Ramgarh Inspiring Step For Trans: झारखण्ड (Jharkhand) के रामगढ़ जिले (Ramgarh District) में पहली बार ट्रांसजेंडर समुदाय को सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) और फर्स्ट एड की ट्रेनिंग देकर नई सामाजिक मिसाल पेश की गई है। इस विशेष प्रशिक्षण के दौरान ट्रांसजेंडर प्रतिभागियों को इंसानी जान बचाने के कई अहम गुर सिखाए गए। कार्यक्रम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि आपदा या आपातकाल जैसी स्थिति में समाज का हर वर्ग दूसरों की मदद के लिए आगे आ सके। तो चलिए विस्तार से जाने कि पूरी खबर क्या है?
ट्रांसजेंडर समुदाय को मिला विशेष प्रशिक्षण/Ramgarh Inspiring Step For Trans
रामगढ़ जिले में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender Community) ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आपदा प्रबंधन विभाग की इस पहल का मुख्य उद्देश्य समाज के हर वर्ग को आपात स्थिति में सक्रिय सहयोगी बनाना है। इस दौरान प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को सीपीआर, फर्स्ट एड, और संकट की घड़ी में त्वरित निर्णय लेने के तरीके सिखाए। प्रशिक्षण के बाद सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट) भी प्रदान किया गया। रामगढ़ के उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज ने खुद ट्रांसजेंडर प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया और उन्हें समाज में प्रेरणा का उदाहरण बताया। डीसी ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि लोग दूसरों की जान बचाने में भी सक्षम बनते हैं।

अब तक 1.3 लाख से अधिक लोग बने आपदा मित्र
रामगढ़ (Ramgarh) जिले में आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान के तहत अब तक करीब 1 लाख 30 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इनमें सहिया दीदी, वकील, छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिक शामिल हैं। यह लोग अब “आपदा मित्र” (Aapda Mita) के रूप में किसी भी आपात स्थिति में राहत कार्यों में सहयोग देने के लिए तैयार हैं। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को आपदा के समय शांत रहकर सही उपचार करने, घायलों को प्राथमिक सहायता देने और सीपीआर जैसी तकनीकों के प्रयोग की जानकारी दी जाती है। इस अभियान का लक्ष्य जिले में कुल 2 लाख लोगों को प्रशिक्षित कर एक मजबूत आपदा प्रबंधन नेटवर्क खड़ा करना है, जिससे किसी भी विषम परिस्थिति में मानव जीवन को बचाया जा सके।
जिले के लिए गर्व की उपलब्धि
रामगढ़ में इतनी बड़ी संख्या में प्रशिक्षित “आपदा मित्र सेना” (Aapada Mitra Sena) का तैयार होना जिले के लिए गर्व की बात है। जिला प्रशासन का मानना है कि इस अभियान से समाज में जागरूकता के साथ आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल वकील आनंद अग्रवाल ने कहा कि ऐसे शिविर न सिर्फ जीवन रक्षक हैं, बल्कि समाज को एकजुट करने का माध्यम भी हैं। वहीं, ट्रांसजेंडर प्रतिभागियों (Transgender Participants) ने कहा कि उन्हें यह अवसर पाकर गर्व महसूस हो रहा है, क्योंकि अब वे भी आपातकालीन हालात में इंसानों की जान बचाने में भूमिका निभा सकेंगे। इस पहल ने यह साबित कर दिया है कि आपदा के समय इंसानियत सबसे ऊपर होती है—चाहे वह किसी भी वर्ग या समुदाय का व्यक्ति क्यों न हो।