Saharanpur : स्वास्थ्य विभाग की सख्ती का शिकार बना नगर कोतवाली क्षेत्र का दून अल्ट्रासाउंड सेंटर। मानकों के विपरीत संचालित इस सेंटर पर औचक छापेमारी के दौरान अनियमितताएं सामने आने के बाद इसे तत्काल सील कर दिया गया। लेकिन कार्रवाई के दौरान सेंटर संचालकों और दबंगों ने स्वास्थ्य टीम के साथ न केवल अभद्रता की, बल्कि एसीएमओ कपिल देव के साथ मारपीट भी की। घटना के बाद पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन अल्ट्रासाउंड कर रही युवती मौके से फरार हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने सख्त तेवर अपनाते हुए सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द करने और संबंद्ध डॉक्टर को ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
शिकायत के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग

मामला उस समय तूल पकड़ा जब दून अल्ट्रासाउंड सेंटर के खिलाफ अवैध संचालन की शिकायत मिली। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. प्रवीन कुमार ने तत्काल एसीएमओ कपिल देव को जांच के लिए निर्देशित किया। एसीएमओ की टीम जैसे ही सेंटर पर पहुंची, वहां का नजारा चौंकाने वाला था। सेंटर में कोई अधिकृत डॉक्टर मौजूद नहीं था। अल्ट्रासाउंड मशीन एक युवती चला रही थी, जो पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन था।
एसीएमओ कपिल देव ने बताया, “जब हमने सेंटर की जांच शुरू की तो वहां मौजूद लोग आक्रोशित हो गए। दबंगों ने न केवल सरकारी कार्य में बाधा डाली, बल्कि मेरे साथ मारपीट की और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अभद्रता की।” पुलिस बुलाने की सूचना पर अल्ट्रासाउंड कर रही युवती मौके से भाग निकली। जांच में पाया गया कि सेंटर बिना रजिस्टर्ड डॉक्टर (जीवन आशा) के चलाया जा रहा था, जो पीसीपीएनडीटी एक्ट और अन्य स्वास्थ्य मानकों का स्पष्ट उल्लंघन है।
सेंटर सील, मुकदमा दर्ज
घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल सेंटर को सील करने का आदेश दिया। एसीएमओ कपिल देव ने थाना नगर कोतवाली में लिखित तहरीर देकर सरकारी कार्य में बाधा, जानलेवा हमला और अभद्रता के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
सीएमओ डॉ. प्रवीन कुमार ने सख्त लहजे में कहा, “ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और संबंधित डॉक्टर को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि जिलेभर में अवैध क्लिनिक और जांच केंद्रों के खिलाफ सघन अभियान चलाया जाएगा।
अवैध केंद्रों में हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद सहारनपुर शहर में संचालित अन्य अवैध अल्ट्रासाउंड और डायग्नोस्टिक सेंटरों में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे केंद्र न केवल मरीजों की जान जोखिम में डालते हैं, बल्कि लिंग जांच जैसे गंभीर अपराधों को भी बढ़ावा देते हैं।
बड़ा सवाल: सरकारी अधिकारी पर हमला कैसे?
घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर सरकारी अधिकारी पर इस तरह का हमला कैसे हो सकता है? स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या सख्त कदम उठाए जाएंगे? विभागीय सूत्रों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर ऐसी वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी।










