Bokaro Thermal Hindi Workshop : दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बोकारो थर्मल पावर स्टेशन (बीटीपीएस) परियोजना में हाल ही में एक दिवसीय राजभाषा कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हिंदी भाषा को सरकारी कामकाज में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने को बढ़ावा देने के लिए रखा गया था। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिसके बाद मंगल दीप प्रज्वलन किया गया।
दीप जलाने का सौभाग्य कई वरिष्ठ अधिकारियों को मिला। इनमें परियोजना प्रधान और राजभाषा कार्यान्वयन उपसमिति के अध्यक्ष सुशील कुमार अरजरिया, वरिष्ठ महाप्रबंधक (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) मधुकर श्रीवास्तव, महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल एंड एएमएस) राजेश विश्वास, उप महाप्रबंधक (प्रशासन) काली चरण शर्मा, केंद्रीय विद्यालय चंद्रपुरा की पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (हिंदी) राजश्री सिंह, साथ ही राजभाषा नोडल अधिकारी आरती रानी, कल्याणी कुमारी और केरल टुडू शामिल थे। सभी ने मिलकर दीप जलाकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। यह दृश्य काफी प्रेरणादायक था और सभी को हिंदी के प्रति समर्पण की याद दिलाता था।

अधिकारियों ने हिंदी के इस्तेमाल पर जोर दिया
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए उप महाप्रबंधक (प्रशासन) काली चरण शर्मा ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की कि वे राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि सरकारी काम में हिंदी का ज्यादा इस्तेमाल करना हमारा कर्तव्य है और इसमें हर कोई बढ़-चढ़कर हिस्सा ले।
परियोजना प्रधान सुशील कुमार अरजरिया ने भी अपने संबोधन में खुशी जताई कि परियोजना में राजभाषा से जुड़े कई कार्यक्रम चल रहे हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि जितना हो सके उतना काम हिंदी में करें। उनका कहना था कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और इसे कार्यालयों में मजबूत करना जरूरी है। इन भाषणों से सभी प्रतिभागियों में उत्साह आ गया और हिंदी के प्रति जिम्मेदारी का एहसास हुआ।
मुख्य विषय, सूचना प्रौद्योगिकी से हिंदी का प्रचार

कार्यशाला का मुख्य आकर्षण रहा केंद्रीय विद्यालय चंद्रपुरा की हिंदी शिक्षिका राजश्री सिंह का व्याख्यान। उन्होंने विषय “राजभाषा के प्रचार-प्रसार में सूचना प्रौद्योगिकी का योगदान” पर विस्तार से बात की। राजश्री सिंह ने बताया कि आज के डिजिटल युग में कंप्यूटर, इंटरनेट और सॉफ्टवेयर की मदद से हिंदी को बहुत आसानी से बढ़ावा दिया जा सकता है।
उन्होंने कई उदाहरण दिए, जैसे यूनिकोड की वजह से हिंदी टाइपिंग आसान हो गई है, गूगल और अन्य टूल्स में हिंदी सपोर्ट है, और सरकारी दस्तावेज अब हिंदी में आसानी से बनाए जा सकते हैं। प्रायोगिक तरीके से भी उन्होंने दिखाया कि कैसे आईटी टूल्स से राजभाषा नीति और नियमों को लागू करना सरल हो जाता है। प्रतिभागियों ने भी काफी रुचि दिखाई और कई सवाल पूछे, जिनके जवाब राजश्री सिंह ने धैर्य से दिए। यह सत्र काफी जानकारीपूर्ण और उपयोगी साबित हुआ।
बड़े उत्साह से हुई भागीदारी
कार्यशाला में बोकारो थर्मल के विभिन्न विभागों से बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। इनमें वरिष्ठ प्रबंधक मोहम्मद तिताबु रहमान, प्रशांत कुमार, मनीष कुमार चौधरी, राहुल सिंह, सुनील मनोहर चौधरी; प्रबंधक अभिषेक श्रीवास्तव, सौरभ पुंज, हरि ओम शरण, लक्ष्मी नारायण, राहुल उरांव, मंटू कुमार; उप प्रबंधक फहीम अहमद; सहायक प्रबंधक कल्याणी कुमारी; कार्यपालक नील रत्न और सिद्धार्थ पांडा शामिल थे।
इसके अलावा सहायक नियंत्रक अशोक कुमार झा, उमा चंद्र प्रसाद, अनिल कुमार, कुंदन कुमार, राजेंद्र पासवान, कमल कृष्ण भारती, रथीन मजूमदार; कार्यालय अधीक्षक सूरज कुमार तिवारी, मोहम्मद शकील अहमद, ए एम एम कैफी, पप्पू घासी; कनिष्ठ अभियंता धर्मेंद्र कुमार, चंद्र कांत कुमार, लल्लन चौधरी; सहायक ग्रेड-I वेणुधर बेहरा, शशि भूषण प्रसाद, मोहम्मद शाहिद इकराम, भैरव महतो, रवि कुमार चक्रवर्ती, अरघा बसु, वैद्यनाथ प्रसाद, संजय कुमार राय; शिक्षक खेदन रजक, सुकेश प्रजापति, सुनील प्रसाद; तकनीशियन दिनेश प्रसाद; चार्जहैंड राजेश्वर तुरी और सहायक ग्रेड-III सुभाष चंद्र रजवार जैसे कई लोग मौजूद थे। कुल मिलाकर सैकड़ों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया, जो कार्यक्रम की सफलता का प्रमाण था।
संचालन और समापन
कार्यक्रम का संचालन परिचालन अनुभाग के सहायक नियंत्रक दीनानाथ शर्मा ने बखूबी किया। उन्होंने राजभाषा अधिनियम-1963 और नियम-1976 पर भी संक्षेप में प्रकाश डाला और सभी से राजभाषा कार्यान्वयन में ज्यादा सहयोग की अपील की।
संचालन में राजभाषा नोडल अधिकारी सूरज कुमार तिवारी, शशि भूषण प्रसाद, शाहिद इकराम, आरती रानी, केरल टुडू और वेणुधर बेहरा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का समापन सभी के उत्साह और हिंदी के प्रति संकल्प के साथ हुआ।










