RSS Wants Control Over Every Institution: लोकसभा (Lok Sabha) में मंगलवार को चुनाव सुधारों पर चली चर्चा अचानक तीखी हो गई, जब नेता विपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ—आरएसएस (RSS) को लेकर गंभीर आरोप लगाए। जैसे ही उन्होंने कहा कि देश के “हर संस्थान पर कब्जा” करने की तैयारी चल रही है, सदन का माहौल गर्म हो गया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने उन्हें तुरंत रोका और कहा कि यह चर्चा चुनाव सुधारों पर है, न कि किसी संगठन पर टिप्पणी करने के लिए। राहुल गांधी ने सरकार और चुनाव आयोग के फैसलों पर भी कई सवाल उठाए, जिन पर सत्ता पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई। सदन में बार-बार व्यवधान हुआ और माहौल पूरी तरह राजनीतिक तनाव में बदल गया। तो चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या है…
चुनाव सुधारों की चर्चा के बीच बढ़ा तनाव/RSS Wants Control Over Every Institution
लोकसभा (Lok Sabha) में मंगलवार को चुनाव सुधारों पर जारी बहस बेहद संवेदनशील मानी जा रही थी, क्योंकि सरकार और विपक्ष दोनों ही मतदाता सूची, SIR प्रक्रिया और चुनाव आयोग की भूमिका पर अपनी बात रख रहे थे। नेता विपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को भी इसी विषय पर बोलने के लिए समय दिया गया था। शुरुआत में उन्होंने लोकतंत्र में मतदाता की भूमिका और संस्थाओं की जिम्मेदारी का जिक्र किया। लेकिन जैसे ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ—आरएसएस (RSS) की विचारधारा और समानता को लेकर अपनी आपत्तियाँ रखनी शुरू कीं, सदन का माहौल सख्त हो गया। मंत्रियों और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने यह कहते हुए विरोध जताया कि राहुल विषय से भटक रहे हैं। इस बहस ने चुनाव सुधारों की गंभीरता के बीच एक बड़ी राजनीतिक बहस का रूप ले लिया, जो आगे और तीखी होती गई।

राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने भाषण में कहा कि आरएसएस (RSS) “समानता में विश्वास नहीं करता” और देश की संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश लगातार जारी है। उन्होंने देश को एक फैब्रिक बताया और कहा कि 1.5 अरब लोगों की विविधता ही भारत की ताकत है। इसके बाद उन्होंने नाथुराम गोडसे (Nathuram Godse) और महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का उल्लेख करते हुए दावा किया कि गांधी की हत्या के बाद संस्थागत ढांचे पर कब्जे की तैयारी हुई। इसी बयान पर सत्ता पक्ष भड़क गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने बीच में हस्तक्षेप कर कहा कि राहुल गांधी चुनाव सुधारों पर बात नहीं कर रहे हैं और पूरी चर्चा को भटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि सदन का समय मूल्यवान है और इसे राजनीतिक आरोपों का मंच नहीं बनाया जाना चाहिए। सदन में कई बार हंगामा हुआ और बहस बार-बार बाधित हुई।
सरकार पर संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सत्ता पक्ष की आपत्तियों के बावजूद सरकार पर तीखे सवाल जारी रखे। उन्होंने कहा कि चर्चा “वोट चोरी”, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण—SIR पर हो रही है, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केंद्रीय एजेंसियों- सीबीआई (CBI), ईडी (ED) और अन्य संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। राहुल ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों पर “कब्जा” कर विपक्ष को कमजोर किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग (Election Commission) से जुड़े बदलावों पर सवाल उठाए और कहा कि दिसंबर 2023 में चुनाव आयुक्तों को इम्यूनिटी देने वाला कानून लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने CCTV फुटेज को 45 दिनों में नष्ट करने से जुड़े नियम पर भी सवाल उठाया और पूछा कि ऐसा कानून क्यों लाया गया, जबकि चुनाव पारदर्शिता की जरूरत पहले से अधिक है।
राहुल के बयान से सियासी माहौल और गर्म
लोकसभा (Lok Sabha) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान के बाद सियासी माहौल और गर्म हो गया है। सत्ता पक्ष ने उनका बयान “भ्रामक” और “चर्चा से भटकाने वाला” बताया, जबकि विपक्ष ने कहा कि चुनौतियाँ उठाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। उम्मीद है कि आगामी दिनों में चुनाव सुधारों पर आगे की बहस और अधिक तीखी होगी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने संकेत दिया है कि सरकार चुनाव आयोग की पारदर्शिता और कानूनों के मुद्दों पर विस्तृत स्पष्टीकरण पेश करेगी। दूसरी ओर, विपक्ष इस मुद्दे पर व्यापक बहस की मांग कर रहा है और राहुल गांधी संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह अपने आरोपों को विस्तार से रखने की तैयारी में हैं। ऐसे में आने वाले सत्र राजनीतिक टकराव और महत्वपूर्ण बहसों से भरे रहने की संभावना है।










