Raebareli : विधवा महिला ने दबंग पक्षों पर मारपीट करने और जानलेवा हमले करने का लगाया आरोप

रायबरेली : उत्तर प्रदेश के रायबरेली ( Raebareli ) जिले में भूमि विवाद ने एक बार फिर हिंसक रूप धारण कर लिया है। खलिहान की जमीन पर कब्जेदारी को लेकर दो पक्षों के बीच हुई झड़प में एक विधवा महिला और उसके परिवार पर दबंगों द्वारा मारपीट तथा जानलेवा हमला करने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित परिवार ने आज सोमवार को दोपहर करीब 3 बजे जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पहुंचकर शिकायती पत्र सौंपा और न्याय की गुहार लगाई। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर आक्रोश पैदा कर दिया है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

विवाद की पृष्ठभूमि

घटना रायबरेली ( Raebareli ) जनपद के तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले डीह थाना क्षेत्र के रवासिया मजरे लोधवारी गांव से जुड़ी हुई है। यहां पीड़ित पक्ष की एक विधवा महिला, जिनका नाम रामदुलारी (काल्पनिक नाम गोपनीयता हेतु) है, के पास एक छोटा सा खलिहान है, जो उनके परिवार की जीविका का प्रमुख स्रोत है। आरोप है कि पड़ोसी दबंग पक्ष, जिसमें गांव के कुछ प्रभावशाली लोग शामिल हैं, इस जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। पीड़ित परिवार का दावा है कि यह जमीन उनके पूर्वजों की पैतृक संपत्ति है और उनके पास सभी कानूनी दस्तावेज मौजूद हैं।

विवाद की जड़ें कई महीनों पुरानी बताई जा रही हैं। पीड़ित पक्ष के अनुसार, दबंगों ने पिछले कुछ दिनों से जमीन पर बाड़ लगाने और फसल उगाने की कोशिश की, जिसका विरोध करने पर आज दोपहर को हिंसक झड़प हो गई। घटना के दौरान दबंगों ने लाठियां, कुल्हाड़ियां और अन्य हथियारों से हमला किया, जिसमें रामदुलारी और उनके दो बेटों को गंभीर चोटें आईं। रामदुलारी को सिर पर गंभीर चोट लगी है, जबकि उनके बेटे घायल अवस्था में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हैं। परिवार ने बताया कि यदि समय पर ग्रामीणों का सहयोग न मिला होता, तो परिणाम और भयावह हो सकते थे।

पीड़ित परिवार का बयान

एसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित परिवार ने अपने शिकायती पत्र में विस्तार से घटना का जिक्र किया। रामदुलारी ने रोते हुए बताया, “हम गरीब विधवा परिवार हैं। मेरे पति के निधन के बाद यह खलिहान ही हमारा एकमात्र सहारा है। दबंग लोग पैसे के बल पर हमें डरा-धमका रहे हैं। आज दोपहर जब हम जमीन पर फसल की रखवाली कर रहे थे, तो वे अचानक 8-10 की संख्या में आए और हमें पीटने लगे। उन्होंने कहा कि यह जमीन उनकी है और हम चुपचाप चले जाएं, वरना जान से मार देंगे। मेरे बेटों ने विरोध किया तो उन पर कुल्हाड़ी से वार किया गया। हमने चिल्लाकर मदद मांगी, लेकिन वे भाग गए। अब हम न्याय के लिए एसपी साहब के पास आए हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) से भी हमारी अपील है कि हमें न्याय मिले, वरना हमारा परिवार बर्बाद हो जाएगा।”

पीड़ित के बेटे ने भी बयान दिया, “हमने पहले तहसील और थाने में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों का आतंक इतना है कि गांव वाले भी डरते हैं। आज का हमला जानबूझकर किया गया ताकि हम जमीन छोड़ दें। हम मांग करते हैं कि आरोपी गिरफ्तार हों और हमारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।”

प्रशासन की प्रतिक्रिया

शिकायत मिलते ही एसपी रायबरेली ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने डीएच थाना प्रभारी को तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच करने और आरोपी पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। एसपी ने बताया कि पीड़ित परिवार को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और विवादित जमीन पर फिलहाल कोई निर्माण या कब्जा नहीं होगा। जिला प्रशासन ने भूमि विवाद निपटान के लिए तहसील स्तर पर भी जांच समिति गठित करने का फैसला किया है।

स्थानीय सपा नेताओं ने भी पीड़ित परिवार का समर्थन किया है। पार्टी के एक जिला प्रवक्ता ने कहा, “यह दबंगई का नंगा नाच है। सपा हमेशा गरीबों और विधवाओं के साथ खड़ी रही है। हम इस मामले को विधानसभा स्तर तक उठाएंगे और न्याय सुनिश्चित करेंगे।”

सामाजिक चिंता

यह घटना ग्रामीण भारत में भूमि विवादों की गंभीर समस्या को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में कानूनी दस्तावेजों के बावजूद प्रभावशाली लोग गरीबों को दबाने का प्रयास करते हैं। रायबरेली जैसे जिलों में ऐसी घटनाएं आम हैं, लेकिन समय पर प्रशासनिक हस्तक्षेप से ही इन्हें रोका जा सकता है। पीड़ित परिवार ने अपील की है कि मीडिया और सामाजिक संगठन उनका साथ दें ताकि न्याय प्रक्रिया तेज हो।

पुलिस जांच के बाद आगे की कार्रवाई की अपडेट के लिए स्थानीय मीडिया पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल, गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है, और ग्रामीणों ने शांति बनाए रखने का आह्वान किया है।

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