November Turns Cold as Montha Hits: उत्तर में ठंडी हवाओं की दस्तक, दक्षिण में ‘मोंथा’ तूफान का कहर! मौसम के बदलते मिज़ाज से देशभर में मचा हाहाकार

November Turns Cold as Montha Hits: एक तरफ बर्फबारी तो दूसरी ओर तूफान की तबाही, नवंबर की शुरुआत में देशभर में मौसम का बड़ा उलटफेर

November Turns Cold as Montha Hits: नवंबर की शुरुआत के साथ ही देशभर में मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदल गया है। जहां उत्तर भारत (North India) में ठंडी हवाओं ने सर्दी का आग़ाज़ कर दिया है, वहीं दक्षिण भारत में ‘मोंथा’ (Montha) तूफान ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। एक ओर दिल्ली-एनसीआर में गिरता तापमान और बढ़ता प्रदूषण लोगों को परेशान कर रहा है, तो दूसरी ओर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मोंथा की तबाही से हालात गंभीर बने हुए हैं। वहीं, सिक्किम में जबरदस्त बर्फबारी और रेड अलर्ट ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए चेतावनियां जारी की हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है।

उत्तर भारत में सर्दी की दस्तक/November Turns Cold as Montha Hits

राजधानी दिल्ली (Delhi) और एनसीआर में सुबह-शाम की ठंड अब महसूस की जाने लगी है। हल्की धूप और गिरते तापमान ने राजधानी का मौसम सुहावना तो बना दिया है, लेकिन प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक अगले कुछ दिनों में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में आंशिक बादल छाए रहेंगे। रात के समय तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। हवा में नमी और धुंध बढ़ने के कारण दृश्यता भी कम हो रही है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों, खासकर पूर्वी हिस्सों में, पिछले 24 घंटों से बारिश हो रही है। वाराणसी, प्रयागराज, मऊ और बलिया में भारी बारिश का अलर्ट है। तेज हवाओं और हल्की ठंड ने मौसम को पूरी तरह बदल दिया है।

सिक्किम में बर्फबारी और रेड अलर्ट

उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम (Sikkim) में मौसम अचानक करवट ले चुका है। नाथुला, त्सोम्गो झील (चांगू लेक) और कुपुप क्षेत्रों में बीते 24 घंटों में भारी बर्फबारी हुई है। भारत-चीन सीमा से सटे इलाकों में बर्फबारी इतनी तेज रही कि कई मार्ग बंद हो गए हैं। प्रशासन ने बर्फ हटाने के लिए राहत दलों को तैनात किया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि तापमान और नीचे जा सकता है। कई स्थानों पर भारी हिमपात की संभावना बनी हुई है। पर्यटकों को ऊंचे इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है, जबकि स्थानीय प्रशासन लोगों से घरों में सुरक्षित रहने की अपील कर रहा है। यह स्थिति राज्य के पर्यटन और स्थानीय जीवन दोनों के लिए चुनौती बन गई है।

दक्षिण भारत में ‘मोंथा’ तूफान की तबाही

तेलंगाना (Telangana) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के कई हिस्सों में ‘मोंथा’ तूफान (Cyclone Montha) ने तबाही मचा दी है। भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया है। तेलंगाना में तूफान से अब तक छह लोगों की मौत की खबर है। बिजली के खंभे और पेड़ों के गिरने से हालात और बिगड़ गए हैं। आंध्र प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 13,000 से ज्यादा बिजली खंभे, 3,000 किलोमीटर कंडक्टर लाइन और 3,000 ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भी तूफान का असर देखा जा रहा है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी है। दक्षिण के कई तटीय शहरों में राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी हैं।

बदलते मौसम और जलवायु की चुनौती

उत्तर भारत में सर्द हवाओं और दक्षिण में तूफान के बीच देश का मौसम दो अलग-अलग रूप दिखा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव केवल मौसमी उतार-चढ़ाव नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है। जहां उत्तरी भारत में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं दक्षिणी राज्यों में समुद्री तूफान की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है। यह स्थिति कृषि, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था — तीनों पर गहरा असर डाल सकती है। आने वाले समय में भारत को असामान्य ठंड, अनियमित बारिश और चरम मौसमी घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु संतुलन को बनाए रखने के लिए अब ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।

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