गोमिया : प्रबंधन व प्रशासन के द्वारा लिए गए पूर्व निर्णय के अनुसार नियोजन की मांग को लेकर सीसीएल स्वांग वाशरी सैलरी के अवार्डधारी मजदूरों का गुरुवार से पुनः बूटकी बाई एवं डिविजन सिंह के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु हुआ था। मगर तिसरे दिन यानी शनिवार को सीसीएल कथारा जीएम संजय कुमार के लिखित आश्वासन के बाद यह आंदोलन समाप्त की घोषणा कर दी गई। मजदूरों ने प्रबंधन के नीति से नाराजगी व्यक्त किया। आंदोलन के नेतृत्व कर रही बुटकी बाई ने कहा कि हमारे साथ प्रबंधन छल पर छल करते जा रहा है इसके पहले जो आंदोलन हुई थी उसमे जो कहा वह हमलोगो ने किया तथा उसकी कॉपी भी उपलब्ध कराया लेकिन कुछ नहीं हुआ। क्षेत्रीय स्तर पर बात नहीं बनी तो बेरमो अनुमंडल पदाधिकारी के पास समस्या रखा गया जहां वार्ता हुई उसपर भी स्थानीय प्रबंधक पिछड़ गया इतना ही नहीं इस समस्या को लेकर सीसीएल मुख्यालय पहुंचे जहां वार्ता हुई लेकिन वहां भी टाल मटोल किया गया अब मजदूरों के सामने कोई विकल्प नहीं दिखने लगा। चारो ओर से ठगे गए लेकिन मजदूर हार नहीं माना ओर निर्णय लिया गया कि पुनः आंदोलन ही मात्र विकल्प है। जिसके अनुसार आंदोलन गुरुवार को शुरु किया गया अब कोई आश्वासन नहीं लेंगे जबतक नियोजन पर पहल नहीं होगा तबतक आंदोलन जारी रहेगा भूख से मरने से अच्छा है कि लड़कर मर जाये आत्मा को शांति मिलेगी।
आगे उन्होंने कहा कि अब सीसीएल से भरोसा उठ चुका है। नियोजन मिलने के बाद ही स्थगित होंगी आंदोलन। डिवीजन सिंह ने कहा कि अवार्डधारी मजदूर प्रबंधन प्रशासन के आश्वासन से थक चुकी है अब कोई आश्वासन नहीं चलेगा श्रमिक संगठन के नेताओं के स्वार्थी भावना के कारण आज हम मजदूरों के साथ यह स्थिति है इसका हिसाब ऊपर वाला ही करेगा काम करने वालो के स्थान पर फर्जी लोगो कि बहाली कर दिया गया जिसके कारण आज यह समस्या उतपन्न हुई है। मगर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे मजदूरों मे कुछ लोगो की हालत बिगड़ने लगी और सलाईन चढ़ाने की नौबत तक आ गई। यह देख प्रबंधन और प्रशासन के हाथ पांव फुलने शुरु हुए और आखिरकार सीसीएल प्रबंधन को घुटने टेकने पड़े और कथारा जीएम को लिखित आश्वासन देना पड़ा।

इस पुरे आंदोलन को आरंभ से ही लिड कर रहे झामुमो नेता मुमताज अंसारी हर समय और हर हाल में इन मजदूरों के साथ नजर आये और आंदोलन की समाप्ति की घोषणा के समय भी मौके पर मुमताज मौजूद थे। इस आंदोलन में मुख्य रुप से लालो सिंह, मनवा देवी, पिरतीम बाई, सुकवारा, फूल बाई, भरत राम, कौलेश्वर प्रजापति, शिव राम निषाद, श्रीमती देवी, किटू रविदास, दुर्योधन धोबी, नीलकंठ धोबी, बाबू राम, सरयू जोले, सीताराम आदि शामिल थे।