Raebareli : रायबरेली में नए आपराधिक कानूनों पर जनजागरूकता अभियान: एसपी डॉ. यशवीर सिंह के निर्देशन में 19 थानों ने स्कूलों और समुदायों में फैलाई जानकारी

Raebareli : जिले में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने और आमजन को नए आपराधिक कानूनों से अवगत कराने के उद्देश्य से एक व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया गया। श्रीमान पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश श्री राजीव कृष्ण के आदेशानुसार तथा श्रीमान पुलिस अधीक्षक रायबरेली डॉ. यशवीर सिंह के सख्त निर्देशन में आज दिनांक 01.11.2025 को क्षेत्राधिकारी नगर के नेतृत्व में थाना कोतवाली नगर की पुलिस टीम ने केंद्रीय विद्यालय गोरा बाजार में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के प्रमुख प्रावधानों पर विस्तृत जानकारी दी गई।

कार्यक्रम की शुरुआत क्षेत्राधिकारी नगर द्वारा दी गई। उन्होंने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और उपस्थित अभिभावकों को संबोधित करते हुए बताया कि ये नए कानून 01 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू हो चुके हैं, जो ब्रिटिश कालीन पुरानी दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) तथा साक्ष्य अधिनियम की जगह ले चुके हैं। इन कानूनों का मुख्य उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को त्वरित, पारदर्शी और पीड़ित-केंद्रित बनाना है। कार्यक्रम में थाना कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक सहित पुलिस टीम के सदस्यों ने विशेषज्ञों की सहायता से पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कानूनों की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला।

बीएनएस के तहत अपराधों की परिभाषा को आधुनिक बनाया गया है, जिसमें साइबर अपराध, संगठित अपराध और महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराधों पर कठोर दंड का प्रावधान है। उदाहरण के लिए, धारा 20 के अनुसार 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को किसी भी अपराध के लिए दंडित नहीं किया जाएगा, जो बच्चों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। इसी प्रकार, बीएनएसएस में 11 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, जो जांच प्रक्रिया को डिजिटल बनाती हैं, जैसे कि ई-एफआईआर दर्ज करने और वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से साक्ष्य संग्रह। बीएसए के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को मजबूत आधार प्रदान किया गया है, जिससे अदालती प्रक्रिया तेज होगी।

केंद्रीय विद्यालय गोरा बाजार के प्राचार्य ने पुलिस टीम का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम स्कूल स्तर पर छात्रों में कानूनी जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम में करीब 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिन्हें नए कानूनों से संबंधित पुस्तिकाएं और ब्रोशर वितरित किए गए। छात्रों ने सवाल-जवाब सत्र में सक्रिय भागीदारी की और पुलिस टीम ने उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

यह कार्यक्रम केवल केंद्रीय विद्यालय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एसपी डॉ. यशवीर सिंह के निर्देशन में जनपद के 19 थानों में एक साथ अभियान चलाया गया। थाना सलोन, महाराजगंज, नसीराबाद, गदागंज, डीह, हरचंदपुर, भदोखर, ऊंचाहार, बछरावां, मिल एरिया, सरेनी, कोतवाली देहात, महराजगंज, खीरों, चिल्ला, लालगंज, आशीष, बहादुरपुर तथा कोतवाली नगर सहित सभी थानों की टीमों ने अपने-अपने क्षेत्रों में स्कूलों, पंचायत भवनों, बाजारों और सामुदायिक केंद्रों पर समानांतर कार्यक्रम आयोजित किए। इन थानों में कुल 5000 से अधिक लोगों को संबोधित किया गया, जिसमें महिलाएं, युवा, किसान और छोटे व्यापारी शामिल थे।

अभियान के दौरान पुलिस टीमों ने बताया कि बीएनएस में 358 धाराएं हैं, जो पुरानी आईपीसी की 511 धाराओं से कम हैं, लेकिन अधिक प्रभावी हैं। बीएनएसएस में 39 अध्याय और 531 धाराएं हैं, जो जांच और मुकदमे की प्रक्रिया को सरल बनाती हैं। बीएसए में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्राथमिक साक्ष्य का दर्जा दिया गया है, जिससे फॉरेंसिक जांच को बढ़ावा मिलेगा। थाना डीह की टीम ने चोरी जैसी अफवाहों पर जागरूकता फैलाई, जबकि थाना महाराजगंज ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर विशेष फोकस किया।

एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि यह अभियान नए कानूनों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है। उन्होंने कहा, “ये कानून भारतीयता पर आधारित हैं और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं। जिले के सभी थाना प्रभारी इस अभियान को साप्ताहिक आधार पर जारी रखेंगे।” डॉ. सिंह ने हाल ही में जिले में कानून व्यवस्था मजबूत करने के लिए दर्जनों थाना प्रभारियों के तबादले भी किए हैं, जो इस अभियान की सफलता का आधार बने।

यह अभियान न केवल कानूनी जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि अपराध दर को कम करने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। स्थानीय निवासियों ने पुलिस की इस पहल की सराहना की और आश्वासन दिया कि वे इन कानूनों का पालन करेंगे। भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों को गांव-गांव तक विस्तारित करने की योजना है।

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