Bangladesh Hindu Violence Protest Ramgarh: झारखंड के रामगढ़ जिले में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रही बढ़ती हिंसा के खिलाफ गुस्सा सड़कों पर उतर आया। रविवार को हिंदू टाइगर फोर्स के कार्यकर्ताओं ने शहर के सुभाष चौक पर बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ जमकर नारे लगाए और एक पुतला फूंका, जो कट्टरपंथी ताकतों का प्रतीक था। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन लोगों का आक्रोश साफ दिखाई दे रहा था।
हिंदू टाइगर फोर्स के नेता दीपक सिसोदिया ने प्रदर्शन की अगुवाई की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। कट्टरपंथी तत्व वहां हिंदू घरों, मंदिरों और लोगों पर हमले कर रहे हैं। हाल ही में मयमनसिंह जिले के भालूका इलाके में एक युवक दीपू चंद्र दास की बहुत ही क्रूर तरीके से हत्या कर दी गई। दीपू को पहले पीट-पीटकर मारा गया, फिर उनके शव को पेड़ से बांधकर आग लगा दी गई। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समुदाय पर हमले की मिसाल है। दीपक सिसोदिया ने कहा, “ऐसी बर्बरता देखकर कोई भी इंसान का खून खौल उठेगा। हम चुप नहीं बैठेंगे। बांग्लादेश सरकार को चाहिए कि वह हिंदुओं की सुरक्षा करे और दोषियों को सख्त सजा दे।”

बांग्लादेश में क्या हो रहा है?/Bangladesh Hindu Violence Protest Ramgarh
बांग्लादेश में इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। वहां एक छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बड़े प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में कुछ कट्टरपंथी तत्व घुस आए हैं और वे हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। दीपू चंद्र दास की हत्या भी इसी हिंसा का हिस्सा है। दीपू एक फैक्ट्री में काम करते थे। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने इस्लाम या पैगंबर के बारे में कुछ गलत कहा। बस इसी बहाने भीड़ ने उन्हें पकड़ लिया और मार डाला। यह घटना 18-19 दिसंबर 2025 की रात की है।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। वहां की आबादी में हिंदू करीब 8-10 प्रतिशत हैं। पिछले कुछ सालों में, खासकर 2024 में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 से 2025 तक हजारों ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां हिंदू घर जलाए गए, मंदिर तोड़े गए, महिलाओं पर अत्याचार हुए और कई लोग मारे गए। अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने दीपू की हत्या की निंदा की है और कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं, लेकिन हिंदू संगठनों का कहना है कि यह काफी नहीं है। वे मांग कर रहे हैं कि अल्पसंख्यकों की पूरी सुरक्षा की जाए।
भारत में भी इस हिंसा को लेकर गुस्सा है। कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों में लोग सड़कों पर उतरे हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी दीपू की हत्या को बहुत चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में धर्म के नाम पर हिंसा नहीं होनी चाहिए। भारत सरकार से भी अपील की जा रही है कि वह बांग्लादेश पर दबाव डाले ताकि हिंदुओं की रक्षा हो।
रामगढ़ में क्यों उबाल?
रामगढ़ में हिंदू टाइगर फोर्स एक लोकल संगठन है जो हिंदू अधिकारों और सामाजिक मुद्दों पर काम करता है। पहले भी यह संगठन प्रदूषण, धर्म परिवर्तन जैसे मामलों में सक्रिय रहा है। दीपक सिसोदिया इसके सुप्रीमो हैं और वे अक्सर हिंदू एकता की बात करते हैं। इस बार बांग्लादेश की घटनाओं ने यहां के लोगों को बहुत आहत किया। प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। महिलाएं, युवा और बुजुर्ग सभी थे। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ नारे लगाए जैसे “हिंदू सुरक्षा चाहिए”, “कट्टरता बंद करो” और “दीपू चंद्र दास को न्याय दो”।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बांग्लादेश हमारे पड़ोसी देश है। वहां हिंदू हमारे भाई-बहन हैं। अगर वहां उन्हें मार रहे हैं, तो हम यहां चुप कैसे रह सकते हैं? एक प्रदर्शनकारी ने बोला कि हम शांतिप्रिय हैं, मगर अन्याय नहीं सहेंगे अगर हमें जरूरत पड़ी तो और बड़े आंदोलन भी करेंगे।
निष्कर्ष
यह प्रदर्शन सिर्फ रामगढ़ तक सीमित नहीं है। झारखंड और पूरे भारत में कई जगहों पर ऐसे विरोध हो रहे हैं। हिंदू संगठन मांग कर रहे हैं कि संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ध्यान दे। बांग्लादेश की सरकार को अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून सख्त करने चाहिए। भारत सरकार भी इस मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत में उठा रही है।










