India Gets New CJI Justice Suryakant: हिंदी में शपथ लेकर सुर्खियों में आए देश के नए मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत

India Gets New CJI Justice Suryakant: जानिए कौन हैं देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत? उनसे जोड़ी प्रमुख कहानी

India Gets New CJI Justice Suryakant: भारत को नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) को देश के 53वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ दिलाई और खास बात यह रही कि उन्होंने शपथ हिंदी में लेकर एक नई मिसाल कायम की। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) के कई ऐतिहासिक फैसलों में अहम भूमिका निभा चुके जस्टिस सूर्यकांत अब लगभग 15 महीनों तक देश की सबसे बड़ी न्यायिक कुर्सी पर बैठेंगे। उनके कार्यकाल से न्यायपालिका में कई बड़े बदलावों की उम्मीद जताई जा रही है। हरियाणा के हिसार (Hisar) से शुरू हुआ सफर कैसे देश की सर्वोच्च अदालत की सीढ़ियों तक पहुंचा, किन फैसलों ने उन्हें खास बनाया और वे किन मुद्दों पर अपनी कड़ी टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं इन सबके जवाब बेहद रोचक हैं।

जस्टिस सूर्यकांत का इतिहास/India Gets New CJI Justice Suryakant

जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार (Hisar) में एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा हिसार के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से पूरी की और 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक (MDU Rohtak) से कानून की डिग्री हासिल की। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हिसार जिला अदालत में वकालत शुरू की और महज एक साल बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ (Chandigarh) शिफ्ट हो गए। बहुत कम उम्र में प्रतिभा और मेहनत के दम पर वे 2000 में हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। इसके बाद उन्होंने 2011 में मास्टर ऑफ लॉ पूरा किया, जिसमें वे ‘प्रथम श्रेणी प्रथम’ रहे, जो उनकी शैक्षणिक दक्षता का प्रमाण है।

नए CJI बनने तक का सफर और मुख्य कार्य

जस्टिस सूर्यकांत की न्यायिक यात्रा कई ऐतिहासिक मुकामों से होकर गुज़री। 2018 में उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके तुरंत बाद 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया, जहाँ उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णयों में प्रमुख भूमिका निभाई। वे उस पीठ में शामिल थे जिसने औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून पर रोक लगाई और सरकार को इसके पुनरीक्षण तक नए केस दर्ज न करने का निर्देश दिया। जस्टिस सूर्यकांत चुनाव आयोग से बिहार (Bihar) की मतदाता सूची में बाहर किए गए 65 लाख नामों पर जवाब मांगने वाली पीठ का हिस्सा भी थे। उनकी सूझबूझ और न्यायिक दृष्टि ने उन्हें कोर्ट की सबसे प्रभावशाली आवाज़ों में शामिल किया। अब देश के 53वें CJI के रूप में उनका कार्यकाल नई उम्मीदों को जन्म दे रहा है।

बड़े फैसले, प्रमुख टिप्पणियां और न्यायिक दृष्टिकोण

जस्टिस सूर्यकांत कई महत्वपूर्ण मामलों में अपनी निर्णायक भूमिका के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने उस पीठ का नेतृत्व किया जिसने लैंगिक भेदभाव के तहत पद से हटाई गई महिला सरपंच को बहाल किया और पंचायत राजनीति में महिलाओं के अधिकारों पर सख्त टिप्पणी की। वे उस पीठ में भी शामिल रहे जिसने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन सहित देशभर के बार एसोसिएशनों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण लागू करने की दिशा में निर्देश दिए। जस्टिस सूर्यकांत पेगासस जासूसी मामले की जांच कराने वाली सुप्रीम कोर्ट समिति के गठन का हिस्सा भी रहे और उन्होंने कहा था कि “राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में राज्य को फ्री पास नहीं दिया जा सकता।” पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए भी उन्होंने न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की कमेटी गठित की थी।

जस्टिस सूर्यकांत के सामने बड़ी चुनौतियां

जस्टिस सूर्यकांत अब लगभग 15 महीनों तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे और 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त होंगे। उनका कार्यकाल न्यायपालिका में पारदर्शिता, लंबित मामलों में तेजी, और संवैधानिक मुद्दों पर निर्णायक भूमिका के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जस्टिस सूर्यकांत कानून के मानवीय दृष्टिकोण, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, और प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर सक्रिय रहने वाले जज हैं। उनसे उम्मीद है कि वे न्यायपालिका और आम नागरिकों के बीच भरोसा मजबूत करने वाले निर्णय लेंगे। कई अहम संवैधानिक मुद्दे अगले कुछ महीनों में सुप्रीम कोर्ट की मेज पर आने वाले हैं, जिन पर उनकी अगुवाई में लिए जाने वाले फैसले आने वाले वर्षों में भारत की न्यायिक दिशा को तय कर सकते हैं।

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