G20 Summit 2025 Begins In South Africa: दक्षिण अफ्रीका में पहली बार जुटेगा विश्व नेतृत्व, भारत रखेगा अपना बड़ा एजेंडा

G20 Summit 2025 Begins In South Africa: जी20 समिट के लिए साउथ अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय दौरा रहेगा बेहद खास

G20 Summit 2025 Begins In South Africa: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तीन दिवसीय दक्षिण अफ्रीका (South Africa) दौरे पर रवाना हो चुके हैं, जहां जोहान्सबर्ग (Johannesburg) में आयोजित हो रहा G20 समिट कई मायनों में ऐतिहासिक है। पहली बार यह प्रतिष्ठित सम्मेलन अफ्रीका महाद्वीप में आयोजित हो रहा है और ऐसे में भारत की भूमिका और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पीएम मोदी ने रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर भारत की प्राथमिकताओं, अफ्रीका की प्रेसीडेंसी की अहमियत और वैश्विक सहयोग को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। इस दौरान वे कई विश्व नेताओं से मिलेंगे और 6th IBSA समिट में भी हिस्सा लेंगे।

अफ्रीका में पहली बार जुट रहा है G20 मंच/G20 Summit 2025 Begins In South Africa

इस वर्ष का G20 समिट कई कारणों से बेहद खास है, जिनमें सबसे बड़ा कारण है—पहली बार इस वैश्विक सम्मेलन का अफ्रीका (Africa) में आयोजन। साउथ अफ्रीका (South Africa) की राजधानी जोहान्सबर्ग (Johannesburg) 21 से 23 नवंबर तक दुनिया के शीर्ष नेताओं की मेजबानी कर रही है। 20वें G20 लीडर्स समिट का फोकस वैश्विक आर्थिक स्थिरता, समानता, टिकाऊ विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना है। 2023 में भारत की G20 प्रेसीडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन (African Union) को G20 का स्थायी सदस्य बनाया गया था, जिससे अफ्रीका को वैश्विक निर्णय संरचना में महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व मिला। इस बार की थीम—एकजुटता, समानता और स्थिरता—पिछले समिटों के परिणामों को आगे बढ़ाने का प्रयास है। इस मंच पर भारत की भागीदारी इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं और ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

भारत रखेगा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का विज़न

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से पहले अपने संदेश में कहा कि वे राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) के निमंत्रण पर इस ऐतिहासिक समिट में शामिल होने जा रहे हैं। उनका कहना है कि यह सम्मेलन वैश्विक मुद्दों पर सार्थक संवाद का अवसर देगा। भारत समिट में वसुधैव कुटुम्बकम—एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के सिद्धांत को अपनी मूल सोच के रूप में पेश करेगा। इस दौरान पीएम मोदी आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल नवाचार, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, गरीबी उन्मूलन और टिकाऊ विकास लक्ष्यों से जुड़ी भारतीय रणनीति साझा करेंगे। इसके साथ ही वे कई द्विपक्षीय बैठकों में भाग लेकर दुनिया के प्रमुख देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे। यह दौरा भारत-अफ्रीका साझेदारी को भी नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।
6th IBSA समिट पर भी रहेगी नजर

6th IBSA समिट पर भी रहेगी नजर

दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में होने वाले इस तीन दिवसीय दौरे में पीएम मोदी का कार्यक्रम बेहद व्यस्त रहने वाला है। G20 मुख्य सत्रों में भाग लेने के अलावा वे 6th IBSA समिट—भारत (India), ब्राज़ील (Brazil) और साउथ अफ्रीका (South Africa) का त्रिपक्षीय मंच—में भी हिस्सा लेंगे। IBSA मंच का उद्देश्य लोकतंत्र, विकास और वैश्विक दक्षिण की साझेदारी को मजबूत करना है। इसके अलावा पीएम मोदी कई देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों से द्विपक्षीय वार्ताएं करेंगे, जिनमें व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल सेक्टर के मुद्दे प्राथमिकता में रहेंगे। इस पूरे दौरे में भारतीय दृष्टिकोण से सबसे बड़ा आकर्षण होगा—साउथ अफ्रीका में बसे भारतीय मूल के प्रवासियों (Indian Diaspora) से मुलाकात। यह दुनिया के सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समुदायों में से एक माना जाता है।

क्या मिलेंगे ठोस नतीजे?

अब जब G20 समिट की शुरुआत हो चुकी है, वैश्विक समुदाय की नजरें इस बात पर हैं कि साउथ अफ्रीका की प्रेसीडेंसी में यह मंच क्या ठोस समाधान पेश करेगा। दुनिया जलवायु संकट, आर्थिक असमानता, युद्ध और तेजी से बदलते तकनीकी ढांचे जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में भारत की भूमिका निर्णायक मानी जा रही है, खासकर उस समय जब भारत लगातार ग्लोबल साउथ की आवाज उठाता रहा है। पीएम मोदी की बहुपक्षीय बैठकों और IBSA समिट में उनकी सक्रिय भागीदारी से उम्मीद है कि भारत वैश्विक सहयोग के नए रास्ते सुझाएगा। आने वाले दिनों में यह भी देखा जाएगा कि इस समिट से उत्पन्न प्रस्ताव, घोषणाएं और साझेदारियां वैश्विक नीतियों में कितना बदलाव लाती हैं। फिलहाल, भारत की प्रतिबद्धता स्पष्ट है एकजुट, स्थिर और समावेशी विश्व व्यवस्था को मजबूत करना।

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