Tejas Fighter Jet Crash In Dubai: दुबई एयर शो में हादसा, 24 साल में दूसरी बार दुर्घटनाग्रस्त, पायलट शहीद

Tejas Fighter Jet Crash In Dubai: दुबई में प्रदर्शन के दौरान क्रैश, जानें पहली बार कब और क्यों हुआ था ऐसा हादसा

Tejas Fighter Jet Crash In Dubai: दुबई एयर शो 2025 (Dubai Air Show 2025) में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के तेजस एमके-1 (Tejas MK-1) लड़ाकू विमान के क्रैश ने पूरे रक्षा जगत को झकझोर दिया है। एक नियमित एरोबेटिक प्रदर्शन के दौरान तेजस अचानक नियंत्रण खो बैठा और कुछ ही क्षणों में आग की लपटों में समा गया। हादसे में पायलट की मौके पर ही मौत हो गई। करीब 24 वर्षों के इतिहास में यह तेजस विमान की दूसरी बड़ी दुर्घटना है। स्वदेशी तकनीक से बना यह विमान अब तक सबसे सुरक्षित हल्के लड़ाकू विमानों में गिना जाता रहा है, लेकिन यह हादसा इसके प्रदर्शन और सुरक्षा मानकों पर नए सवाल खड़े कर रहा है। आइए जानते हैं कब, कैसे और क्यों हुआ यह हादसा।

दुबई एयर शो में कैसे हुआ तेजस का हादसा?/Tejas Fighter Jet Crash In Dubai

दुबई एयर शो (Dubai Air Show) में बुधवार को भारतीय वायुसेना का तेजस एमके-1 (Tejas MK-1) फाइटर जेट एक हाई-स्पीड एरोबेटिक प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रिपोर्टों के मुताबिक विमान ने नेगेटिव-जी (Negative-G) पैंतरेबाज़ी करते समय अचानक ऊंचाई खो दी और कुछ ही सेकंड में जमीन से जा टकराया। टक्कर के बाद विमान में भीषण आग लग गई और पायलट इजेक्ट नहीं कर सके। हादसा दर्शकों की आंखों के सामने हुआ, जिसके बाद पूरे एयर शो को तत्काल रोक दिया गया। आयोजकों ने तुरंत रेस्क्यू टीम और फायर यूनिट भेजी, लेकिन पायलट को बचाया नहीं जा सका। भारतीय वायुसेना ने पायलट की शहादत की पुष्टि की है और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। यह हादसा तेजस की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा पर भी प्रभाव डाल सकता है।

पहली बार कब और क्यों क्रैश हुआ था तेजस?

तेजस की पहली दुर्घटना 12 मार्च 2024 (12 March 2024) को राजस्थान (Rajasthan) के जैसलमेर (Jaisalmer) में हुई थी। उस समय यह विमान भारतीय सेनाओं के त्रि-सेवा अभ्यास में शामिल था। उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आने पर विमान ने अचानक ऊंचाई खो दी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि इंजन का ऑयल पंप (Oil Pump) फेल हो गया था, जिसके चलते इंजन बंद हो गया और विमान नीचे आने लगा। हालांकि, उस वक्त पायलट ने समय रहते इजेक्ट कर लिया था, जिससे उनकी जान बच गई। जमीन पर भी किसी तरह की क्षति नहीं हुई थी। भारतीय वायुसेना ने उस घटना की पूरी तकनीकी जांच कराई थी और तेजस की उड़ान सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के निर्देश दिए थे। इसीलिए वर्तमान हादसा सभी के लिए चौंकाने वाला माना जा रहा है।

क्या है तेजस फाइटर जेट की खासियत और सुरक्षा रिकॉर्ड?

तेजस (Tejas) एक सिंगल-इंजन (Single Engine), डेल्टा-विंग (Delta Wing), हल्का बहु-भूमिका (Light Multi-Role) लड़ाकू विमान है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited – HAL) ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है। इसे मिग-21 (MiG-21) जैसे पुराने विमानों की जगह लेने और भविष्य में निर्यात के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था। पिछले दो दशकों में तेजस ने हजारों घंटे की उड़ानें बिना किसी गंभीर तकनीकी खराबी के पूरी की हैं, जिससे यह एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म माना जाता रहा है। अब तक तेजस से जुड़ी केवल दो दुर्घटनाएँ दर्ज हुई हैं- पहली 2024 में और दूसरी अब 2025 में। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड अब भी मजबूत है, लेकिन दुबई हादसे ने प्रदर्शन उड़ानों के दौरान इसकी सीमाओं पर नए सिरे से चर्चा छेड़ दी है।

अब होगी ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने इस घटना पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (Court of Inquiry) का ऐलान कर दिया है। जांच अधिकारी कई तकनीकी और मानवीय पहलुओं का अध्ययन करेंगे। इनमें उड़ान डेटा रिकॉर्डर (Flight Data Recorder) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (Cockpit Voice Recorder) का विश्लेषण, इंजन प्रदर्शन, नियंत्रण प्रणाली, और पायलट की प्रतिक्रियाओं की समीक्षा शामिल होगी। इसके साथ ही एयर शो के सुरक्षा प्रोटोकॉल, जोखिम मूल्यांकन और स्टंट परमिशन प्रक्रिया पर भी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद वायुसेना तेजस की डेमो उड़ानों के लिए नए सुरक्षा मानक तय कर सकती है। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह जांच न सिर्फ हादसे की वजहें उजागर करेगी बल्कि भविष्य में भारतीय लड़ाकू विमानों की विश्वसनीयता को और मजबूत करने में भी मददगार साबित होगी।

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