Gomia Kali Temple Blanket Distribution: सर्दी का मौसम जैसे-जैसे सख्त होता जा रहा है, वैसे-वैसे गरीब और जरूरतमंद लोग ठंड से परेशान हो रहे हैं। ऐसे में समाजसेवी संस्थाएं और धार्मिक संगठन आगे आकर राहत का हाथ बढ़ा रहे हैं। इसी कड़ी में गोमिया काली मंदिर संचालन समिति ने एक सराहनीय काम किया है। समिति ने मंदिर परिसर में 151 जरूरतमंद लोगों को गर्म कंबल बांटे।
ठंड से राहत देने की सालाना परंपरा/Gomia Kali Temple Blanket Distribution
काली मंदिर संचालन समिति के सचिव प्रदीप रवानी और कोषाध्यक्ष किशोर कुमार साव ने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ ही हमारी समिति हर साल यह नेक काम करती है। इस बार हमने वृद्ध महिलाओं, पुरुषों और अन्य गरीब लोगों के बीच 151 कंबल वितरित किए। ये कंबल उन लोगों को दिए गए जो रात में खुले आसमान के नीचे या झोपड़ी में रहते हैं और ठंड से बचाव के लिए कुछ नहीं होता। कंबल पाकर उनके चेहरों पर खुशी साफ दिख रही थी। कई बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया और कहा कि मां काली की कृपा से यह मदद मिली।

समिति के सदस्यों का कहना है कि यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है। हर साल सर्दी शुरू होते ही हम श्रद्धालुओं और दानदाताओं की मदद से कंबल इकट्ठा करते हैं और जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं। इससे न केवल ठंड से राहत मिलती है, बल्कि समाज में सेवा भावना भी बढ़ती है।
कंबल वितरण में समिति सदस्यों की सक्रिय भूमिका
कंबल वितरण कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद स्वर्णकार ने मुख्य भूमिका निभाई। उनके साथ सचिव प्रदीप रवानी, कोषाध्यक्ष किशोर कुमार साव, विपिन कुमार, बसंत जायसवाल, राजेंद्र रजक, सुनील चौधरी, राजेंद्र रवानी, आदित्य पाण्डेय, विनोद अग्रवाल, केदार रवानी, किशोरी ठाकुर, संजय शास्त्री और अन्य सदस्यों ने मिलकर यह काम पूरा किया। सभी सदस्य सुबह से ही मंदिर परिसर में जुट गए थे। जरूरतमंद लोगों को लाइन में बुलाकर एक-एक कंबल सौंपा गया।
इससे पहले भी समिति ने वृद्ध महिलाओं के बीच साड़ियां बांटी थीं। समिति के सदस्य बताते हैं कि मां काली की पूजा के साथ-साथ सेवा कार्य भी हमारा धर्म है। श्रद्धालु जो दान देते हैं, उसी से हम गरीबों की मदद करते हैं।
गोमिया काली मंदिर की खासियत क्या है
गोमिया बोकारो जिले का एक प्रमुख इलाका है, जहां काली मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां मां काली की पूजा बड़ी श्रद्धा से होती है। मंदिर संचालन समिति साल भर धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। ठंड के मौसम में कंबल वितरण जैसे काम से समिति की लोकप्रियता और बढ़ जाती है। आसपास के गांवों से लोग मंदिर आते हैं और समिति की इस पहल की तारीफ करते हैं।
निष्कर्ष
झारखंड में दिसंबर-जनवरी में ठंड काफी पड़ती है। कई गरीब परिवारों के पास गर्म कपड़े या कंबल नहीं होते। ऐसे में छोटी-छोटी मदद भी बड़ी राहत देती है। गोमिया काली मंदिर समिति जैसी संस्थाएं आगे आकर यह काम कर रही हैं, जो दूसरों के लिए प्रेरणा है। अगर हर मंदिर या संगठन ऐसा करे तो कोई भी गरीब ठंड से परेशान नहीं रहेगा।
समिति के सदस्यों ने कहा कि आगे भी ऐसे कार्यक्रम जारी रहेंगे। अगले साल और ज्यादा कंबल बांटने की योजना है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे दान देकर इस नेक काम में हिस्सा लें। मां काली की कृपा से गोमिया में सेवा का यह सिलसिला चलता रहेगा।










