कस्तूरबा श्री विद्या निकेतन ढोरी में इनहाउस ट्रेनिंग का आयोजन

रविवार को कस्तूरबा श्री विद्या निकेतन में साइबर क्राइम से बचने के लिए रिसोर्स पर्सन के रूप में आचार्य दीपक कुमार द्वारा सभी आचार्यों के लिए एक प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रभारी प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार महतो, सचिव धीरज कुमार पांडे, रिसोर्स पर्सन दीपक कुमार द्वारा द्वीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन से की गई। इस कार्यक्रम में संकुल संयोजक अमित कुमार सिंह एवं अनपति विद्यालय के प्रधानाचार्य पंकज कुमार मिश्रा भी उपस्थित थे। संकुल संयोजक अमित कुमार सिंह ने बताया साइबर क्राइम की ट्रेनिंग इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे व्यक्तियों और संगठनों को साइबर हमलों से खुद को बचाने में मदद मिलती है। यह कर्मचारियों को फ़िशिंग और अन्य ऑनलाइन खतरों को पहचानने में सक्षम बनाती है, जो मानवीय त्रुटि के कारण होते हैं। विद्यालय के सचिव धीरज कुमार पांडे ने कहा साइबर अपराध एक गंभीर समस्या है और इससे निपटने के लिए मज़बूत साइबर सुरक्षा बेहद ज़रूरी है। प्रभावी प्रशिक्षण से कर्मचारियों को संभावित उल्लंघनों का पता लगाने और उन पर प्रतिक्रिया देने में मदद मिलती है।

यह कार्यक्रम चार सत्रों में आयोजित किया गया। जिसमें पहले सत्र में आचार्य दीपक कुमार द्वारा साइबर क्राइम क्या है?, साइबर हाइजीन क्या है?, आनलाइन सुरक्षा क्यों जरूरी है, आम आनलाइन खतरे, व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षा, मजबूत पासवर्ड कैसे बनाएं, सुरक्षित ब्राउनिंग की आदते, फिशिंग व उसके प्रकार, सोगल मीडिया सुरक्षा, अजनबियों के अनुरोधों से सावधानी, धोखाधड़ी से बचाव, डिजिटल फुटप्रिंट, साइबर बुलिंग से बचाव, आनलाइन गेमिंग की सुरक्षा, सिस्टम अपडेट क्यों जरूरी है, अभिभावको और शिक्षको की भूमिका, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग, साइबर क्राइम कैसे लोगों को अपना शिकार बनाता है, साइबर क्राइम किन-किन माध्यमों से हो सकता है, साइबर क्राइम द्वारा हुई कई घटनाओं पर चर्चा, एवं साइबर क्राइम से बचने के तरीके। इसके अलावा उन्होंने पीपीटी के माध्यम से इन सभी बिंदुओं के प्रकारों पर चर्चा की और आचार्य के समक्ष कई तरीके की जानकारी को साझा किया। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम कहीं भी कभी भी और किसी के द्वारा भी किया जा सकता है इसलिए अपनी जानकारी को किसी के सामने साझा करने से पहले, अनजाने लिंक को क्लिक करने, ऐप डाउनलोड करने, ओटीपी साझा करने, तथा निजी जानकारी ऑनलाइन अपलोड करने से पहले हमें हमेशा सोच विचार करने की आवश्यकता है।

दूसरे सत्र मे सभी आचार्यों द्वारा अनुभव कथन के माध्यम से साइबर क्राइम से जुड़ी कई घटनाओं को साझा किया गया जिसमें सभी आचार्यों ने बताया कि कैसे वे साइबर धोखाधड़ी, साइबर फिशिंग, साइबर बुलिंग जैसी चीजों का सामना कर चुके हैं और उन्हें उस घटना से किस तरीके की परेशानियों का सामना करना पड़ा। तीसरे सत्र में पांच-पांच आचार्यों का छ: ग्रुप तैयार किया गया जिसमें सभी आचार्यों ने पोस्टर मेकिंग के जरिए साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस से जुड़ी चित्रों को चार्ट पेपर मे बनाकर प्रस्तुत किया गया। चौथे एवं अंतिम सत्र परीक्षा सत्र रहा। जिसमें आचार्य के लिए प्रशिक्षण में सिखाई गई साइबर क्राइम से जुड़ी कई प्रश्नों को वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में तैयार कर परीक्षा लिया गया।

अनपति के प्रधानाचार्य पंकज मिश्रा ने कहा इस तरीके की ट्रेनिंग विद्यालयों में बहुत जरूरी है ताकि आचार्यों द्वारा यह जानकारी बच्चों को मिले और बच्चों द्वारा यह समाज तक जाए। ताकि हम अपने समाज को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक कर सके। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार महतो ने कहा साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण इसलिए आवश्यक है क्योंकि यह मानवीय भूलों को कम करता है जो डेटा उल्लंघनों और साइबर हमलों का मुख्य कारण हैं यह कर्मचारियों को बढ़ते और विकसित हो रहे साइबर खतरों की पहचान करने, सोशल इंजीनियरिंग से खुद को बचाने और संगठन के महत्वपूर्ण डेटा और प्रतिष्ठा की सुरक्षा करने के लिए ज्ञान और कौशल प्रदान करता है। कार्यक्रम में आचार्य की उपस्थिति सत प्रतिशत रही तथा आचार्य का उत्साह देखा गया उन्होंने रिसोर्स पर्सन से कई तरीके के महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जैसे सही लिंक को पहचानने का तरीका साइबर क्राइम होने के बाद कहां संपर्क करें इत्यादि। अंत में प्रभारी प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार महतो द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर इस प्रशिक्षण का समापन किया गया।

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