Blackbuck Death Mystery in Jharkhand: झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर (Jamshedpur) से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क (Tata Steel Zoological Park) में मात्र छह दिनों के भीतर 10 काले हिरणों की रहस्यमयी मौत हो गई है। जिस पार्क में कभी हिरणों की तेज़ दौड़ और चपलता पर्यटकों को आकर्षित करती थी, वहां अब डॉक्टर्स, अधिकारी और एक्सपर्ट्स लगातार दौड़-भाग कर रहे हैं। अचानक हो रही इन मौतों ने पूरे वन्यजीव विभाग को अलर्ट मोड पर ला दिया है। आशंका जताई जा रही है कि यह गंभीर जीवाणु संक्रमण का मामला हो सकता है, जो बेहद तेजी से जान लेता है। अब सवाल यह है कि आखिर यह बीमारी आई कहां से, और क्या बाकी जानवर भी खतरे में हैं? चलिए जानते हैं….
जूलॉजिकल पार्क में कैसे शुरू हुआ मौतों का सिलसिला/Blackbuck Death Mystery in Jharkhand
जमशेदपुर (Jamshedpur) स्थित टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क पिछले कुछ दिनों से एक बेहद गंभीर संकट से जूझ रहा है। इस पूरे मामले की शुरुआत 1 दिसंबर को हुई, जब पार्क में एक काले हिरण की अचानक मौत हो गई। शुरुआत में इसे सामान्य घटना माना गया, लेकिन इसके बाद मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ता चला गया। सिर्फ छह दिनों के भीतर कुल 10 काले हिरणों की जान चली गई, जिससे पार्क प्रशासन में हड़कंप मच गया। यह पार्क झारखंड के प्रमुख वन्यजीव पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां करीब 370 जानवर और पक्षी संरक्षित हैं। पहले यहां 18 काले हिरण थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर सिर्फ 8 रह गई है। इस असामान्य स्थिति ने पूरे राज्य के वन्यजीव विभाग को सतर्क कर दिया है।

रहस्यमयी संक्रमण बना मौतों की सबसे बड़ी वजह
पार्क प्रशासन और पशु चिकित्सकों को शक है कि इन मौतों के पीछे कोई खतरनाक जीवाणु संक्रमण जिम्मेदार है। शुरुआती जांच में रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया (Hemorrhagic Septicemia – HS) नामक बीमारी की आशंका जताई गई है। यह बीमारी पास्चरेला (Pasteurella) प्रजाति के बैक्टीरिया से होती है, जो जानवरों के शरीर में बहुत तेजी से फैलती है। यह संक्रमण सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिससे कुछ ही घंटों में जान चली जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी खासकर ठंड के मौसम में तेजी से फैलती है। यही वजह है कि वर्तमान मौसम इसे और ज्यादा खतरनाक बना रहा है। इस वायरस जैसी तेज़ी से फैलने वाली बीमारी ने पूरे पार्क को हाई रिस्क ज़ोन में बदल दिया है।
डॉक्टर्स के बयान और पोस्टमॉर्टम का खुलासा
टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क के उप निदेशक डॉ. नईम अख्तर (Dr. Naeem Akhtar) ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 10 काले हिरणों की मौत हो चुकी है। सभी शवों को जांच के लिए रांची (Ranchi) स्थित पशु चिकित्सा महाविद्यालय भेजा गया है। वहीं, रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय की पैथोलॉजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रज्ञा लकड़ा (Dr. Pragya Lakra) ने पुष्टि की कि पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है और शुरुआती रिपोर्ट में रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया की आशंका है। पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमके गुप्ता (Dr. M.K. Gupta) ने भी बताया कि यह बीमारी बेहद तेजी से फैलती है और अचानक मौत का कारण बन सकती है।
बचे हिरणों की सुरक्षा और पार्क में अलर्ट मोड
फिलहाल टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में बचे हुए 8 काले हिरणों को विशेष निगरानी में रखा गया है। पूरे पार्क को सैनिटाइज किया जा रहा है और सभी जानवरों की नियमित मेडिकल जांच शुरू कर दी गई है। रांची के बिरसा जैविक पार्क (Birsa Biological Park) को भी अलर्ट कर दिया गया है ताकि वहां इस तरह की कोई स्थिति न बने। पशु चिकित्सकों की टीम लगातार निगरानी कर रही है और सभी संभावित सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं। आगे की लैब रिपोर्ट आने के बाद ही इस बीमारी की आधिकारिक पुष्टि हो सकेगी। तब तक पूरे झारखंड में वन्यजीव सुरक्षा एजेंसियां सतर्क मोड पर बनी हुई हैं, ताकि किसी भी बड़े खतरे से समय रहते निपटा जा सके।










