Land Dispute In Purva : मालिन के पुरवा में जमीन विवाद: ग्राम प्रधान की पत्नी ने फर्जी फंसाने का लगाया आरोप

Land Dispute In Purva : ग्राम प्रधान की पत्नी ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार, तीन आरोपी गिरफ्तार

Land Dispute In Purva : रायबरेली जिले के मिल एरिया थाना क्षेत्र के राही ग्राम में ग्राम सभा की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर छिड़े विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। मंगलवार को दोपहर करीब 2 बजे ग्राम प्रधान अमन जयसवाल की पत्नी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पहुंचकर फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाते न्याय की गुहार लगाई। पीड़िता का दावा है कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनके पति को रंगदारी मांगने के झूठे आरोप में फंसाया गया है। इस मामले में पुलिस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया है, जबकि जांच जारी है।

विवाद की शुरुआत: अवैध कब्जे और एग्रीमेंट का खेल

यह मामला मलिन के पुरवा स्थित ग्राम सभा की हाईवे के किनारे की मूल्यवान जमीन से जुड़ा है। ग्राम प्रधान अमन जयसवाल के अनुसार, यह जमीन लंबे समय से अवैध कब्जे में थी, जहां तीन से चार लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। इनमें एक बुजुर्ग महिला भी शामिल थीं, जिनका नाम मामले में प्रमुखता से आ रहा है। जयसवाल ने बताया कि उन्होंने कानूनी प्रक्रिया के तहत मुकदमा दर्ज कराया और कोर्ट के आदेश पर एग्रीमेंट करवाया, जिसके बाद जमीन को खाली करवाया गया।

“हमने पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया। बुजुर्ग महिला की सहमति से ही यह प्रक्रिया पूरी हुई,” जयसवाल ने बताया। उनके अनुसार, एग्रीमेंट के बदले बुजुर्ग महिला को 50,000 रुपये नकद दिए गए और एक मकान बनवाने का वादा भी किया गया था। यह राशि और वादा बुजुर्ग महिला की खुद की सहमति पर आधारित था, ताकि वे बेघर न हों।

हंगामा और फर्जी मुकदमे का आरोप

जमीन खाली होने के बाद मामला तब बिगड़ा जब बुजुर्ग महिला और उनके कुछ परिचितों ने रजिस्ट्री कार्यालय में हंगामा मचाया। आरोप है कि राजनीतिक विरोधियों के इशारे पर बुजुर्ग महिला को रजिस्ट्री ऑफिस ले जाकर उनके नाम पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) कराई जा रही थी, ताकि जमीन पर दोबारा कब्जा किया जा सके। जब ग्राम प्रधान अमन जयसवाल और उनकी पत्नी ने इस प्रक्रिया को रोकने की कोशिश की, तो उल्टा उन पर ही रंगदारी मांगने का आरोप लगा दिया गया।

ग्राम प्रधान की पत्नी ने एसपी को सौंपी शिकायत में कहा, “यह सब एक सुनियोजित षड्यंत्र है। मेरे पति को फंसाने के लिए बुजुर्ग महिला को गुमराह किया गया। हमने तो बस ग्राम सभा की संपत्ति की रक्षा की, लेकिन बदले में झूठे मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है।” उन्होंने दावा किया कि हंगामे के दौरान पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया, जिसमें ग्राम प्रधान और उनके सहयोगियों को नामजद किया गया।

बुजुर्ग महिला की बहू ने भी इस मामले में सफाई देते हुए कहा, “मेरी सास को ग्राम प्रधान ने पैसे और मकान का वादा किया था, और सहमति से जमीन खाली की गई। लेकिन कुछ लोग इस अवसर का फायदा उठाकर राजनीतिक लाभ कमाने की कोशिश कर रहे हैं। हम न्याय चाहते हैं, न कि बदले की भावना।”

पुलिस कार्रवाई: तीन गिरफ्तार, जांच तेज

मिल एरिया थाने की पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है। हंगामे और अवैध कब्जे से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्हें न्यायालय में पेश किया गया। एसपी रायबरेली ने बताया कि जांच में सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है, जिसमें एग्रीमेंट दस्तावेज, गवाहों के बयान और रजिस्ट्री रिकॉर्ड शामिल हैं। “अगर फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई, तो सख्त कार्रवाई होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन विवादों को राजनीतिक रंग न देने के लिए सतर्कता बरती जा रही है,” एसपी ने कहा।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया: पारदर्शिता की मांग

राही ग्राम के ग्रामीणों ने इस विवाद पर चिंता जताई है। एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ग्राम सभा की जमीन सबकी है। अवैध कब्जे हटाना तो प्रधान का कर्तव्य है, लेकिन इसमें राजनीति घुस आई है। उम्मीद है कि न्याय होगा।” कई ग्रामीणों का मानना है कि ऐसे विवाद विकास कार्यों को प्रभावित करते हैं और पारदर्शी जांच की जरूरत है।

यह मामला रायबरेली के ग्रामीण इलाकों में जमीन विवादों की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करता है, जहां राजनीतिक हस्तक्षेप अक्सर न्याय के रास्ते में बाधा बन जाता है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मामले का पटाक्षेप होगा, और निर्दोष को न्याय मिलेगा। फिलहाल, ग्राम प्रधान की पत्नी न्याय की प्रतीक्षा में हैं, जबकि गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।

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