों तक चुनावी हलचल चरम पर है। हर दल अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार चुका है ताकि आखिरी वक्त में जनता का रुख अपने पक्ष में मोड़ा जा सके। शाम 6 बजे के बाद चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रचार थम जाएगा। अब जो कुछ भी कहना था, वो आज कह देना है।
पहले चरण की वोटिंग से पहले गरमाया माहौल/Final Push Before Bihar Vote Begins
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) का पहला चरण अब बस कुछ घंटे दूर है। 6 नवंबर को राज्य की 121 सीटों पर वोटिंग होगी, और उससे पहले सियासी पारा तेजी से चढ़ गया है। सोमवार रात से लेकर मंगलवार दोपहर तक हर पार्टी के दफ्तरों में रणनीतियों की गहमागहमी जारी है। उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों में आखिरी दौर की सभाएं और रोड शो कर रहे हैं। गांवों में चौपालों पर बहसें हैं, शहरों में जुलूस और नारों की गूंज। प्रचार अभियान अब भावनाओं और उम्मीदों का संगम बन चुका है। सभी दल इस कोशिश में हैं कि मतदाताओं के दिल तक अपनी बात पहुंचा दी जाए। जैसे-जैसे शाम करीब आ रही है, सड़कों पर राजनीतिक पोस्टर और लाउडस्पीकरों की आवाजें इस चुनावी जोश की आखिरी झलक दिखा रही हैं।

बीजेपी के स्टार प्रचारकों की धुआंधार एंट्री
प्रचार के आखिरी दिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने सबसे बड़े नेताओं को मैदान में उतारा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बिहार के तीन जिलों में रैलियां करेंगे, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चार जगह जनसभाओं को संबोधित करेंगे। पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी दो महत्वपूर्ण सभाओं में जनता से संवाद करेंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चार बड़ी रैलियों के जरिए “डबल इंजन सरकार” की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाया जाएगा। बीजेपी की रणनीति स्पष्ट है— हर जिले में अपने बड़े चेहरे उतारकर माहौल को अपने पक्ष में मोड़ना। इस बीच, राज्य इकाई के नेता भी अपने स्थानीय उम्मीदवारों के साथ पूरी ताकत झोंक रहे हैं। पार्टी का फोकस विकास, सुरक्षा और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर टिका है, जो उनके हर भाषण का केंद्रीय मुद्दा बना हुआ है।
राहुल-तेजस्वी की जोड़ी में विपक्ष का जोश (150 शब्द)
विपक्षी खेमे में भी जोरदार हलचल है। कांग्रेस के राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आज बिहार के तीन प्रमुख इलाकों- औरंगाबाद, कुटुंबा और वजीरगंज में रैलियां करेंगे। राहुल अपने भाषणों में बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं। वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव आज एक दिन में रिकॉर्ड 17 रैलियां करने वाले हैं। तेजस्वी अपने जोशीले अंदाज़ और आक्रामक तेवरों से महागठबंधन के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में हैं। उनके भाषणों में युवाओं, रोजगार और सामाजिक न्याय की बातें प्रमुखता से शामिल हैं। कांग्रेस और राजद (Congress And RJD) के संयुक्त मंच पर भीड़ उमड़ रही है, जिससे विपक्षी खेमे का मनोबल बढ़ा है। विपक्ष की रणनीति साफ है—जनता के असंतोष को वोटों में तब्दील करना।
छोटे दलों की मेहनत और जनता का अंतिम फैसला
बीजेपी और महागठबंधन (BJP And INDI Alliance) के अलावा छोटे दल भी मैदान में पूरी ताकत से जुटे हैं। लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान आज कई सभाओं को संबोधित कर रहे हैं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा की रालोसोपा भी अपने उम्मीदवारों के समर्थन में अंतिम रैलियां कर रही है। AIMIM समेत क्षेत्रीय दल रोड शो और नुक्कड़ सभाओं के जरिए अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश में हैं। वहीं, दूसरी ओर मतदाता भी इस बार के चुनाव में गहराई से रुचि ले रहे हैं। अब जबकि शाम 6 बजे के बाद प्रचार थम जाएगा, जनता के सामने असली फैसला करने का वक्त आ गया है। 6 नवंबर को जब लाखों मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचेंगे, तब तय होगा कि वादों, नारों और भाषणों की इस सियासी लड़ाई में आखिर जनता के दिल में किसकी बात सबसे गहराई तक उतरी।










