Raebareli Police Alert : राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार को हुई एक दर्दनाक बस दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हादसे में कम से कम 21 यात्रियों की जलकर मौत हो गई, जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि बस में अवैध रूप से ले जाए जा रहे पटाखों (आतिशबाजी) के विस्फोट ने आग को भयावह रूप दिया, जिससे यात्रियों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले की पुलिस भी हाई अलर्ट पर आ गई है। प्रदेश सरकार के सख्त निर्देशों पर आगामी त्योहारों—खासकर दीपावली—के मद्देनजर पूरे जिले में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
जैसलमेर हादसे का पूरा ब्योरा: पटाखों ने ली 21 जानें

राजस्थान के जैसलमेर जिले में जोधपुर मार्ग पर थईयात गांव के पास मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे एक प्राइवेट एसी स्लीपर बस अचानक आग की लपटों में घिर गई। बस में 57 यात्री सवार थे, जो जैसलमेर से जोधपुर जा रहे थे। बस के रवाना होने के महज 10 मिनट बाद ही उसके पिछले हिस्से से धुआं निकलने लगा, और कुछ ही पलों में पूरी बस आग का गोला बन गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस का दरवाजा जाम हो गया था, जिससे कई यात्री बाहर नहीं निकल पाए। आग इतनी तेज थी कि बस का ढांचा पूरी तरह जलकर राख हो गया, और शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की नौबत आ गई।
पुलिस जांच में संदेह जताया गया है कि बस में अवैध आतिशबाजी के सामान की तस्करी हो रही थी, जिसके विस्फोट से आग फैली। कुछ रिपोर्ट्स में एसी सिस्टम में शॉर्ट सर्किट का भी जिक्र है, लेकिन पटाखों का एंगल प्रमुख रूप से जांच का केंद्र बना हुआ है। हादसे में तीन बच्चों और चार महिलाओं समेत 21 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 16 घायलों को जैसलमेर के जवाहर अस्पताल से जोधपुर रेफर किया गया। ग्रामीणों और सेना के जवानों ने बहादुरी से बचाव कार्य किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी दु:ख जताया। जिला प्रशासन ने एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित कर जांच तेज कर दी है, और बस मालिक व चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
रायबरेली में अलर्ट: बस-ट्रेन स्टेशनों पर कड़ी निगरानी
जैसलमेर हादसे ने उत्तर प्रदेश पुलिस को भी सतर्क कर दिया है। रायबरेली एसएसपी के निर्देश पर जिले भर में बुधवार से सघन चेकिंग अभियान शुरू हो गया। प्रदेश सरकार के आदेशानुसार, त्योहारों के दौरान अवैध आतिशबाजी की तस्करी रोकने के लिए विशेष फोकस किया जा रहा है। चेकिंग टीमों ने बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, आतिशबाजी की दुकानों और संदिग्ध स्थानों पर व्यापक तलाशी ली। यात्रियों के बैग, वाहनों और दुकानों की बारीकी से जांच की गई।
सीओ सिटी अरुण नौहवार ने बताया, “जैसलमेर हादसे ने हमें सबक दिया है। बसों और ट्रेनों में आतिशबाजी ले जाना पूरी तरह गैरकानूनी है। यह न केवल यात्रियों की जान जोखिम में डालता है, बल्कि बड़े हादसों को न्योता भी देता है। अगर कोई भी व्यक्ति ट्रेन या बस में आतिशबाजी लेकर पकड़ा जाएगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें आईपीसी की धारा 336 (लापरवाही से खतरा पहुंचाना) और 304 (लापरवाही से मौत) के तहत मुकदमा दर्ज होगा।”
नौहवार ने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। त्योहारों में भीड़ बढ़ जाती है, इसलिए चेकिंग अभियान को और सख्त किया जाएगा। आतिशबाजी की दुकानों पर भी लाइसेंस की जांच हो रही है, और कोई भी बिना लाइसेंस वाला सामान बिक्री पर प्रतिबंधित रहेगा।” पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि कहीं संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत सूचना दें।
अभियान का दायरा: कहां-कहां हो रही चेकिंग?
- बस स्टैंड: सभी आने-जाने वाली बसों में यात्रियों के सामान की जांच। चालक-परिचालकों को निर्देश दिए गए कि कोई ज्वलनशील पदार्थ न ले जाएं।
- रेलवे स्टेशन: प्लेटफॉर्म्स पर पीआरवी (पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल) तैनात। ट्रेनों में घूमकर चेकिंग।
- आतिशबाजी दुकानें: बाजारों में सैकड़ों दुकानों पर छापेमारी। केवल लाइसेंस प्राप्त पटाखे ही बेचने की अनुमति।
- संदिग्ध स्थान: हाईवे चेकपोस्ट्स, बाजारों और आवासीय इलाकों में वाहनों की तलाशी। ड्रोन और सीसीटीवी का भी सहारा लिया जा रहा।
इस अभियान में एसपी, सीओ, एसएचओ समेत सैकड़ों पुलिसकर्मी लगे हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने भी निर्देश दिए हैं कि त्योहारों के दौरान कोई लापरवाही न बरती जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसलमेर जैसा हादसा दोहराने से बचने के लिए ऐसे अभियान जरूरी हैं, क्योंकि दीपावली से पहले पटाखों की मांग चरम पर होती है।
रायबरेली पुलिस का यह कदम न केवल स्थानीय स्तर पर सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि पूरे प्रदेश में एक मिसाल बनेगा। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
सीओ सिटी अरुण नौहवार का बयान
“जैसलमेर हादसे ने हमें सतर्क किया है। बस और ट्रेनों में आतिशबाजी ले जाना खतरनाक है। पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। त्योहार सुरक्षित मनाएं, लेकिन नियमों का पालन करें।”