High Uric Acid Warning: कई लोग हेल्दी डाइट (Healthy Diet), रेगुलर वॉक (Regular Walk) और संतुलित लाइफस्टाइल अपनाने के बावजूद एक समस्या से परेशान हैं खून में बढ़ता यूरिक एसिड (Uric Acid)। आमतौर पर इसे गलत खानपान या रेड मीट, सी-फूड जैसे प्यूरिन वाले खाद्य पदार्थों से जुड़ा माना जाता है, लेकिन कई रिपोर्ट्स बता रही हैं कि यूरिक एसिड बढ़ने के पीछे कुछ छुपे हुए कारण भी हैं, जो रोजमर्रा की आदतों में शामिल होते हुए भी हमारी नज़र से बच जाते हैं। यही कारण है कि कई लोगों में बिना किसी खास लक्षण के अचानक जोड़ों का दर्द, सूजन, थकान या किडनी से जुड़ी दिक्कतें सामने आ रही हैं। आखिर ये समस्या क्यों बढ़ रही है, और किन वजहों से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रण से बाहर हो जाता है?
क्या है यूरिक एसिड और कैसे बनता है?/High Uric Acid Warning
यूरिक एसिड (Uric Acid) शरीर में बनने वाला एक प्राकृतिक तत्व है, जो तब बनता है जब शरीर भोजन में मौजूद प्यूरिन को तोड़ता है। प्यूरिन खासतौर पर मांस, मछली, दालों और कुछ प्रकार के अनाज में पाया जाता है। सामान्य स्थितियों में यूरिक एसिड खून के जरिए किडनी तक जाता है और फिर पेशाब के साथ बाहर निकल जाता है। लेकिन जब इसका स्तर बढ़ता है, तो यह शरीर में जमा होकर कई समस्याएं पैदा कर सकता है जैसे जोड़ों में तेज दर्द, सूजन, गठिया जैसी स्थिति या किडनी स्टोन। कई हेल्थ विशेषज्ञों का मानना है कि आजकल यह समस्या सिर्फ गलत खानपान नहीं, बल्कि धीमी जीवनशैली, डिहाइड्रेशन और कुछ दवाइयों के लगातार सेवन के कारण भी बढ़ रही है। यही वजह है कि यह आज एक आम स्वास्थ्य चिंता बन चुका है।

हेल्दी डाइट के बावजूद बढ़ने वाले छुपे कारण
अक्सर लोग सोचते हैं कि सिर्फ रेड मीट या सी-फूड जैसे प्यूरिन वाले फूड्स से यूरिक एसिड बढ़ता है, लेकिन इसके पीछे कुछ अनदेखे कारण भी छिपे होते हैं। मीठे ड्रिंक (Sweet Drink) जैसे सोडा (Soda), पैक्ड जूस (Packed Juice) और कोल्ड ड्रिंक (Cold Drink) में मौजूद फ्रुक्टोज यूरिक एसिड को तेजी से बढ़ाता है। इसके अलावा शराब का सेवन, खासकर बीयर और हार्ड ड्रिंक्स, डबल प्रभाव डालते हैं क्योंकि इनमें प्यूरिन भी होता है। शरीर में पानी की कमी होने पर किडनी यूरिक एसिड को बाहर नहीं निकाल पाती और यह खून में जमा होने लगता है। मोटापा और कम एक्टिविटी भी इसके निर्माण को बढ़ावा देती हैं, जबकि क्रैश डाइटिंग या लंबे समय तक फास्टिंग से शरीर मांसपेशियों को तोड़कर ऊर्जा लेता है, जिससे यूरिक एसिड और बढ़ जाता है। यही बातें समस्या को गंभीर बनाती हैं।
कब सतर्क होना जरूरी है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कई बार बढ़ा हुआ यूरिक एसिड लंबे समय तक बिना लक्षण (Uric Acid Symptom) के भी बना रह सकता है, इसलिए नियमित जांच जरूरी है। यदि किसी व्यक्ति के परिवार में पहले से गठिया या उच्च यूरिक एसिड की समस्या रही है, तो उसके लिए खतरा और बढ़ जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि ब्लड प्रेशर या हार्ट की कुछ दवाइयां भी यूरिक एसिड के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं; इसलिए लंबे समय से दवाइयां लेने वाले मरीजों को समय-समय पर टेस्ट कराते रहना चाहिए। इसके अलावा यदि लगातार जोड़ों में दर्द, अकड़न, सूजन या अचानक थकान महसूस हो रही हो, तो यह शुरुआती संकेत हो सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इन लक्षणों को हल्के में लेना आगे चलकर जोड़ों और किडनी की बड़ी समस्या बन सकता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित कैसे करें?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यूरिक एसिड (Uric Acid) नियंत्रित करने की सबसे बड़ी कुंजी जागरूकता और संतुलित जीवनशैली है। पर्याप्त पानी पीना, फल-सब्जियां बढ़ाकर खाना और मीठे ड्रिंक तथा शराब से दूरी बनाना सबसे महत्वपूर्ण कदम हैं। अगर वजन ज्यादा है, तो धीरे-धीरे वजन कम करना यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से नीचे लाता है। किसी भी तरह की क्रैश डाइट या लंबे उपवास से बचना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर पर उल्टा असर पड़ता है। जिन लोगों के परिवार में यह समस्या रही है, उन्हें नियमित टेस्ट करवाना चाहिए। डॉक्टरों की सलाह है कि प्रारंभिक लक्षण दिखते ही उपचार शुरू कर देना चाहिए, ताकि आगे चलकर गठिया या किडनी से जुड़ी जटिलताएं न बढ़ें। सही खानपान और छोटी-छोटी आदतें ही इस बीमारी से बचाव का सबसे मजबूत तरीका हैं।










