Photographers Association Submitted A Memorandum To The SP : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में लगातार ड्रोन उड़ाने को लेकर पुलिस की सख्त कार्रवाई से परेशान फोटोग्राफर्स एसोसिएशन ने बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा। संगठन ने ड्रोन के उपयोग पर लगी पाबंदियों को लेकर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया और फोटोग्राफी व्यवसाय पर इसके नकारात्मक प्रभाव को उजागर किया। यह घटना तब घटी जब हाल के दिनों में ड्रोन से जुड़ी अफवाहों और कार्रवाइयों ने पूरे क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है।
ज्ञापन सौंपने का यह कदम फोटोग्राफर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के जिला प्रभारी नीरज कुमार प्रजापति और प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चंद्र वर्मा के निर्देशन में उठाया गया। संगठन के सदस्यों ने सुबह करीब 11 बजे शहर कोतवाली थाना क्षेत्र सहित आसपास के इलाकों से इकट्ठा होकर एसपी कार्यालय का रुख किया। उन्होंने एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी बात रखी और मांग की कि फोटोग्राफी से जुड़े पेशेवर कार्यों के लिए ड्रोन उपयोग की अनुमति दी जाए। संगठन का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई से उनके व्यवसाय पर गहरा असर पड़ रहा है, खासकर शादियों, इवेंट्स और अन्य समारोहों में ड्रोन फोटोग्राफी की मांग को पूरा करने में दिक्कत हो रही है।

ड्रोन अफवाहों का पृष्ठभूमि और बढ़ता तनाव
रायबरेली में पिछले कुछ हफ्तों से ड्रोन उड़ाने को लेकर अफवाहें जोरों पर हैं। ग्रामीण इलाकों में ड्रोन से चोरी की रेकी करने की बातें फैलने से कई हिंसक घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। उदाहरण के तौर पर, 4 अक्टूबर को महराजगंज कोतवाली क्षेत्र के मोन गांव में एक धमकी भरा पत्र मिला था, जिसमें 10 घरों में चोरी और 15 हत्याओं की धमकी दी गई थी। इससे पहले, 5 और 6 अक्टूबर को ऊंचाहार थाना क्षेत्र में ड्रोन चोर की अफवाह पर एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया और पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी किया। अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बयान जारी कर अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी।
इन घटनाओं के मद्देनजर पुलिस ने ड्रोन उड़ाने पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। मार्च 2025 में तो पुलिस ने खुद ड्रोन का इस्तेमाल अवैध मादक पदार्थों की बिक्री पर नजर रखने के लिए किया था, लेकिन अब आम नागरिकों के लिए यह प्रतिबंधित हो गया लगता है। फोटोग्राफर्स एसोसिएशन का तर्क है कि वे पंजीकृत सदस्य हैं और उनके ड्रोन उपयोग में कोई आपराधिक इरादा नहीं है। संगठन के प्रवक्ता ने कहा, “हमारे सदस्य शादियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हाई-क्वालिटी फोटो-वीडियो शूटिंग के लिए ड्रोन का सहारा लेते हैं। पुलिस की अचानक कार्रवाई से हमारा रोजगार छिन रहा है। हम सरकार से अपील करते हैं कि पेशेवर उपयोग के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया सरल बनाई जाए।”
ज्ञापन में क्या मांगे गईं?
ज्ञापन में फोटोग्राफर्स एसोसिएशन ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी हैं:
- ड्रोन उपयोग के लिए स्पष्ट गाइडलाइंस : फोटोग्राफी पेशेवरों के लिए अलग से अनुमति प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि वे बिना डर के काम कर सकें।
- कार्रवाई पर पुनर्विचार : हाल की गिरफ्तारियों और जुर्माने की घटनाओं की समीक्षा हो और निर्दोष सदस्यों को राहत दी जाए।
- जागरूकता अभियान : पुलिस और जनता के बीच ड्रोन के वैध उपयोग पर जागरूकता फैलाई जाए, ताकि अफवाहें थमें।
- बैठक की मांग : एसोसिएशन और पुलिस के बीच नियमित संवाद बैठकें आयोजित हों।
एसपी कार्यालय से मिली प्रारंभिक प्रतिक्रिया में कहा गया कि ज्ञापन को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और जल्द ही संगठन के साथ चर्चा की जाएगी। एसपी ने आश्वासन दिया कि वैध उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, लेकिन सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन अनिवार्य रहेगा।
संगठन का बयान: क्या कहा गया?
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चंद्र वर्मा ने अपनी बात रखते हुए कहा, “ड्रोन तकनीक आधुनिक फोटोग्राफी का अभिन्न अंग बन चुकी है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां पर्यटन और इवेंट इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, वहां ऐसी पाबंदियां हमारे पेशे को नुकसान पहुंचा रही हैं। हम पुलिस का सम्मान करते हैं, लेकिन उनकी कार्रवाई से निर्दोष फोटोग्राफर्स प्रभावित हो रहे हैं। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकाला जाए।” जिला प्रभारी नीरज कुमार प्रजापति ने भी जोर देकर कहा कि एसोसिएशन के 200 से अधिक सदस्य प्रभावित हैं और यह ज्ञापन पूरे उत्तर प्रदेश के फोटोग्राफर्स की भावना को दर्शाता है।
यह घटना रायबरेली में ड्रोन से जुड़े विवादों की कड़ी का हिस्सा है। जुलाई 2025 में बरेली जैसे आसपास के जिलों में भी ड्रोन अफवाहों को लेकर DIG ने सोशल मीडिया पर अपील जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि ऐसी खबरें भ्रामक हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रोन रेगुलेशन पॉलिसी में सुधार की जरूरत है, ताकि तकनीकी प्रगति और सुरक्षा का संतुलन बना रहे।
फोटोग्राफर्स एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी न हुईं तो वे प्रदेश स्तर पर आंदोलन तेज करेंगे। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिक अपडेट्स के लिए बने रहें।










