Trump Honoured in Israel: गाजा युद्धविराम (Gaza Ceasefire) और बंधकों की रिहाई में अहम भूमिका निभाने के बाद, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह नोबेल नहीं, बल्कि इजरायल का सर्वोच्च सम्मान है। इजरायल (Israel) की संसद नेसेट में ट्रंप के आगमन पर जिस तरह से उनका स्वागत हुआ, वह किसी ऐतिहासिक पल से कम नहीं था। संसद में गूंजती तालियों की आवाज और सांसदों का ढाई मिनट तक खड़े रहकर सम्मान देना यह दर्शाता है कि इजरायल (Israel) ट्रंप (Trump) को सिर्फ एक अमेरिकी नेता नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शांति के प्रतीक के रूप में देख रहा है। आखिर ऐसा क्या हुआ जिसने ट्रंप को इजरायल का ‘शांति कबूतर’ बना दिया- यही कहानी आज पूरे विश्व का ध्यान खींच रही है।
नेसेट में ट्रंप का ऐतिहासिक स्वागत/Trump Honoured in Israel
गाजा युद्धविराम (Gaza Ceasefire) के बीच बंधकों की रिहाई में ट्रंप की भूमिका ने उन्हें इजरायल में नई लोकप्रियता दिलाई है। जब ट्रंप इजरायली संसद (Israeli Parliament) नेसेट पहुंचे, तो वहां का माहौल अभूतपूर्व था। सांसदों ने खड़े होकर उन्हें लगभग ढाई मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन दिया। जैसे ही ट्रंप मंच पर पहुंचे, नेसेट गार्ड ने तुरही बजाई और पूरा सदन तालियों से गूंज उठा। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी इस अवसर पर मौजूद थे, जिनके समर्थन में भी सांसदों ने ‘बीबी’ का जयकारा लगाया। इस दृश्य ने अमेरिका और इजरायल के बीच मजबूत कूटनीतिक रिश्तों की एक नई तस्वीर पेश की, जहां ट्रंप और नेतन्याहू दोनों को क्षेत्रीय स्थिरता के प्रतीक के रूप में देखा गया।

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को मिला विशेष सम्मान
ट्रंप के संबोधन से पहले नेसेट के स्पीकर अमीर ओहाना (Speaker Amir Ohana) ने पूरे अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का परिचय कराया। उन्होंने ट्रंप के सलाहकार जेयर्ड कुशनर, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और राजदूत माइक हकाबी जैसे अधिकारियों की सराहना की, जिन्होंने गाजा में युद्धविराम और बंधक रिहाई की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इजरायली सांसदों ने खड़े होकर तालियों से उनका स्वागत किया। इस क्षण ने दिखाया कि अमेरिका और इजरायल के बीच न केवल राजनीतिक बल्कि रणनीतिक और मानवीय संबंध भी और गहरे हो गए हैं। इस अवसर पर दोनों देशों के बीच एकजुटता और परस्पर सम्मान का भाव स्पष्ट रूप से नजर आया, जिसने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बना दिया।
नेतन्याहू ने भेंट किया ‘गोल्डन पीस पिजन’
इस भव्य समारोह के दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने ट्रंप (Donald Trump) को विशेष रूप से सम्मानित किया। उन्होंने ट्रंप को ‘गोल्डन पीस पिजन’ यानी सुनहरा शांति कबूतर भेंट किया, जो इजरायल में शांति, एकता और सद्भावना का प्रतीक माना जाता है। यह उपहार ट्रंप की मध्यस्थता और युद्धविराम में निभाई गई भूमिका की सराहना के रूप में दिया गया। नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप ने जिस साहस और कूटनीति से बंधकों की रिहाई को संभव बनाया, वह अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है। इस सम्मान को ट्रंप के लिए न केवल एक प्रतीकात्मक उपहार बल्कि उनके वैश्विक प्रभाव और नेतृत्व की स्वीकृति के रूप में देखा जा रहा है।
बंधकों की रिहाई: ट्रंप की कूटनीति की जीत
गाजा युद्ध (Gaza War) के दौरान बंधकों की सुरक्षित रिहाई में ट्रंप की पहल को इजरायल में ‘डिप्लोमैटिक मास्टरस्ट्रोक’ माना जा रहा है। उनकी टीम ने परदे के पीछे रहकर जो बातचीत और मध्यस्थता की, उससे कई निर्दोष लोगों की जान बच सकी। इस पहल ने ट्रंप को न केवल इजरायल में बल्कि पूरे मध्य पूर्व में एक निर्णायक कूटनीतिक चेहरा बना दिया है। इजरायली मीडिया इसे ट्रंप की ‘शांति कूटनीति की वापसी’ कह रहा है। इस प्रयास ने उनकी छवि को एक ऐसे नेता के रूप में मजबूत किया है, जो संघर्ष के बजाय समाधान में विश्वास रखता है — और यही बात उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से प्रासंगिक बना रही है।
अमेरिका-इजरायल संबंधों में नया अध्याय
ट्रंप की इस यात्रा के साथ अमेरिका और इजरायल (America and Israel) के रिश्ते एक नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। गाजा युद्धविराम के बाद दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते खुले हैं, जो सिर्फ रक्षा और राजनीति तक सीमित नहीं हैं बल्कि आर्थिक और मानवीय साझेदारी को भी शामिल करते हैं। ट्रंप और नेतन्याहू ने मिलकर यह संदेश दिया कि अमेरिका और इजरायल साथ मिलकर मध्य पूर्व में स्थिरता और शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह दौरा दोनों देशों के बीच विश्वास, सहयोग और साझा लक्ष्यों की नींव को और मजबूत करता है। निस्संदेह, ‘गोल्डन पीस पिजन’ सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीति में नई शुरुआत का संकेत बन गया है।










