Matri Bhumi Seva Mission Ikai : दीपावली पर मातृ भूमि सेवा मिशन इकाई के योग साधना के दीपों से आलोकित हुआ शहीद स्मारक स्थल

Matri Bhumi Seva Mission Ikai : योग हमें सिखाता है स्वयं को प्रकाशित करना, यही है दीपावली का आध्यात्मिक अर्थ : योग गुरु प्रकाश नारायण पाठक

  1. प्रकाश पर्व पर योग साधकों ने साधना से प्रकाशित किया अंतर्मन
  2. दीपों से पहले जलाया आत्मप्रकाश का दीप
  3. योग साधना से दीपावली का महोत्सव बना आध्यात्मिक अनुभव

Matri Bhumi Seva Mission Ikai : एक ओर जहां दीपावली पर घर-आंगन दीपों से रोशन हुए, वहीं रायबरेली में मातृभूमि सेवा मिशन इकाई ( Matri Bhumi Seva Mission Ikai ) द्वारा संचालित दैनिक नि:शुल्क योग प्रशिक्षण शिविर में इस पर्व को योग साधना के माध्यम से शहीद स्मारक परिसर स्थल आत्मिक प्रकाश का उत्सव बन गया। दीपावली पर रविवार को प्रातः सुबह 5:30 बजे से 7:15 बजे तक, एक विशेष योग सत्र का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का नेतृत्व जिला प्रभारी पतंजलि योग समिति रायबरेली के योग गुरु प्रकाश नारायण पाठक ने किया। डेढ़ घंटे तक चले योग साधना में सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, विभिन्न योगासन और ध्यान के अभ्यासों के माध्यम से साधकों ने न केवल तन और मन को संतुलित करने के तरीके बताए, बल्कि भीतर के आलोक से साक्षात्कार का प्रयास किया।

इस दिव्य योग सत्र में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। योग साधकों में राघव पांडेय, इकाई के संयोजक प्रदीप पांडेय सहित बड़ी संख्या में साधक उपस्थित रहे, जिन्होंने इस आयोजन को जीवन का एक स्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव बताया। योग गुरु प्रकाश नारायण पाठक ने साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि दीपावली केवल बाहरी दीप जलाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह उस ज्योति को प्रज्वलित करने का पर्व है जो हमारे भीतर छिपा है। योग हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने अंतरतम को प्रकाशित करें, सकारात्मक विचारों से, अनुशासित जीवन से और आत्मिक चेतना से। उन्होंने कहा कि जब हम योग करते हैं, तो केवल शरीर नहीं, आत्मा भी जाग्रत होती है। यही है दीपावली का असली संदेश अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर यात्रा।

योग गुरु प्रकाश नारायण योग के पथप्रदर्शक : भगवत

इकाई के मंडल अध्यक्ष भगवत प्रताप सिंह ने योग गुरु को नमन करते हुए कहा कि प्रकाश नारायण पाठक नाम ही एक दर्शन है ‘प्रकाश’, जो अंधकार मिटाता है, और ‘पाठक’, की जीवन के शास्त्रों को केवल पढ़ते ही नहीं, उन्हें जीते हैं। उनका आचरण, वाणी और साधना का समर्पण हर योग साधक के लिए प्रेरणा है। उन्होंने आगे कहा कि गुरुजी के मार्गदर्शन में योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा बन गया है, जो हम सब के जीवन को भीतर से बदल रही है। कार्यक्रम के अंत में दीप प्रज्वलन कर गुरुजी का अभिनंदन किया गया।

मातृ भूमि सेवा मिशन के संयोजक प्रदीप पांडेय ने योग साधकों की ओर से कहा कि दीपावली हम सबके लिए सामान्य नहीं रहा। यह पर्व इस बार केवल दीपों का उत्सव नहीं, बल्कि आत्मा के आलोक से सराबोर एक साधना बन गया है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन तन, मन और आत्मा के शुद्धिकरण का माध्यम बन गया, और इसी में दीपावली का सच्चा आध्यात्मिक स्वरूप छिपा हुआ है।

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