प्रयागराज में सपा नेताओं का हंगामा, पुलिस मुख्यालय पर धरना; अकमल इमाम की गिरफ्तारी से उबल पड़े नेता

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कानून व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में समाजवादी पार्टी (सपा) के जिला उपाध्यक्ष गंगापार अकमल इमाम की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। हंडिया पुलिस ने इमाम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जिससे नाराज सपा नेताओं ने शनिवार दोपहर पुलिस मुख्यालय के गेट पर जोरदार धरना दिया। धरने में सपा के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए, लेकिन डीसीपी गंगानगर जोन के आश्वासन के बाद यह शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हो गया।

गिरफ्तारी का कारण: सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्रवाई

जानकारी के अनुसार, अकमल इमाम ने हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रयागराज जिले के गंगापार क्षेत्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर एक पोस्ट शेयर की थी। इस पोस्ट में उन्होंने स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए थे, जिसे हंडिया थाना पुलिस ने “सार्वजनिक शांति भंग करने” और “झूठी अफवाह फैलाने” के आरोप में संज्ञान में लिया। शुक्रवार शाम को हंडिया पुलिस ने इमाम को गिरफ्तार कर लिया और शनिवार सुबह ही उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सपा नेताओं का आरोप है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है और विपक्षी दलों को दबाने की साजिश है।

धरना: सपा के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी, नारेबाजी से गूंजा मुख्यालय

गिरफ्तारी की खबर मिलते ही सपा के दर्जनों कार्यकर्ता और नेता सड़कों पर उतर आए। दोपहर करीब 12 बजे सपा एमएलसी डॉ. मानसिंह यादव, विधायक हाकिम लाल बिंद, जिला अध्यक्ष गंगापार अनिल यादव के नेतृत्व में सैकड़ों समर्थक पुलिस मुख्यालय पहुंचे। मुख्यालय के गेट पर धरना शुरू करते ही सपा कार्यकर्ताओं ने “अकमल इमाम को रिहा करो”, “पुलिस राज हाय-हाय” और “सपा जिंदाबाद” जैसे नारे लगाए। धरना स्थल पर सपा के झंडे लहराए गए और नेताओं ने बारी-बारी से भाषण दिए।

एमएलसी डॉ. मानसिंह यादव ने कहा, “यह गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है। सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक अकमल इमाम को न्याय न मिले।” वहीं, विधायक हाकिम लाल बिंद ने चेतावनी दी कि यदि इमाम को तत्काल रिहा नहीं किया गया, तो सपा पूरे जिले में आंदोलन तेज कर देगी। धरना के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था, लेकिन किसी तरह की झड़प नहीं हुई।

आश्वासन पर धरना समाप्त, क्या होगा आगे?

धरना करीब दो घंटे चला। इस दौरान डीसीपी गंगानगर जोन ने सपा नेताओं से वार्ता की और मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के पीछे कोई राजनीतिक दबाव नहीं है और सभी तथ्यों की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। इस आश्वासन पर सपा नेताओं ने धरना समाप्त कर दिया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इमाम की रिहाई में देरी हुई, तो आंदोलन को और विस्तार दिया जाएगा।

सपा के प्रदेश नेतृत्व ने भी इस घटना की निंदा की है और जिला इकाई को समर्थन का भरोसा दिलाया है। दूसरी ओर, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अकमल इमाम के खिलाफ पहले से कुछ पुराने मामले दर्ज हैं, और वर्तमान कार्रवाई सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर हुई है। फिलहाल, इमाम नरही जेल में बंद हैं, और उनके वकील बेल याचिका दायर करने की तैयारी में हैं।

यह घटना प्रयागराज में सपा-बीजेपी के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए। सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह “बुलडोजर राजनीति” का नया रूप है, जबकि प्रशासन इसे “कानून का राज” बता रहा है। मामले पर नजरें बनी हुई हैं।

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