Uproar At Liquor Shop : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के बछरावां थाना क्षेत्र के सेहगों गांव में एक छोटी-सी घटना ने तूल पकड़ लिया है। यहां शराब के नशे में धुत एक युवक द्वारा ठेके पर उत्पात मचाने की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम को काबू करने का प्रयास महंगा पड़ गया। युवक ने सिपाहियों पर खुद की पिटाई का गंभीर आरोप लगा दिया, जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने इस दावे को हवा देकर युवक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में युवक के चोटिल दिखने का दृश्य साफ नजर आ रहा है, जिससे मामला गरमा गया है। हालांकि, पुलिस ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सफाई दी है कि युवक को केवल हिरासत में लिया गया था और कोई मारपीट नहीं की गई।
घटना की पूरी कहानी: शराब ठेके पर शुरू हुआ हंगामा

घटना मंगलवार शाम की है, जब बछरावां थाना क्षेत्र के सेहगों गांव स्थित एक सरकारी शराब ठेके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय निवासी मयंक पटेल (उम्र लगभग 25 वर्ष) नामक युवक ने शराब के नशे में ठेके पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मयंक ने ठेके के कर्मचारियों के साथ बहस की, सामान तोड़ने की कोशिश की और आसपास के लोगों को धमकी देने लगा। ठेके पर मौजूद ग्राहक और कर्मचारी घबरा गए और तुरंत थाने पर सूचना दे दी। सूचना मिलते ही बछरावां थाने से एक पुलिस टीम मौके पर रवाना हो गई।
पुलिस टीम में शामिल सिपाही और हेड कांस्टेबल ने गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। शुरू में उन्होंने मयंक को समझाने-बुझाने की कोशिश की। पुलिस के अनुसार, युवक को शांत करने के लिए कई बार समझाया गया कि वह शराब का सेवन बंद करे और घर लौट जाए। लेकिन मयंक का गुस्सा ठंडा न पड़ने पर पुलिस को मजबूरन उसे हिरासत में लेना पड़ा। इस दौरान ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई और कुछ लोग वीडियो बनाते नजर आए। हिरासत में लेने के बाद मयंक को थाने ले जाया गया, जहां उसकी मेडिकल जांच कराई गई। जांच में कोई गंभीर चोट के निशान नहीं मिले, लेकिन युवक ने पूछताछ के दौरान सिपाहियों पर पिटाई का आरोप लगाया।
वायरल वीडियो: ग्रामीणों का दावा और सोशल मीडिया पर बवाल
घटना के कुछ ही घंटों बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें मयंक को चोटें लगे हुए दिखाया जा रहा है। वीडियो में युवक रोते हुए पुलिस पर अत्याचार का आरोप लगा रहा है, जबकि पृष्ठभूमि में कुछ ग्रामीण नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस ने बिना वजह युवक को घसीटा और थप्पड़ मारे। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “मयंक ने कुछ ज्यादा हंगामा नहीं किया था, बस नशे में बड़बड़ा रहा था। पुलिस ने उसे बेरहमी से पकड़ा और पीटा। हमने वीडियो बनाया ताकि ऊपर तक बात पहुंचे।” वीडियो तेजी से शेयर हो रहा है और अब तक हजारों व्यूज जमा चुका है। कुछ लोग इसे पुलिस की गुंडागर्दी बता रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि यह युवक का ड्रामा है।
इस वीडियो के वायरल होते ही गांव में तनाव फैल गया। कुछ ग्रामीण थाने के बाहर जमा हो गए और उच्च अधिकारियों से कार्रवाई की मांग करने लगे। सोशल मीडिया पर JusticeForMayank जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे, जिससे मामला जिला स्तर पर पहुंच गया।
पुलिस की सफाई: आरोप गलत, केवल हिरासत में लिया गया
पुलिस ने वीडियो वायरल होने के बाद तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए एक प्रेस रिलीज जारी की। एसपी रायबरेली ने बताया कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं। “हमारी टीम को ठेके पर हंगामा की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचकर युवक को शांत करने का प्रयास किया गया। जब वह उग्र हो गया, तो नियमों के अनुसार हिरासत में लिया गया। कोई मारपीट नहीं हुई। वीडियो में दिख रही चोटें शायद खुद के हंगामे या गिरने से लगी होंगी। हमने मेडिकल रिपोर्ट भी जारी कर दी है, जिसमें कोई पुलिस की पिटाई का सबूत नहीं है।” पुलिस ने युवक के खिलाफ शराब के नशे में सार्वजनिक स्थान पर हंगामा करने का मामला दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है।
एसपी ने ग्रामीणों से अपील की है कि अफवाहों पर भरोसा न करें और पुलिस पर भरोसा रखें। साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर कोई ठोस सबूत मिला तो दोषी सिपाहियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, मयंक को थाने में ही रखा गया है और उसके परिवार को सूचना दे दी गई है। परिवार ने अभी कोई बयान नहीं दिया है।
जिले में बढ़ रही ऐसी घटनाएं: चिंता का विषय
रायबरेली जिले में हाल के दिनों में शराब से जुड़ी ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। ग्रामीण इलाकों में शराब ठेकों के आसपास अक्सर झगड़े होते रहते हैं, जो कभी-कभी पुलिस विवाद में बदल जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता अभियान और सख्त निगरानी की जरूरत है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे ऐसी स्थितियों को रोका जाए।
मामले की जांच जारी है और जल्द ही आगे की अपडेट आने की संभावना है। फिलहाल, गांव में शांति बनी हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर बहस जारी है।










