कुड़मी समाज का आंदोलन शनिवार को धनबाद के प्रधानखंता रेलवे स्टेशन पर उग्र रूप में शुरू हुआ। सुबह से ही बड़ी संख्या में आंदोलनकारी स्टेशन पहुंचे और हावड़ा–दिल्ली मुख्य रेल मार्ग पर ट्रैक जाम कर बैठ गए। इस दौरान जोरदार नारेबाजी करते हुए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर अपनी मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे रेल चक्का जाम आंदोलन जारी रखेंगे।
रेल ट्रैक पर आंदोलन शुरू होते ही रेलवे परिचालन पर असर पड़ने लगा है। कई ट्रेनों के प्रभावित होने की आशंका से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। हालात को नियंत्रित रखने और किसी अप्रिय घटना से बचाव के लिए स्टेशन और आसपास के इलाकों में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। बड़ी संख्या में जिला पुलिस बल, आरपीएफ और जीआरपी के जवानों को तैनात किया गया है।

कुड़मी समाज की प्रमुख मांग है कि उनकी जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल किया जाए। इसके साथ ही वे कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है, और जब तक सरकार इस दिशा में ठोस निर्णय नहीं लेती, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
कुड़मी समाज का यह प्रदर्शन धीरे-धीरे व्यापक रूप लेता जा रहा है, जिससे आने वाले समय में रेल परिचालन और आम जनता को और अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।